भारतीय सूचना सेवा तथा भारतीय नौसेना आयुध सेवा के प्रोबेशनरी अधिकारियों ने राष्ट्रपति से भेंट की

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली : भारतीय सूचना सेवा (2018, 2019, 2020, 2021 और 2022 बैच) के अधिकारी/अधिकारी प्रशिक्षुओं तथा भारतीय नौसेना आयुध सेवा के प्रोबेशनरी अधिकारियों ने आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से भेंट की।

राष्ट्रपति ने भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि संचार सरकारी नीतियों, कार्यक्रमों तथा इसके कामकाज के बारे में नागरिकों को जागरूक करने का महत्वपूर्ण कारक है। प्रभावी संचार और सही सूचना के माध्यम से आईआईएस अधिकारी देश की प्रगति में नागरिकों को सूचित भागीदार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि सूचना के व्यापक और तत्‍काल प्रसार के साथ ही समान रूप से तेज गति से फर्जी सूचनाएं भी उभर रही है। यह चुनौती है। भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी को फर्जी समाचारों से निपटने का उत्‍तरदायित्‍व भी लेना होगा। उन्होंने अधिकारियों से टेक्‍नोलॉजी का लाभ उठाने तथा दुरूपयोग की जाने वाली मीडिया, विशेषकर सोशल मीडिया, में झूठी कहानियां गढ़ने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण के लिए समर्पण के साथ काम करने का आग्रह किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी वैश्विक मंच पर भारत की छवि निखारने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत ने हमेशा विश्‍व को शांति और भाईचारे का संदेश दिया है। उन्‍होंने कहा कि पूरी मानवता के लिए सांस्कृतिक संदेशों के माध्यम से भारत की सॉफ्ट पावर का प्रसार एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जहां अधिकारी बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं।

राष्‍ट्रपति ने भारतीय नौसेना आयुध सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें भारतीय नौसेना और भारतीय तट रक्षक दोनों को कुशल तथा सुरक्षित आयुध लॉजिस्टिक वितरण प्रणाली देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि टेक्‍नोलॉजी में प्रगति और अत्याधुनिक हथियारों के आने से उन्‍हें स्वदेशीकरण की लक्ष्य प्राप्ति में नवाचार के प्रयास करने चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले दशकों में स्वदेशीकरण की दिशा में बहुत कुछ प्राप्‍त किया गया है, लेकिन अब मेक इन इंडिया के विजन के अनुरूप भारत के भीतर तकनीकी रूप से उन्नत उपकरण बनाकर आत्मनिर्भरता के नए चरण प्रारंभ करने का समय आ गया है। उन्होंने आईएनएएस अधिकारियों से नौसेना आयुध के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पाने तथा आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने की दिशा में दिल से योगदान करने का आग्रह किया।

राष्ट्रपति ने अधिकारियों को हमेशा यह याद रखने की सलाह दी कि उनके पद जिम्मेदारी और जवाबदेही के हैं। उन्होंने कहा कि उनके प्रत्‍येक निर्णय और कार्रवाई से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नागरिकों के जीवन पर प्रभाव पड़ेगा। इसलिए, लक्ष्यों को देश के विकास तथा नागरिकों की भलाई के साथ जोड़ा जाना चाहिए।

India Edge News Desk

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