बांग्लादेश एक बार फिर राजनीतिक उथल-पुथल के मुहाने पर खड़ा, मुहम्मद यूनुस के इस्तीफे की अटकलें तेज

ढाका  
बांग्लादेश एक बार फिर राजनीतिक उथल-पुथल के मुहाने पर खड़ा है। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और सूक्ष्म वित्त के प्रणेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस, जो वर्तमान में देश की अंतरिम सरकार के मुखिया हैं, के इस्तीफे की अटकलों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। गुरुवार की आधी रात को, बीबीसी बांग्ला सेवा से बातचीत में छात्र नेतृत्व वाली नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख निद इस्लाम ने संकेत दिया कि यूनुस, जो अंतरिम मुख्य सलाहकार की भूमिका में हैं, पद छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। इसका प्रमुख कारण यह बताया गया कि राजनीतिक दलों में किसी भी प्रकार की आम सहमति नहीं बन पा रही है, जिससे उनके लिए प्रशासनिक जिम्मेदारियां निभाना मुश्किल हो गया है।
 
असहमति की दीवारें और टूटता संतुलन
निद इस्लाम ने कहा कि उन्होंने यूनुस से आग्रह किया कि वे डटे रहें और राजनीतिक दलों को एकजुट करने की कोशिश करें, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए, अंतरिम सरकार और बांग्लादेश की सेना के बीच तनातनी ने एक टूटने के बिंदु तक माहौल को पहुँचा दिया है।

बांग्लादेश के एकीकृत सैन्य बल, जिन्होंने पिछले वर्ष छात्र-नेतृत्व वाले विद्रोह को नियंत्रण में लाने में अहम भूमिका निभाई थी, अब यूनुस सरकार पर सीधे दबाव बना रहे हैं कि वर्ष के अंत तक आम चुनाव कराए जाएं। सेना का तर्क है कि 2026 की शुरुआत तक एक निर्वाचित सरकार की स्थापना जरूरी है।

सेना की टिप्पणी लीक, बढ़ा तनाव
स्थिति उस समय और जटिल हो गई जब ढाका छावनी में आयोजित एक गोपनीय सेना सम्मेलन से जनरल वाकर-उज़-ज़मान की टिप्पणियाँ मीडिया में लीक हो गईं। इन टिप्पणियों में कहा गया: "बांग्लादेश को एक स्थिर राजनीतिक माहौल की आवश्यकता है। केवल एक निर्वाचित सरकार ही इसे पूरा कर सकती है।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सेना का कार्य देश की रक्षा है, न कि राजनीति में हस्तक्षेप। जनरल ने दो टूक कहा, “चुनाव के बाद हमें बैरकों में लौटना चाहिए।”

अर्थव्यवस्था और तकनीक पर भी सवाल
जनरल ने अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने विशेष रूप से एलन मस्क की स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं को लेकर चिंता व्यक्त की, जिसे बांग्लादेश में बिना निर्वाचित सरकार की अनुमति के लाया जा रहा है। उनके अनुसार, यह देश को उच्च जोखिम वाले विकल्पों की ओर धकेल सकता है। हालांकि, सेना के करीबी सूत्रों के अनुसार, सेना कोर अब भी यूनुस के प्रति सहानुभूति रखता है, लेकिन देश में किसी भी प्रकार की अराजकता या भीड़ हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

क्या इस्तीफा देंगे यूनुस?
प्रोफेसर यूनुस का इस्तीफा बांग्लादेश के लिए राजनीतिक और प्रशासनिक संकट को और गहरा कर सकता है। उनकी छवि एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और संतुलित नेतृत्वकर्ता के रूप में रही है, लेकिन राजनीतिक असहमति और सेना का दबाव उनके मिशन को चुनौती दे रहा है।

India Edge News Desk

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