मोटापे से नहीं, दुबलापन सेहत के लिए है बड़ी चुनौती – नया अध्ययन

नई दिल्ली

अधिक वजन-मोटापा मौजूदा समय की सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS-5) के आंकड़े के मुताबिक देश में 15-49 वर्ष की आयु के 23% से ज्यादा पुरुष और 24% महिलाएं अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं। ये साल 2000 के दशक की शुरुआत से वयस्कों में क्रमशः 91% और 146% की वृद्धि है।

वसा और चीनी वाली चीजों के अधिक सेवन, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों, शहरीकरण के कारण गतिहीन होती जीवनशैली और बदलते सामाजिक-आर्थिक मानकों को इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है। बढ़ते वजन को डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक और यहां तक कि कुछ कैंसर के खतरे को भी बढ़ाने वाला माना जाता रहा है।

अधिक वजन और इसके कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं पर तो अक्सर चर्चा होती रहती है। लेकिन अब यहां ट्विस्ट ये है कि हाल के अध्ययनों में एक चौंकाने वाली बात बताई है। विशेषज्ञों ने अलर्ट किया है कि अधिक वजन तो खतरनाक है ही पर बहुत ज्यादा दुबला-पतला होना उससे भी गंभीर समस्या है। मसलन शरीर को स्वस्थ रखना है कि वजन को सामान्य रखने पर ध्यान देना जरूरी है।

बहुत ज्यादा दुबला-पतला होना भी खतरनाक
एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि बहुत ज्यादा दुबला-पतला होना, अधिक वजन या मोटापे से ज्यादा घातक हो सकता है।

वैज्ञानिकों ने पांच वर्षों में 85,761 व्यक्तियों का अध्ययन किया, जिसके दौरान आठ प्रतिशत प्रतिभागियों (7,555) की मृत्यु हो गई। प्रतिभागियों में से 81.4 प्रतिशत महिलाएं थीं और अध्ययन की शुरुआत में उनकी औसत आयु 66.4 वर्ष थी। डेनिश वैज्ञानिकों ने पाया कि जो लोग बहुत कम बीएमआई वाले थे उनमें गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण असमय मृत्यु का खतरा, मोटे लोगों की तुलना में अधिक देखी गई।

अध्ययन में सामने आई चौंकाने वाली बातें
साइंसडेली में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, अंडरवेट कैटेगरी (18.5 और उससे कम बीएमआई) वाले लोगों में गंभीर रोगों के खतरे और असमय मृत्यु का जोखिम, अधिक वजन (25-30 बीएमआई) वालों की तुलना में 2.7 गुना अधिक थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, ये मानते रहना कि सिर्फ अधिक वजन वाले लोगों में गंभीर रोगों का खतरा होता है, ये सही नहीं है। हमने अध्ययन में पाया है कि सामान्य से कम वजन होना आपके लिए अधिक खतरनाक हो सकता है।

डेनमार्क स्थित आरहूस यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में प्रोफेसर डॉ. सिग्रिड बर्ज ग्रिबशोल्ट ने बताया कि इन डेटा को देखते समय कई बातों को ध्यान में रखना चाहिए। कुछ लोगों का वजन किसी अंतर्निहित बीमारी के कारण कम हो सकता है।

हमने पाया कि दुबले-पतले लोगों को भी घातक हार्ट अटैक होने का खतरा हो सकता है क्योंकि उनके शरीर में छिपी हुई वसा हृदय की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज कर देती है। ये खतरनाक फैट जिसे विसरल फैट कहा जाता है, शरीर के अंदर गहराई तक जमा हो जाती है। इसके लिवर, पेट और आंतों के चारों ओर जमा होने का खतरा अधिक रहता है।  

वजन को लेकर बरतें सावधानी
आमतौर पर दुबले-पतले दिखने वाले लोगों में माना जाता है कि इनके शरीर में फैट कम है, हालांकि ये अंदर ही अंदर हानिकारक मात्रा में फैट जमा कर रहे होते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों में इसका स्तर अधिक था, उनके हृदय और रक्त वाहिकाएं तेजी से बूढ़ी हो रही थीं। यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित निष्कर्ष यह भी बताते हैं कि हृदय स्वास्थ्य के मामले में, शरीर का आकार केवल वजन से ज्यादा महत्वपूर्ण हो सकता है।

विशेषज्ञों ने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जब भी बात की जाए तो अब सिर्फ बढ़ते वजन को खतरा मानना ठीक नहीं है, कम वजन या दुबले-पतले लोगों को भी अलर्ट रहने की आवश्यकता है।

India Edge News Desk

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