जनविश्वास और सरकार की क्रेडिबिलिटी का प्रतीक है 34.09 लाख करोड़ के प्रस्ताव : सीएम योगी
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
लखनऊ : सरकार किस प्रकार की होनी चाहिए? समस्याओं से मुंह मोड़ने वाली या चुनौती के रूप में स्वीकार करने वाली और भ्रष्टाचार और अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य करने वाली। नेता विरोधी दल जब बोल रहे थे तो यूपी को पिछले पायदान पर ढकेलने पर उन्हें प्रसन्नता हो रही थी। 2017 से पहले यूपी क्यों पीछे जा रहा था। सभी जानते हैं। समस्या के दो समाधान होते हैं। भाग लो या फिर भाग लो…। या तो समस्याओं को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए उसका समाधान करो जैसा 6 वर्ष में हमारी सरकार ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ किया गया है, या जैसे नेता प्रतिपक्ष की सीट खाली है ‘भाग लो’ उस तरह। बुधवार को विधानसभा में बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए सीएम योगी कुछ इसी तरह नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव पर प्रहार करते नजर आए। उन्होंने बजट पर चर्चा में हिस्सा लेने वाले सभी 134 सदस्यों का आभार जताया तो अखिलेश यादव के सवालों और आरोपों पर तथ्यों के साथ जवाब भी दिया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में जो 34.09 लाख करोड़ के प्रस्ताव आए हैं वो जनविश्वास और सरकार की क्रेडिबिलिटी का प्रतीक हैं।
नेता विरोधी दल ने भी माना कि 34 लाख करोड़ से अधिक के प्रस्ताव आए हैं
सीएम योगी ने सरकार की जिम्मेदारियों के बारे में बात करते हुए कहा कि इतने बड़े प्रदेश के प्रति हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। हम सब 25 करोड़ जनता के प्रतिनिधि के रूप में यहां बैठे हैं। नेता प्रतिपक्ष कह रहे थे कि आप दावोस गए होते तो 50 लाख करोड़ का प्रस्ताव आता। यानी उन्हें विश्वास है कि प्रस्ताव आए हैं। ये जो 34.09 लाख करोड़ के प्रस्ताव आए हैं। ये जनविश्वास और सरकार की क्रेडिबिलिटी का ही प्रतीक है। यह 2017 से पहले क्यों नहीं आता था। प्रदेश की जनता और दुनिया 2013 के वाकये को नहीं भूली होगी, जब कुंभ पर प्रजेंटेशन के लिए हावर्ड गए थे और चचाजान को तलाशी से गुजरना पड़ा। प्रदेश को हमने कहां पहुंचा दिया था। किसी एक फील्ड में यूपी को आगे बढ़ाने का प्रयास किया होता तो परिणाम अलग होते।
130 में 110 संकल्पों के लिए की बजट की व्यवस्था
सीएम योगी ने 2022-23 के बजट की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस बजट में अगर आप देखेंगे तो हमने जनता से जो वायदे किए थे उन सबको इसमें समाहित किया है। 2022 के चुनावों में पार्टी ने लोक कल्याण संकल्प पत्र को जारी करते हुए 130 संकल्प का वादा किया था। 130 मे से 110 संकल्पों के लिए बजट की व्यवस्था की गई है। 64,700 करोड़ की राशि की इसके लिए व्यवस्था की गई है। गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं के लिए इस धनराशि की व्यवस्था की गई है।
आप घोषणा करते थे, हम संकल्प लेते हैं और उन्हें पूरा करते हैं
उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पहले आप घोषणापत्र जारी करते थे। घोषणाएं बड़ी-बड़ी होती थी, होता कुछ नहीं था। 2016 में रियो दि जेनेरियो ओलंपिक के खिलाड़ियों, बैडमिंटन से पीवी सिंधु, कुश्ती में साक्षी मलिक और जिम्नास्टिक में दीपा कर्माकर को एक-एक करोड़ देने की घोषणा की थी। 6 महीने में कुछ नहीं किया, फिर जनता ने कुछ करने लायक ही नहीं छोड़ा। जब हमें जानकारी मिली तब 26 जनवरी 2018 को प्रदेश सरकार की ओर से हमने राशि प्रदान की। आप घोषणा के अलावा करते क्या थे, हम लोग संकल्प करते हैं और उसी आधार पर कार्य करते हैं।
वित्तीय प्रबंधन ये है कि दोगुने से ज्यादा का ला रहे रेवेन्यू
वित्तीय प्रबंधन को लेकर सीएम योगी ने कहा कि हमारे संकल्प पत्र को नेता विरोधी दल पढ़ रहे थे। वित्तीय प्रबंधन कैसे होना चाहिए। किस रूप में कर चोरी होती थी। कैसे प्रदेश के विकास को बाधित करते थे। कैग की रिपोर्ट और विभिन्न जाचों में रिपोर्ट मिलेगी। यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी (यीडा) 2016 तक 642 करोड़ लॉस और उसके बाद रिकॉर्ड प्रॉफिट तक गया। कहते थे नोएडा जो जाएगा वो दुबारा नहीं आएगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि अब तो पक्का नहीं आएंगे, मैंने कहा था कि डंके की चोट पर आउंगा। सरकार कैसे कार्य कर रही है और कैसे आप कर रहे थे। पहले राजस्व 86 हजार करोड़ का आता था। इस बार 31 मार्च तक कुल रेवेन्यू 2 लाख 30 हजार करोड़ का लाने जा रहे हैं। ये दोगुने से ज्यादा है। जीएसटी 49-51 हजार करोड़ 2016 में आता था, अब 1 लाख 24 हजार करोड पार करने जा रहा है। एक्साइज में इन्होंने माफिया को हावी कर दिया था। स्टेट एक्साइज से प्रदेश को 12 हजार करोड़ से कुछ ज्यादा पैसा मिला था, इस बार 45 हजार करोड़ आने जा रहा है। ये पैसा किसके पास जा रहा था। ऐसे ही कोई इंग्लैंड में होटल और ऑस्ट्रेलिया में टापू थोड़े न खरीदा जा रहा है।
6 वर्ष में दोगुने से अधिक बढ़ा यूपी का बजट
बजट की प्रशंसा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पिछले 6 वर्ष के अंदर यूपी के बजट का आकार दुगुने से अधिक बढ़ा है। 2016-17 में जो बजट 3.40 हजार करोड़ था वो इस बार दोगुने से अधिक यानी 6.90 हजार करोड़ से अधिक का रहा। ये यूपी की अर्थव्यवस्था के विस्तार को प्रस्तुत करता है। यह जीडीपी में विकास की प्रगति को, पर कैपिटा इनकम में वृद्धि को प्रस्तुत करता है। यूपी की ये यात्रा जनविश्वास पर आधारित है। यहां हर एक तबके की जवाबदेही है, कोई इससे भाग नहीं सकता। सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही है।
आप जाति-जाति करते हैं, हम डेवलपमेंट, इन्फ्रास्ट्रक्चर, अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन बनाने की बात करते हैं
जातीय जनगणना और प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर जारी बहस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विपक्ष को दो टूक जवाब दिया। उन्होंने विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि टेस्ट, वैक्सीन और राशन किसी की जाति देखकर नहीं लगाए गए थे। योजनाओं का लाभ, विकास सब तक पहुंचाने का काम हमने पूरी मजबूती के साथ किया। विरोधी दल कैसी बातें कर रहे थे। जाति हाय री जाति। कल पूरे टेलिविजन रंगे थे, प्रयागराज की घटना को लेकर। पूरी घटना का साजिशकर्ता की फोटो वायरल हो रहे थी। कोई उससे भाग नहीं सकता है। हाथ मिला रहे हैं, पीछे आपकी पार्टी का सिंबल लगा है, फिर भी आप मुंह मोड़ने का काम कर रहे हैं। उमेश पाल, संदीप निषाद की कोई जाति नहीं थी क्या। यानि आप ठेका ले चुके हैं जाति का लेकिन किसी गरीब, पिछड़े को पेशेवर अपराधियों को संरक्षण देकर मरवाएंगे, ये क्या तमाशा है, फिर मुकर भी जाएंगे, ये बड़ी अजीब बात है। राजू पाल की कोई जाति नहीं थी क्या, जब राजू पाल की हत्या हुई थी तब इस माफिया के संरक्षणदाता कौन थे। राजू पाल अपने दम पर विधायक बन गया था। आप जाति-जाति की बात करते हैं। मैंने इसी बात को पिछली बार भी कहा था। हम विकास, इन्फ्रास्ट्रक्चर, यूपी की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन बनाने की बात करते हैं तो आप हंसते हैं। आपने प्रदेश को जहां छोड़ा था आज यात्रा उससे बहुत आगे बढ़ चुकी है। उत्तर प्रदेश वन ट्रिलियन इकॉनमी बनेगा और जरूर बनेगा। इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए।
पांच साल में देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था होगा उत्तर प्रदेश
सीएम योगी ने कहा कि मुझे बताते हुए प्रसन्नता है यूपी हमारा राज्य आज रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है। हमारे पास आज के दिन बढ़ा राजस्व लोक कल्याण का आधार बन रहा है। गरीबों, किसानों, माताओं और बेटियों के कल्याण का आधार बन रहा है। वर्ल्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने का आधार बन रहा है। यूपी को जिसे आप लोगों ने बीमारू बना दिया था, आज वह बीमारू से उबर चुका है, देश की बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभर रहा है। मैं कह सकता हूं कि हमारा पहला ग्राउंड ब्रेकिंग होने दीजिए यूपी नंबर दो की अर्थव्यवस्था होगी, पांच साल में देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था होगा। सीएम ने आगे कहा कि पिछले पांच वर्ष में कोई अतिरिक्त टैक्स जनता पर नहीं लगाया। पेट्रोल डीजल के दाम यूपी में सबसे कम है, अगल-बगल के राज्यों से मिला लीजिए। यूपी में जीएसटी देने के लिए व्यापारी वर्ग उतावला है। 26 लाख से अधिक व्यापारियों ने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन किया है और लगातार कर रहा है। सरकार ने हर व्यापारी को 10 लाख की सुरक्षा बीमा का कवर उपलब्ध कराया है।
महामारी के समय भी नियंत्रण में रखा राजकोषीय घाटा
सीएम योगी ने कहा कि ये तब है जब हमने कोरोना महामारी को झेला है। सरकार की संवेदनशीलता थी। प्रदेश में मुफ्त टेस्ट, उपचार, वैक्सीन, राशन उपलब्ध कराई गयी। गरीबों को भरण पोषण भत्ता, 40 लाख कामगारों के स्किल मैपिंग की व्यवस्था। हमने कभी नहीं कहा कि हमारे पास पैसा नहीं है। हमे न बैंकों से लोन लेने की जरूरत पड़ी, ना वित्तीय संस्थाओं के सामने गिड़गिड़ाने की आवश्यक्ता हुई। एफआरवीएम एक्ट की लिमिट में उसके अंदर ही यूपी की वर्तमान की व्यवस्था को राजकोषीय घाटे के दायरे में रखा है। यूपी ने कोविड 19 जैसी महामारी का सामना करते हुए राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखा, ये सरकार के वित्तीय प्रबंधन का बेहतरीन नमूना है, जिसके लिए विपक्ष को सरकार की सराहना करना चाहिए।
हमने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट दिया, आपने वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया
मंगलवार को नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट को लेकर सरकार के प्रयासों का मजाक उड़ाया था तो बुधवार को सीएम योगी ने उनके आरोपों का करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट ने एमएसएमई को नया जीवन दिया है। इसी का परिणाम है कि यूपी एक्सपोर्ट का हब बना है। यूपी आज 2016 -17 की तुलना में दोगुने से अधिक रोजगार दे रहा है। 21-22 में 1 लाख 56 हजार करोड़ का एक्सपोर्ट हमारा केवल 21-22 में ही पहुंच चुका है। उन्होंने चुटीले अंदाज में कहा कि आप ओडीओपी तो नहीं दे पाए, मगर वन डिस्ट्रिक्ट वन मफिया जरूर दिया था। कौन सा जिला था जहां एक माफिया नहीं था। कहीं संगठित अपराध, कहीं खनन, कहीं वन माफिया था, ये हर आम आदमी यूपी का जानता है।
ओडीओपी आज दुनिया भर में लोकप्रिय
सीएम योगी ने आगे कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि हमारी सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की अभिनव योजना प्रदेश की एमएसएमई को देश के अंदर और दुनिया के अंदर प्रस्तुत किया। आज ये दुनिया की लोकप्रिय योजना बन चुकी है। प्रधानमंत्री आज पूरी दुनिया में कहीं जाते हैं और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की प्रतिकृति उपहार में देते हैं तो कलाकार की कृति को वैश्विक मान्यता मिलती है। इसपर गौरव करने की जगह इसका उपहास उड़ाना अपने हस्तशिल्पियों का मजाक उड़ाने जैसा है। उन्हें हम हतोत्साहित कर रहे हैं, जबकि हमें उसे प्रोत्साहित करना चाहिए, वो हमारे विरासत का हिस्सा है। आपके लिए वो जाति का हिस्सा हो सकता है, हमारे लिए एक हस्तशिल्पी की कला को सम्मान देना है।
जाति का मुद्दा उठाना ध्यान हटाने का प्रयास
सीएम ने आगे कहा कि आप बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की बात कर रहे थे न, 2012 से 17 के बीच क्या हुआ था हर कोई जानता है। 2016-17 में अनुसूचित जाति और जनजाति के 21 लाख 21 हजार 629 छात्र-छात्राओं की तत्कालीन सरकार ने छात्रवृत्ति रोक दी थी। जब हमारी सरकार आई मार्च 17 में हमने दोनों साल का जोड़कर स्कॉलरशिप दिया था। यही लोग दलितों, गरीबों, वंचितों, पिछड़े के हक पर डकैती डालने का काम करते थे, जब कुछ नहीं होता तो जाति जाति चिल्लाने का काम करते हैं। कोई मुद्दा न मिले तो जाति का मुद्दा उठाकर समाज के ध्यान को हटाने का प्रयास किया जाता है।
हर क्षेत्र में हुई है प्रगति
उन्होंने प्रदेश की उन्नति का हवाला देते हुए कहा कि 2016-17 के बजट में राज्य के रेवेन्यू का केवल 33 फीसदी का योगदान था। आज ये कांट्रिब्यूशन 44 फीसदी है। 16 -17 में वित्तपोषण 20 फीसदी था जो 23-24 में 16 प्रतिशत हो गया है। आत्मनिर्भर बजट हो गया है। पहले 8 प्रतिशत राशि ऋणों के ब्याज में चुकता हो जाती थी, आज ये घटकर साढ़े 6 फीसदी तक आ गया है। इन्फ्रा और रोजगार 2016 से तुलना करें तो ये दोगुने से ज्यादा हो गया है। आज प्रदेश के अंदर 1 लाख 56 हजार करोड़ की राशि कैपिटल एक्सपेंडीचर पर खर्च हो रही है।