पाकिस्तान में 45 फीसदी जनता गरीब, 16 पर्सेंट अति निर्धन: वर्ल्ड बैंक

कराची

लंबे समय से आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) में आईएमएफ (IMF) से लेकर तमाम वैश्विक निकायों से मिल रही वित्तीय सहायता के बाद भी हाल बदहाल हैं. लोग गरीबी में घुसते जा रहे हैं और महंगाई के कोहराम के चलते लोगों को खाने-पीने और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए जूझना पड़ रहा है. इन सबके बीच पाकिस्तान गीदड़भभकियां देते हुए भारत से पंगा लेता रहता है और हर बार उसे मुंह की खानी पड़ती है. Paksitan में लगातार गरीबी बढ़ रही है और ये हम नहीं कह रहे, बल्कि खुद विश्व बैंक (World Bank) की रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है और साथ ही गरीबी बढ़ने का बड़ा कारण भी बताया गया है. खास बात ये है कि ये रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब जून में World Bank द्वारा पाकिस्‍तान के लिए 20 अरब डॉलर का अमाउंट अप्रूव करने की बातें कही जा रही हैं.

 पाकिस्तान की करीब आधी आबादी गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर कर रही है। वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान की 45 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजार रही है। वर्ल्ड बैंक के डेटा में यह जानकारी दी गई है। विश्व बैंक ने 2018-19 के सर्वे के अनुसार यह बात कही है। बैंक का कहना है कि गरीबी रेखा से जीवन स्तर ऊपर उठाने के मामले में पाकिस्तान की स्थिति लगातार खराब हो रही है। यही नहीं अति-निर्धनता में जीने वाले पाकिस्तानियों की संख्या बीते कुछ सालों में 4.9 फीसदी से बढ़कर 16.5 पर्सेंट हो गई है।

विश्व बैंक ने वैश्विक गरीबी इंडेक्स को अपडेट किया है और उसमें पाकिस्तान की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसकी वजह यह है कि बीते कुछ सालों में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में कोई ग्रोथ नहीं है। विश्व बैंक का कहना है कि इंटरनेशनल पॉवर्टी लाइन 3 डॉलर मासिक की कमाई पर आधारित है। पाकिस्तान में ऐसे लोग 45 फीसदी हैं, जिनकी कमाई महीने में तीन डॉलर भी नहीं है। इसके अलावा पाकिस्तान अति निर्धन परिवारों की संख्या में इजाफे की एक और वजह है। वह है इंटरनेशनल पॉवर्टी इंडेक्स में बदलाव होना।

पहले इंटरनेशनल पॉवर्टी इंडेक्स का मानक 2.15 डॉलर था, जो अब बढ़कर 3 डॉलर हो गया है। इससे पहले कम आय वाले देशों यानी LIC के लिए प्रति व्यक्ति आय की दर वर्ल्ड बैंक ने 2.15 डॉलर निर्धारित की थी। तब पाकिस्तान के 4.9 फीसदी लोग अति निर्धन माने गए थे। अब यह मानक बढ़कर 3 डॉलर प्रतिदिन हो गया है। इसके साथ ही आंकड़ा भी अब 16.5 पहुंच गया है।

बता दें कि पाकिस्तान गरीबी के साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा के मानकों में भी फिसड्डी है। यहां तक कि पाकिस्तान में बीते करीब डेढ़ सालों में पोलियो के ही 81 केस मिल चुके हैं। ऐसा तब है, जब दुनिया के तमाम देश पोलियो मुक्त हो चुके हैं। वहीं अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अब भी पोलियो के केस पाए जाते हैं।

मदद के बाद भी नहीं सुधरे PAK के हालात
बीते कुछ सालों में सोशल मीडिया पर Pakistan की बदहाली की तमाम तस्वीरें वायरल हुईं और आर्थिक तंगी के बीच लोग आटा-दाल से लेकर गैस-पानी तक के लिए जान की बाजी लगाते हुए नजर आए. ये हाल पाकिस्तान में तब हैं, जब उस पर तरस खाते हुए IMF-World Bank ने बड़ी रकम दी है. लेकिन आतंक का पनाहगार देश आम लोगों के जीवन में बदलाव के बजाय इसे आतंकियों पर लुटाने में लगा है, हाल ही में पहलगाम हमले के बाद भारत से बढ़े तनाव के बीच ये खुलकर सबसे सामने आ गया और आईएमएफ को भी इसका एहसास हुआ. इसके चलते उसने जो 1 अरब डॉलर की अतिरिक्त आर्थिक मदद के साथ पाकिस्तान के लिए बेलआउट को मंजूरी दी थी, उसके तुरंत बाद 11 नई शर्तें लगातार पाकिस्तान को झटका दिया.

पाकिस्तान की बदहाल की हाल ये है कि देश पर 131 अरब डॉलर का बाहरी कर्ज है, जो इसकी जीडीपी (Pakistan GDP) का करीब 42 फीसदी है, तो महंगाई, भुखमरी और बेरोजगारी की मार से जनता कराह रही है.  

पाकिस्तान में गरीबी बढ़ने के पीछे GST
अब वर्ल्ड बैंक (World Bank) की एक नई रिपोर्ट आई है और इसमें पाकिस्तान में बढ़ती गरीबी के पीछे के कारणों के बारे में बड़ा खुलासा किया गया है. इसमें वैश्विक निकाय ने कहा है कि पाकिस्तान की गरीबी (Pakistan Poverty) बढ़ने के पीछे जनरल सेल्स टैक्स यानी GST अहम रोल निभा रहा है. 'द इफेक्ट्स ऑफ टैक्सेज एंड ट्रांसफर्स ऑन इनइक्वलिटी एंड पावर्टी इन पाकिस्तान' शीर्षक वाली अपनी रिपोर्ट में वर्ल्ड बैंक ने दावा किया है कि जीएसटी भुगतान पाकिस्तानी परिवारों के प्री-टैक्स एक्सपेंडिचर का 7 फीसदी से ज्यादा है, जो गरीब और कमजोर परिवारों को और गरीब बनाने का काम कर रहा है.

Dawn की एक रिपोर्ट में भी वर्ल्ड बैंक की रिसर्च का हवाला देते हुए कहा गया है कि व्यक्तिगत राजकोषीय साधनों के सीमांत योगदान का अनुमान और व्यक्तिगत राजकोषीय साधनों का गरीबी या असमानता पर अतिरिक्त प्रभाव जब अन्य सभी राजकोषीय साधनों को शामिल किया जाता है, तो यह साफ प्रदर्शित करता है कि जनरल सेल्स टैक्स का पाकिस्तान में राष्ट्रीय गरीबी वृद्धि में सबसे बड़ा योगदान है.

PAK Govt के लिए बड़ी सलाह
वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तान को इस खतरे से आगाह करने के बाद इससे बचाव का की सलाह भी दी है और सुझाव देते हुए कहा है कि पाकिस्तान सरकार को डॉमेस्टिक रेवेन्यू कलेक्शन और पब्लिक एक्सपेंडिचर में सुधार करना होगा. फिस्कल इक्विटी में सुधार के लिए ये करना जरूरी है. इसके अलावा वैश्विक निकाय ने पाकिस्तान में पब्लिक हेल्थ और एजुकेशन तक पहुंच बढ़ाने के लिए सुधार लागू करने पर भी जोर दिया है, जो देश में गरीबी और असमानता को कम करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.

इसके साथ ही World Bank ने पाकिस्तान के टैक्स सिस्टम की कमियों को उजागर करते हुए कहा है कि पाकिस्तान के लिए मुसीबत ये है कि उसने इनडायरेक्ट टैक्सों पर ज्यादा फोकस किया है और सब्सिडी एक्सपेंडिचर से रेवेन्यू अर्जित करने का रास्ता चुना है.

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button