राज्य की स्कूल शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए किए जा रहे हैं लगातार प्रयास

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा राज्य की स्कूल शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए ‘मिशन-100 प्रतिशत’ मुहिम को कामयाब करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

इन प्रयासों के अंतर्गत ही आज स्कूल शिक्षा मंत्री पंजाब स. हरजोत सिंह बैंस ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए फील्ड में काम कर रहे विज्ञान, गणित और अंग्रेजी/समाजिक शिक्षा विषय के 749 ब्लॉक और जि़ला मैंटरों (बी.एम. और डी.एम.) को तुरंत जरूरतमंद स्कूलों में तैनात करने सम्बन्धी जि़ला शिक्षा अफसरों को हुक्म जारी किये हैं।

शिक्षा मंत्री के अनुसार वर्तमान समय में इन विषय के 680 अध्यापक बतौर ब्लॉक मैंटर और 69 अध्यापक बतौर जि़ला मैंटर स्कूलों में पढ़ाने की जगह फील्ड ड्यूटी कर रहे थे। स. बैंस के अनुसार ‘मिशन-100 प्रतिशत’ मुहिम का मकसद फज़ऱ्ी आंकड़े पेश करके वाह-वाही कमाना नहीं, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता को सुधार कर हर विद्यार्थी की सीखने की कुशलता में वृद्धि करना है।
स. बैंस ने कहा कि उनको कुछ जिलों से यह रिपोर्टें मिली थीं कि यह तैनातियाँ करते समय विभागीय नियमों की पालना नहीं की गई, जिस संबंधी स्पष्ट हिदायतें हैं कि माध्यमिक स्कूलों में कोई भी मैंटर तैनात ना किया जाये परन्तु सिंगल टीचर माध्यमिक स्कूल में केवल एक मैंटर तैनात किया जा सकता है। इसी तरह यह तैनातियाँ करते समय सबसे पहले दूर और पिछड़े क्षेत्र के स्कूलों को कवर किया जाये, जहाँ अध्यापकों की बड़ी कमी है और फिर 50 प्रतिशत स्टाफ वाले स्कूलों में जहाँ किसी विषय के अध्यापक की सख़्त ज़रूरत है, को कवर किया जाये और आखिर में उन स्कूलों में मैंटरों को तैनात किया जाये जहाँ सम्बन्धित विषय का कोई भी अध्यापक नहीं है।

शिक्षा मंत्री के अनुसार किसी भी अध्यापक के साथ पक्षपात से गुरेज़ किया जाये और बड़े स्कूल जहाँ इक्का-दुक्का पोस्ट खाली हैं, शहरी क्षेत्र या शहरों के पास के स्कूलों में यह तैनातियाँ बिल्कुल नाम की जाएँ।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह तैनातियाँ अगले हुक्मों तक की जाएंगी और इस सम्बन्धी लिखित हुक्म सेकंडरी विभाग के जि़ला शिक्षा अफसरों द्वारा आज ही जारी किये जाएंगे, जोकि इन तैनातियों को पारदर्शी बनाने और लागू करने के लिए जि़म्मेदार हैं।

स. बैंस ने यह भी स्पष्ट किया कि अब आधी छुट्टी से पहले किसी भी स्कूल का अध्यापक या प्रमुख किसी मीटिंग या दफ़्तरी काम सम्बन्धी ऑन-ड्यूटी नहीं जायेगा और यदि कहीं ज़रूरी कारणों से जाना भी है तो उसकी सम्बन्धित जि़ला शिक्षा अफ़सर से पहले मंजूरी लेना अनिवार्य है। जिलों में पहले से ही काम कर रही जि़ला शिक्षा सुधार टीमों को हिदायतें जारी करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह टीमें भी कम नतीजों वाले स्कूलों पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगी और सुधार टीम के सभी मैंबर जिस भी स्कूल में जाएंगे, उस स्कूल की कक्षाओं को पढ़ाएंगे और हिदायतें देने की बजाय अध्यापकों और विद्यार्थियों के सामने विलक्षण प्रस्तुति कर मॉडल अध्यापक के तौर पर पेश आऐंगे।

स. बैंस ने कहा कि वह किसी भी किस्म की कोताही को बर्दाश्त नहीं करेंगे, क्योंकि पंजाब के लोगों को मानक शिक्षा मुहैया करवाने संबंधी वह पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

India Edge News Desk

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