140 करोड़ भारतीयों की ओर से मॉरीशस के लोगों को नेशनल डे की बधाई: PM मोदी

पोर्ट लुइस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने बुधवार को प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। इसके बाद दोनों की मौजूदगी में भारत और मॉरीशस के बीच अहम समझौते भी किए गए। दोनों देशों ने आज 8 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान दोनों नोताओं ने संयुक्त बयान भी जारी किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, '140 करोड़ भारतीयों की ओर से मैं मॉरीशस के सभी नागरिकों को राष्ट्रीय दिवस की शुभकामनाएं देता हूं। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मुझे मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस पर फिर से आने का अवसर मिला है। मैं इसके लिए प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम और मॉरीशस सरकार का आभार व्यक्त करता हूं।'

उन्होंने कहा, 'भारत और मॉरीशस का संबंध सिर्फ हिंद महासागर ही नहीं, बल्कि हमारी साझी सांस्कृतिक परंपराओं और मूल्यों से भी जुड़ा है। हम आर्थिक और सामाजिक प्रकृति की राह पर एक दूसरे के साथी हैं। प्राकृतिक आपदा हो या कोविड विपदा, हमने हमेशा एक दूसरे का साथ दिया है।'

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मॉरीशस में गति के लिए मेट्रो एक्सप्रेस, न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट भवन, सुखद प्रवास के लिए सोशल हाउसिंग, अच्छे स्वास्थ्य के लिए ईएनटी अस्पताल, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए UPI और RUPAY कार्ड, सस्ती और बेहतर गुणवत्ता वाली दवाओं के लिए जन औषधि केंद्र, ऐसी अनेक जन केंद्रित पहल हैं, जिन्हें हमने समयबद्ध तरीके से पूरा किया है।'

पीएम मोदी को मॉरीशस के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मान को प्राप्त करने वाले पहले भारतीय हैं और यह 21वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है, जो उन्हें किसी अन्य देश द्वारा प्रदान किया गया है। इस अवसर पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री रामगुलाम ने कहा कि मोदी पांचवे विदेशी नागरिक हैं, जिन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया गया है।

ये भारत और मॉरीशस के ऐतिहासिक रिश्तों का सम्मान 

मॉरीशस के पोर्ट लुईस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं मॉरीशस आता हूं, तो ऐसा लगता है कि अपनों के बीच ही तो आया हूं। यहां की हवा में, यहां की मिट्टी में, यहां के पानी में अपनेपन का एहसास है। यहां की मिट्टी में हमारे पूर्वजों का खून और पसीना मिला हुआ है। मॉरीशस के लोगों ने, यहां की सरकार ने, मुझे अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का फैसला लिया है। मैं आपके निर्णय को विनम्रता से स्वीकार करता हूं। ये भारत और मॉरीशस के ऐतिहासिक रिश्तों का सम्मान है।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कही ये बातें…

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मुझे याद है, साल 1998 में अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन के लिए मुझे यहां आने का अवसर मिला था। तब मैं किसी सरकारी पद पर भी नहीं था। एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में यहां आया था। संयोग देखिए, नवीन रामगुलाम उस समय भी प्रधानमंत्री थे। जब मैं प्रधानमंत्री बना तो नवीन रामगुलाम मेरे शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने दिल्ली आए थे। प्रभु राम और रामायण के प्रति जो आस्था, भावना मैंने जो सालों पहले महसूस की थी, वह आज भी अनुभव करता हूं।

भारत और मॉरीशस के बीच आस्था का संबंध हमारी मित्रता का बहुत बड़ा आधार

हमारे पूर्वज भारत के विभिन्न क्षेत्रों से यहां लाए गए थे। जब हम भाषा, बोली और खानपान की आदतों में विविधता पर विचार करते हैं, तो यह स्थान वास्तव में एक छोटा हिंदुस्तान, एक लघु भारत का प्रतिनिधित्व करता है। जब अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हुआ, हमारा 500 साल का इंतजार खत्म हुआ, तो भारत में जो उत्साह और उत्सव था, यहां मॉरीशस में भी उतना ही बड़ा महोत्सव हमने देखा। उस दौरान मॉरीशस ने आधे दिन की छुट्टी भी घोषित की थी। भारत और मॉरीशस के बीच आस्था का ये संबंध हमारी मित्रता का बहुत बड़ा आधार है।

मां गंगा की कृपा से मॉरीशस समृद्धि की नई ऊंचाइयों को छुए

पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं जानता हूं कि मॉरीशस के अनेक परिवार अभी-अभी महाकुंभ में भी होकर आए हैं। दुनिया को आश्चर्य हो रहा है कि मानव इतिहास का, विश्व का, ये सबसे बड़ा समागम था और उसमें मॉरीशस के लोग भी गए थे। लेकिन मुझे ये भी पता है कि मॉरीशस के मेरे अनेक परिवारजन चाहते हुए भी एकता के इस महाकुंभ में नहीं जा पाए। मुझे आपकी भावनाओं का ध्यान है, इसलिए मैं आपके लिए पवित्र संगम का और महाकुंभ के उसी समय का पवित्र जल साथ लेकर आया हूं। इस पवित्र जल को कल गंगा तालाब को अर्पित किया जाएगा। मेरी प्रार्थना है कि मां गंगा की कृपा से मॉरीशस समृद्धि की नई ऊंचाइयों को छुए।

मॉरीशस में, प्रवासी भारतीयों की सातवीं पीढ़ी को ओसीआई कार्ड की पात्रता प्रदान करने का लिया निर्णय 

पीएम मोदी ने कहा कि मॉरीशस में, प्रवासी भारतीयों की सातवीं पीढ़ी को ओसीआई (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया) कार्ड की पात्रता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। मुझे मॉरीशस के राष्ट्रपति और उनकी पत्नी को ओसीआई कार्ड प्रदान करने का सौभाग्य मिला। साथ ही मुझे मॉरीशस के प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी को भी यह सम्मान प्रदान करते हुए खुशी हो रही है। मॉरीशस सिर्फ एक साझेदार देश नहीं है। हमारे लिए मॉरीशस एक परिवार है। यह भारत और ग्लोबल साउथ के बीच एक सेतु है। यह रिश्ता इतिहास, विरासत और मानवीय भावना में गहरा और मजबूत है।

बिहार के साथ मॉरीशस का भावुक संबंध 

पीएम मोदी ने बिहार का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार के साथ आपका भावुक संबंध भी मैं समझता हूं। दुनिया के अनेक हिस्से जब पढ़ाई-लिखाई से कोसों दूर थे, तब नालंदा जैसा ग्लोबल इंस्टीट्यूट भारत में था, बिहार में था। हमारी सरकार ने फिर से नालंदा यूनिवर्सिटी को और नालंदा स्पिरिट को रिवाइव किया है। बिहार का मखाना, ये आज भारत में बहुत चर्चा में है। आप देखेंगे कि वो दिन दूर नहीं, बिहार का ये मखाना, दुनिया भर में स्नैक्स मैन्यू का हिस्सा होगा।

संकट के समय में भारत हमेशा मॉरीशस के साथ खड़ा रहा

संकट के समय में भारत हमेशा मॉरीशस के साथ खड़ा रहा है। कोविड-19 के दौरान, भारत एक लाख वैक्सीन और ज़रूरी दवाइयां पहुंचाने वाला पहला देश था। जब मॉरीशस संकट का सामना करता है, तो भारत सबसे पहले मदद के लिए आगे आता है। जब मॉरीशस समृद्ध होता है तो भारत सबसे पहले जश्न मनाता है। जैसा कि मैंने पहले कहा कि हमारे लिए मॉरीशस एक परिवार है।

पिछले साल मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस पर भारत के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे, जो भारत और मॉरीशस के बीच मजबूत संबंधों को दर्शाता है। 12 मार्च को राष्ट्रीय दिवस के रूप में मुझे चुनना दोनों देशों के साझा इतिहास को भी दर्शाता है। यह तारीख इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन महात्मा गांधी ने उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ दांडी सत्याग्रह शुरू किया था।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News news desk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *