अनुपूरक बजट के जरिए निकाय चुनाव पर फोकस

- अबकी बार क्लीन स्वीप के इरादे से उतरेगी सरकार
- बजट में नगरीय बुनियादी सुविधाओं का खास ख्याल
- योगी सरकार ने सदन में पेश किया 33, 700 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
लखनऊ : उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा बजट पेश किए जाने की आठ माह के अंदर ही योगी आदित्यनाथ सरकार ने सोमवार को सदन में अनुपूरक बजट पेश किया। 33 हजार 700 करोड़ रुपए से अधिक के अनुपूरक बजट में नई योजनाओं पर 14 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। निकाय चुनावों के मद्देनजर अनुपूरक बजट में सड़क निर्माण और नागरिक सुविधाओं को बेहतर करने के लिए भी अत्रिकक्त धनराशि माँगी गई है।
विधानसभा सत्र के पहले ही दिन सदन के दोनों सदनों में अनुपूरक बजट पेश किया गया। अब मंगलवार को इस अनुपूरक बजट को पास कराया जाएगा। राज्य विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 33 हजार 700 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया। जबकि विधान परिषद में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इसे प्रस्तुत किया। अनुपूरक बजट में बजट में नई योजनाओं के लिए 14000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। इसके साथ ही इसमें अगले वर्ष फरवरी में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए खर्च होने वाली धनराशि की भी व्यवस्था ही गई है। नगर विकास विभाग की स्वच्छ भारत मिशन, अमृत योजना, स्मार्ट सिटी व प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए राज्यांश संबंधी मांगें भी उससे की गई है। साथ ही पीडब्ल्यूडी ने सड़कों के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण के लिए करीब 2000 करोड़ रुपये मांगे हैं। सिंचाई विभाग ने कंप्यूटराइजेशन के लिए और युवाओं के लिए निशुल्क टैबलेट व स्मार्ट फोन के लिए भी बजट में धनराशि देने का प्रावधान किया गया है।
गौरतलब है कि इस वर्ष दोबारा सत्ता में आने के बाद योगी सरकार ने 26 मई 2022 को यूपी का आम बजट 6,15,518.97 लाख करोड़ रुपये का पेश किया था। 15 जनवरी के पहले यूपी में शहरी नगर निकाय के चुनाव होने है। मुख्यमंत्री का इन चुनावों पर खासा जोर है। इसको जोड़कर ही अब वह ट्रिपल इंजन की सरकार की बात कर रहे हैं। इसीके मद्देजर वह प्रबुद्ध सम्मेलन भी कर रहे हैं। दरअसल इन चुनावों में मुख्यमंत्री की मंशा क्लीनस्वीप की है। इसीलिए गुजरात चुनावों की व्यस्तता के बावजूद उन्होंने समय निकालकर प्रबुद्ध सम्मेलनों का सिलसिला जारी रखा। अभी चार दिसंबर को उन्होंने गोरखपुर में प्रबुद्ध सम्मेलन किया था। इसके पहले सहारनपुर, गाजियाबाद, झांसी, प्रयागराज, अलीगढ़, आगरा, फिरोजाबाद, मेरठ एवं मुरादाबाद में प्रबुद्ध सम्मेलन कर चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि नगर निकाय के पिछले (2017) चुनावों में अलीगढ़ एवं मेरठ को छोड़ बाकी सभी भाजपा के खाते में आई थीं। इन चुनावों में सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं ही प्रमुख मुद्दा होती हैं। यही वजह है कि नगरीय सुविधाओं में इजाफा करने के लिए सरकार को धन की आवश्यकता थी। अनुपूरक बजट में इस पर खास ध्यान रखा गया है।
इसी तरह 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को लेकर फरवरी 2023 में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए भी सरकार को धन चाहिए था। राज्य में औद्योगिक निवेश का यह टार्गेट पूरा हो सके इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सरकार के दोनों और उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक तथा केशव मौर्य विदेशी निवेशकों को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आमंत्रित करने के लिए विदेश जाएंगे। इनके अलावा योगी सरकार के कई कैबिनेट मंत्री और अधिकारी भी विदेश जाएंगे.
राज्य के वित्त मंत्री और वित्त विभाग के अफसरों के अनुसार, प्रदेश के आम बजट के बाद प्रदेश के विकास संबंधी योजनाओं में फंड की होने वाली कमी का आकलन करते हुए अनुपूरक बजट लाया गया है। अब इस अनुपूरक बजट के जरिए योजनाओं को लागू करने और प्रोजेक्ट्स के कामों में तेजी लाने के कार्य में तेजी आएगी।