जो बाइडेन के ताइवान के समर्थन पर दिए बयान पर तिलमिला उठा चीन
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
बीजिंग : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के ताइवान के समर्थन पर दिए बयान पर चीन तिलमिला उठा है। चीन सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के उस बयान की निंदा की जिसमें उन्होंने कहा कि यदि बीजिंग ने स्वशासित ताइवान पर आक्रमण किया तो जापान के साथ अमेरिका सैन्य हस्तक्षेप करेगा। बाइडेन के इस बयान ने राष्ट्रीय एकीकरण करने के चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी योजना को संकट में डाल दिया है। ताइवान का चीन की मुख्य भूमि के साथ एकीकरण करना शी (68) का बड़ा राजनीतिक वादा है जिनके इस साल राष्ट्रपति के तौर पर तीसरे कार्यकाल के लिए सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी से मंजूरी पाने की उम्मीद है।
पार्टी का पांच साल में एक बार होने वाला सम्मेलन अगले कुछ महीने में होने का कार्यक्रम है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बाइडेन के बयान के शीघ्र बाद यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम अमेरिकी टिप्पणी की निंदा करते हैं और उसे खारिज करते हैं। ’’ तोक्यो में संवाददाता सम्मेलन में बाइडेन से सवाल किया गया कि यदि चीन ताइवान पर हमला करता है, तो क्या वह सैन्य हस्तक्षेप करके इसकी रक्षा करने के इच्छुक हैं। इसके जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हां।’’
‘‘हमने यह प्रतिबद्धता जताई है।’’ बाइडेन ने कहा कि ताइवान के खिलाफ बल प्रयोग करने का चीन का कदम ‘‘न केवल अनुचित होगा’’, बल्कि ‘‘यह पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर देगा और यूक्रेन में की गई कार्रवाई के समान होगा।’’ इस दौरान जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भी बाइडेन के साथ थे। वांग ने कहा, ‘‘ताइवान चीनी क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा है और जहां तक ताइवान की बात है यह पूरी तरह से चीन का आंतरिक विषय है, जिसमें किसी विदेशी हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है। ’’
‘‘चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सहित देश के मुख्य हितों के मुद्दों पर समझौता या रियायत की कोई गुंजाइश नहीं है। ’’ उन्होंने चेतावनी दी, ‘‘चीन अपनी संप्रभुता और सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए ठोस कार्रवाई करेगा। ’’ उन्होंने अमेरिका से ‘एक चीन नीति’ का सम्मान करने का आग्रह किया। वांग ने कहा , ‘‘ ताइवान का मुद्दा और यूक्रेन का मुद्दा पूरी तरह से अलग है। उनकी तुलना करना बेतुका है। ’’
(जी.एन.एस)