जल संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों ने ग्राम्यांचलों में ला दी रौनक

डॉ. दीपक आचार्य
जल संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों को व्यापक स्तर पर अपनाकर ग्रामीण अंचलों में दीर्घकाल तक बरसाती पानी को संरक्षित करने की दिशा में जोधपुर जिले में व्यापक स्तर पर संचालित गतिविधियों ने ग्राम्यांचलों में रौनक ला दी है।
यह सब संभव हो सका है महात्मा गांधी नरेगा योजना की बदौलत, जो कि प्रदेश के अन्य इलाकों की ही तरह पश्चिमी राजस्थान में वरदान बनकर उभरी है और इसके अन्तर्गत जल संरचनाओं के विकास एवं विस्तार पानी के मामले में गांवों में आत्मनिर्भरता का संचार कर गांवों के लोगों को कई समस्याओं से मुक्ति दिलाने में सहयोगी भूमिका का निर्वाह कर रही है।
अनियमित बरसात हो या कभी-कभार अधिक बारिश, इन हालातों में विषम भौगोलिक स्थितियों के कारण बहकर चले जाने वाले बरसाती पानी को रोकने की जरूरत लम्बे समय से महसूस की जा रही थी। इसे महानरेगा ने पूरा किया और हालात बदलने लगे हैं।
नई पहचान बना रहे गाँवाई जल संरक्षण केन्द्र
जोधपुर जिले की विभिन्न पंचायत समितियों में महात्मा गांधी नरेगा योजना के अन्तर्गत जल संरक्षण गतिविधियों को प्राथमिकता से अपनाया गया। और इसका यह असर हुआ कि ग्रामीण क्षेत्रों में बरसाती पानी का ठहराव होने के साथ ही लम्बे समय तक उपयोग में आने की स्थितियां बनी और परंपरागत जलाशयों की गांवाई जल संरक्षण केन्द्रों के रूप में पहचान बनी।
महात्मा गांधी नरेगा योजना में विकसित होकर निखरे इन जलाशयों में एक है जोधपुर जिले की देचू पंचायत समिति अन्तर्गत कोलू पाबूजी ग्राम पंचायत का पाबूसर तालाब।
महात्मा गांधी नरेगा में इसे मॉडल तालाब बनाने का काम हाथ में लिया गया। इस पर 12.44 लाख रुपए की धनराशि व्यय की गई। इसमें 12.17 लाख रुपए श्रम मद तथा 0.27 लाख रुपए की धनराशि सामग्री मद में व्यय हुई। इस कार्य पर कुल 7 हजार 736 मानव दिवस सृजित हुए।
इस कार्य ने एक ओर जहाँ जरूरतमन्द ग्रामीणों की रोजगार की आवश्यकता को पूरा कर जीवन निर्वाह का सम्बल प्रदान किया वहीं दूसरी ओर आदर्श तालाब के रूप में विकसित होने के बाद इसका सौन्दर्य निखरने लगा है।
कुल 1 लाख 12 हजार घन मीटर जल भराव क्षमता का यह जलाशय आज उपयोगिता और आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। अब इसमें साल भर पानी रहने लगा है जिसका उपयोग ग्रामीणों के साथ-साथ पशु-पक्षियों के लिए भी हो रहा है। आस-पास के कूओं का जलस्तर भी बढ़ने लगा है।
सरसता ला रही जल संरचनाएं
देचू पंचायत समिति के विकास अधिकारी डॉ. पूनमाराम बताते हैं कि पंचायत समिति क्षेत्र में इसी प्रकार के गई जलाशयों को विकसित किया गया है। इससे ग्रामीणों को पानी के मामले में सहूलिय हुई है तथा ग्रामीण परिवेश में हरियाली विस्तार के साथ ही ग्राम्य जनता को खुशहाली का सुकून मिलने लगा है।
सुकून दे रही महानरेगा की देन
ग्रामीणों का कहना है कि महानरेगा ने इस तालाब की काया पलट दी है। इससे क्षेत्र भर के लोग खुश हैं तथा महानरेगा को वरदान बताते हुए सरकार का आभार प्रकट करने से नहीं चूकते।
कोलू पाबूजी ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती छोटा कंवर का कहना है कि महानरेगा में पाबूसर मॉडल तालाब से आस-पास के ग्रामीणों के साथ ही पशु-पक्षियों के लिए भी पानी उपलब्ध रहने का अच्छा स्रोत विकसित हुआ है। इससे ग्राम्य जनजीवन में बदलाव आया है।
ग्राम विकास अधिकारी श्री बनवारी लावणियां के अनुसार आदर्श तालाब से भूगर्भीय जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है और इसका पानी ग्रामीणों के लिए दैनिक उपयोग में आ रहा है। इससे सभी के लिए पानी आसानी से उपलब्ध होने लगा है।