हज यात्रा करने के लिए खाड़ी देश की यात्रा करने वालों की जेब पर बढ़ेगा बोझ, भारत सरकार ने बदली पॉलिसी

नई दिल्ली
हज करने के लिए खाड़ी देश की यात्रा करने वालों की जेब पर अतिरिक्त खर्च आने वाला है. भारत सरकार के विदेश मंत्रालय (एमईए) ने पिछले महीने 23 भारतीय मिशनों/पोस्टों के लिए पासपोर्ट, वीज़ा और कांसुलर (सीपीवी) सेवाओं की आउटसोर्सिंग के लिए नया टेंडर जारी किया है. नए टेंडर में प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) सेवा शुल्क जो तय किया गया है, उससे भारत से इन देशों को यात्रा करने वालों के लिए मंहगा पड़ने वाला है. नए नियमों के मुताबिक, ये लागत 15 से 20 गुना तक बढ़ सकती है. इस कदम से भारतीय नागरिकों और विदेशी श्रमिकों खासकर ब्लू-कॉलर कर्मचारियों के लिए चिंताएं पैदा कर दी हैं.

23 भारतीय पोस्टों को जारी किया आरएफपी
बता दें कि यह आरएफपी 23 भारतीय मिशनों/पोस्टों के लिए जारी किया गया है, जिनमें अबू धाबी (यूएई), रियाद (सऊदी अरब), कुवैत, दोहा (कतर), मस्कट (ओमान), रोम (इटली), पेरिस (फ्रांस), द हेग (नीदरलैंड), बैंकॉक (थाईलैंड), तेहरान (ईरान), मॉस्को (रूस), बर्न (स्विट्जरलैंड), सियोल (दक्षिण कोरिया), वारसॉ (पोलैंड), बहरीन साम्राज्य के साथ-साथ लंदन (यूके), कैनबरा (ऑस्ट्रेलिया), कोलंबो (श्रीलंका), सिंगापुर, वेलिंगटन (न्यूजीलैंड), कुआलालंपुर (मलेशिया), प्रिटोरिया (दक्षिण अफ्रीका) और हांगकांग में भारत के महावाणिज्य दूतावास में भारतीय दूतावास शामिल हैं.  

जनवरी 2022 और दिसंबर 2024 के बीच, इन मिशनों ने करीब 6.45 मिलियन यात्रियों के कामकाज को संभाला था. 29 जनवरी 2025 को जारी किए गए नए आरएफपी में प्रति आवेदन के हिसाब से सेवा प्रदाता को सेवा शुल्क देने की रूपरेखा दी गई है. जिसमें पेपर्स के डिजिटलीकरण, फिंगरप्रिंट और चेहरे की बायोमेट्रिक कैप्चर जैसी सेवाएं शामिल हैं. इसके अलावा फोटोकॉपी, फोटोग्राफी, फॉर्म भरना और कूरियर सेवाओं को भी शामिल किया गया है.

भारतीय यात्रियों से वसूली जाएगी टेंडर की रकम
आरएफपी के अनुसार जो भी बोलीदाता होंगे उन्हें को इन सेवाओं के आधार पर एक निश्चित रकम की बोली लगाना होगी. टेंडर लेने लेने वाली कंपनियां जो भी रकम टेंडर में तय करके कोट करेंगी उसे भारतीय यात्रियों से वसूला जाएगा.

माना जा रहा है कि नए शुल्क ढांचे से सेवाओं की लागत में दस गुना वृद्धि होने की उम्मीद है. पहले, ऑनलाइन आवेदनों के लिए फोटोकॉपी, फोटोग्राफी, फॉर्म भरने और दस्तावेज़ अपलोड जैसी व्यक्तिगत सेवाओं के लिए अलग-अलग सेवा शुल्क लगाए जाते थे. जिससे यदि कोई व्यक्ति कोई पेपर खुद लेकर आ गया तो उसे उसके लिए पेमेंट नहीं करना होता था लेकिन अब सभी यात्रियों को सभी सुविधाओं के लिए एक साथ एक निर्धारित रकम देनी होगी. इससे ज्यादातर उन ट्रैवल कंपनियों को इसका सीधा फायदा होगा, जिन्हें इन देशों के लिए में नए RFP के आधार पर टेंडर मिलेगा. खासकर VFS Global, IVS Global, BLS International, DU Digital और Alankit जैसी कुछ चुनिंदा कंपनियां हैं, जिनका अब तक इस क्षेत्र में कब्जा रहा है.

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News news desk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *