वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खुले बाबा केदारनाथ के कपाट, ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों से गूंज उठा धाम

केदारनाथ
 उत्तराखंड के पवित्र हिमालयी धाम, केदारनाथ के कपाट आज प्रातः 7 बजे वैदिक मंत्रोच्चार और ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलने के साथ ही केदारनाथ धाम भक्ति और श्रद्धा से सराबोर हो गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी पत्नी गीता धामी के साथ इस शुभ अवसर पर मंदिर में उपस्थित रहे और बाबा केदार के दर्शन कर विधिवत पूजा-अर्चना की।

इस पावन मौके पर हजारों श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे। मंदिर परिसर ‘हर-हर महादेव’ के नारों से गूंज उठा। श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए मंदिर को विशेष रूप से 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया, जिनमें देश-विदेश के 45 प्रकार के फूल शामिल थे। पश्चिम बंगाल के 50 कारीगरों ने सजावट में योगदान दिया। कपाट खुलते ही हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई, जिसने श्रद्धालुओं के उत्साह को चरम पर पहुंचा दिया।

पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा तैयारियों का लिया जायजा

इससे पहले गुरुवार को में प्रदेश के डीजीपी दीपम सेठ एवं अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) श्री वी. मुरुगेशन ने श्री बद्रीनाथ और श्री केदारनाथ धाम में जाकर सुरक्षा व्यवस्थाओं और अन्य तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण किया.  पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग अक्षय प्रल्हाद कोंडे ने उन्हें सुरक्षा तैयारियों की जानकारी दी.

इस बार केदारनाथ यात्रा में भीड़ नियंत्रण के लिए टोकन व्यवस्था लागू की जा रही है, जो पहले दिन से ही प्रभावी होगी. डीजीपी ने टोकन काउंटरों की संख्या बढ़ाने, पीए सिस्टम से यात्रियों को जानकारी देने और स्क्रीन पर स्लॉट व नंबर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए. उन्होंने एटीएस और पैरा मिलिट्री बल की तैनाती को भी सुव्यवस्थित करने की बात कही.

इस बार मंदिर में फोन पर है पाबंदी

केदारनाथ में यात्रियों के लिये गाइडलाइन्स जारी की गई हैं. केदारनाथ मंदिर परिसर के 30 मीटर के दायरे में मोबाइल के इस्तेमाल की इजाजत नहीं है. रील या फोटो शूट करते पाए जाने पर मोबाइल फोन जब्त कर लिये जाएंगे और 5000 का जुर्माना देना पड़ सकता है

हर साल शीतकाल में भारी बर्फबारी के कारण बाबा केदारनाथ के मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. जैसे ही ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है, मंदिर के द्वार पुनः खुलते हैं और बाबा केदार भक्तों को दर्शन देकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं.

पंचमुखी डोली यात्रा और व्यवस्थाएं

27 अप्रैल को ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर से बाबा केदार की पंचमुखी डोली यात्रा आरंभ हुई थी, जो विभिन्न पड़ावों से होते हुए 1 मई को केदारनाथ धाम पहुंची। यात्रा के स्वागत और कपाटोत्सव के लिए मंदिर परिसर में व्यापक तैयारियां की गईं, जिनमें साफ-सफाई, दर्शन व्यवस्थाएं और पुजारियों के आवास की सुविधा शामिल रही। चारधाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए राज्य सरकार ने 50 हेल्थ एटीएम, 70 से अधिक स्वास्थ्य जांच केंद्र और मजबूत सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की है।

श्रद्धालुओं के लिए टोकन सिस्टम लागू

कपाट खुलने के पहले दिन ही लगभग 15,000 श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचे। सुबह 10:15 बजे तक 10,000 से अधिक लोगों ने दर्शन किए। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने टोकन सिस्टम लागू किया है, जिसमें हर घंटे 1,400 लोगों को दर्शन की अनुमति दी जा रही है। संगम पर बनाए गए 10 टोकन काउंटरों से वितरण हो रहा है, जिससे लंबी कतारों की आवश्यकता न पड़े। हालांकि, गौरीकुंड में इस बार अपेक्षाकृत कम भीड़ देखी गई।

मुख्यमंत्री का संदेश और सांस्कृतिक आयोजन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “चारधाम यात्रा अक्षय तृतीया से शुरू हो चुकी है और सरकार का प्रयास है कि यह यात्रा हर श्रद्धालु के लिए सुरक्षित और सुगम बने।” उन्होंने कपाट खुलने के उपलक्ष्य में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया और श्रद्धालुओं से संवाद किया। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 4 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

हाल ही में हुए पहलगाम हमले के मद्देनज़र केदारनाथ धाम में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पूरे क्षेत्र में 139 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वॉड भी तैनात हैं। स्थानीय पुलिस, प्रशासन और केंद्रीय सुरक्षा बलों की लगातार निगरानी जारी है।

चारधाम यात्रा का उत्साह चरम पर

30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की विधिवत शुरुआत हो चुकी है। इस वर्ष केदारनाथ धाम में जून से अगस्त के बीच 25 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। अब तक केदारनाथ यात्रा के लिए 7.60 लाख से अधिक ऑनलाइन पंजीकरण हो चुके हैं।

धार्मिक महत्व

केदारनाथ धाम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और चारधाम तथा पंचकेदार यात्रा का अभिन्न हिस्सा है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। कपाट खुलने के साथ ही मंदिर में रुद्राभिषेक, शिवाष्टक, शिव तांडव स्तोत्र और केदाराष्टक जैसे मंत्रों का जाप हुआ, जिसने श्रद्धालुओं को गहरे आध्यात्मिक अनुभव से भर दिया।

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News news desk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *