दिल्ली में 1300 से अधिक अवैध झुग्गियों पर चला बुलडोजर, गिड़गिड़ाते रहे लोग डटे रहे अधिकारी

 नई दिल्ली
 कालकाजी में भूमिहीन कैंप में बुधवार की सुबह पूरी तरह उजाला भी नहीं हुआ था कि तभी DDA के बुलडोजर यहां पर बने करीब 1300 से अधिक झुग्गियों को तोड़ने के लिए निकल पड़े। कई लोगों की अभी नींद भी नहीं खुली थी। लेकिन बुलडोजर की आवाज से सब अपने-अपने घर से बाहर निकल गए। कई ऐसे लोग भी थे जो अपना सारा सामान भी नहीं निकाल पाए थे और चंद ही घंटों में 1300 से अधिक झुग्गियां मिट्टी में मिला दी गईं। लोग विरोध करें, इसके लिए पहले से ही भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था। दिल्ली पुलिस के अलावा अर्ध सैनिक बल के जवान भी तैनात थे। हालांकि यहां पर कई ऐसे परिवार भी थे जो 80 के दशक से यहां रह रहे थे।

बताया जा रहा है कि इन 1300 झुग्गियों में करीब 2300 से अधिक परिवार रहता था। हर झुग्गी कम से कम दो मंजिल की बनी थी। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि करीब 10 हजार से अधिक लोग इन झुग्गियों में रहते थे। हालांकि 1862 परिवार ऐसे भी है जिन्हें दो साल पहले ही कालकाजी एक्सटेंशन, पौकेट A में सरकार की तरफ से बने मकान दे दिए गए थे।

लेकिन अभी भी 2300 से अधिक परिवार इन झुग्गियों में रह रहा था। जहां झुग्गियां तोड़ी गई हैं वह लगभग दो एकड़ में बनी थीं। अभी आसपास की कई झुग्गियां ऐसी हैं जो भूमिहीन कैंप के अंदर आती हैं। उसे भी तोड़े जाने का डर है। यहां रहने वाले लोगों ने बताया कि 6 जून को नोटिस आया था कि यहां पर रहने वाले लोग 10 जून तक अपनी-अपनी झुग्गियां खाली कर दें। इसके बावजूद 2300 परिवार यहां से नहीं हटे थे।

मकान में बदल चुकी थी झुग्गी
भूमिहीन कैंप में हर झुग्गी पक्की थी और कम से कम दो मंजिल की थी। इन मकानों में मकान मालिक के अलावा किराएदार भी रहते थे। यहां रहने वाले ज्यादातर लोग पूर्वी यूपी और बिहार के रहने वाले थे। कोई रेहड़ी-पटरी लगाता था तो कोई ई रिक्शा, ऑटो रिक्शा चलाता था। हालांकि सभी को पता था कि झुग्गी टूटने वाली है। लेकिन इतने सालों से रहने के चलते यहां से जाना नहीं चाहते थे। अभी भी करीब 1300 झुग्गी वालों को दूसरे जगह मकान नहीं मिला था। यही कारण था कि वह यहां से जाना नहीं चाहते थे।

सुबह 4:00 बजे ही पहुंच गया था बुलडोजर
यहां रहने वालों ने बताया कि भारी सुरक्षा के बीच सुबह 4:00 बजे ही 8 बुलडोजर पहुंच गया था। एक दिन पहले भी भारी संख्या में पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बल के जवान तैनात थे। बुधवार सुबह उनकी संख्या और बढ़ा दी गई। सुबह 5:00 बजे से बुलडोजर ने तोड़फोड़ शुरू कर दी और 10:00 बजे तक सभी झुग्गियों को तोड़ दिया गया।

बटला हाउस में तोड़फोड़ पर HC का राहत देने से इनकार
बटला हाउस इलाके में प्रस्तावित तोड़फोड़ को लेकर आप विधायक अमानतुल्लाह खान द्वारा दायर जनहित याचिका पर कोई राहत देने से दिल्ली हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया। इलाके में बुधवार को ही तोड़फोड़ होनी थी। जस्टिस गिरीश कठपालिया और जस्टिस तेजस करिया की बेंच ने कहा कि इस तरह की जनहित याचिका में संरक्षण का सामान्य आदेश पारित करने से व्यक्तिगत वादियों के मामले को जोखिम में डालने की संभावना है। बेंच के रुख को भांपते हुए याचिकाकर्ता के वकील ने जनहित याचिका वापस लेने की इजाजत मांगी।

बेंच ने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता के वकील याचिका वापस लेने की अनुमति चाहते हैं ताकि याचिकाकर्ता जो एक जनहितैषी व्यक्ति हैं, बटला हाउस इलाके के स्थानीय निवासियों को तीन कामकाजी दिनों के भीतर उचित मंच पर उचित कार्यवाही शुरू करने के उनके अधिकार के बारे में सूचित करेंगे। इसी के साथ कोर्ट ने याचिका को वापस लिए जाने के आधार पर खारिज कर दिया।

बेंच का मानना था कि कुछ पीड़ित लोगों ने कानूनी उपायों का फायदा उठाया है और कुछ को राहत भी मिली है। खान का प्रतिनिधित्व करने वाले सीनियर एडवोकेट सलमान खुर्शीद ने कहा कि विचाराधीन जमीन का डीमार्केशन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप नहीं किया गया था। वहीं डीडीए का प्रतिनिधित्व करने वाली एडवोकेट शोभना टकियार ने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट के खास निर्देश के कारण जनहित याचिका विचारणीय नहीं है, जिसमें केवल पीड़ितों को उचित कानूनी उपाय अपनाने के लिए कहा गया है।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News news desk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *