भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ने जा रही है, छठी स्कॉर्पीन पनडुब्बी लॉन्च
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
मुंबई : समुद्र में भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ने जा रही है। भारतीय नौसेना ने प्रोजेक्ट-75 की छठी स्कॉर्पीन पनडुब्बी आईएनएस वागशीर को बुधवार को लॉन्च किया है। लॉन्चिंग प्रोजेक्ट-75 के तहत मुबंई के मझगांव डॉक्स से की गई, यह एक डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन है। यह बेहद आधुनिक नेविगेशन और ट्रैकिंग सिस्टम्स से लैस है, इसके साथ ही इसमें कई तरह के हथियारों को भी शामिल किया गया है। अभी एक साल तक समुद्री परीक्षण होंगे और उसके बाद सबमरीन को भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा।
आईएनएस वागशीर कई प्रकार के मिशनों को अंजाम दे सकती हैं, जैसे कि सतह-विरोधी युद्ध, पनडुब्बी रोधी युद्ध, खुफिया जानकारी एकत्र करना, समुद्री बारूदी सुरंग बिछाना, क्षेत्र की निगरानी आदि। पनडुब्बी को ऑपरेशन के समय हर परिस्थिति में संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस सबमरीन को मझगांव डॉक्स शिप बिल्ड्रर्स ने बनाया है। यह पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत बनाई गई है। यह कलवारी क्लास पनडुब्बी है। इस क्लास की पनडुब्बियों की लंबाई लगभग 221 फीट, बीम 20 फीट और ऊंचाई 40 फीट होती है।
इसकी रेंज के हिसाब से गति तय होती है। अगर यह सतह पर 15 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही है, तो यह 12 हजार किलोमीटर तक चल सकती है। पानी के अंदर यह 1020 किलोमीटर की रेंज तक जा सकती है लेकिन गति 7.4 किलोमीटर प्रतिघंटा होनी चाहिए। इनमें 4 एमटीयू 12V 396 SE84 डीजल इंजन लगे होते हैं। इसके अलावा 360 बैटरी सेल्स होती हैं।पानी की सतह पर इनकी गति 20 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है, जबकि पानी के अंदर यह 37 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलती हैं।
यह 50 दिनों तक पानी के अंदर बिता सकती है। अधिकतम 350 फीट की गहराई जा सकती है, इसमें 8 सैन्य अधिकारी और 35 सेलर तैनात किए जा सकते हैं। इनके अंदर एंटी-टॉरपीड काउंटरमेजर सिस्टम लगा है। इसमें 533 मिमी के 6 टॉरपीडो ट्यूब्स होते हैं, जिनसे 18 एसयूटी टॉरपीडोस या एसएम.39 एक्सोसेट एंटी-शिप मिसाइल लॉन्च की जा सकती हैं। यह पानी के अंदर 30 समुद्री बारूदी सुरंग बिछा सकती है। आईएनएस वागशीर (INS Vagsheer) के शामिल होने के बाद कलवारी क्लास की छह अटैक सबमरीन हो जाएंगी। इस क्लास में आईएनएस कलवारी, आईएनएस खंडेरी, आईएनएस करंज, आईएनएस वेला और आईएनएस वागीर लॉन्च की जा चुकी हैं।
(जी.एन.एस)