लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया बोम्मई सरकार ने
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
बेंगलुरू : कर्नाटक में अजान बनाम हनुमान चालीसा विवाद के बाद बोम्मई सरकार ने लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है। कर्नाटक सरकार ने रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर बैन लगाया है। सरकार ने इसको लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किया हैं। इस दिशा-निर्देश में यह कहा गया है कि जिन लाउडस्पीकरों के लिए संबंधित प्राधिकारी से इजाजत नहीं ली गई हो, उन्हें उतारा जाएगा।
राज्य के मुख्य सचिव पी. रवि की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव जावेद अख्तर को जारी नोट में कहा गया है कि वन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण विभाग ने भी ‘संबंधित प्राधिकारी’ को परिभाषित किया है। दरअसल, श्रीराम सेना, बजरंग दल और हिंदू जनजागृति समिति जैसे कुछ हिंदू समूहों द्वारा सुबह के समय अजान की तरह भजन कीर्तन आयोजित किये जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया था।
विवाद बढ़ता देख मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को एक बैठक बुलाई, जिसके बाद मुख्य सचिव ने अख्तर को पत्र लिखा है। मुख्य सचिव ने ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के कार्यान्वयन के संबंध में उच्चतम न्यायालय के 18 जुलाई 2005 और 28 अक्तूबर 2006 के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि लाउडस्पीकर या सार्वजनिक संबोधन प्रणाली का इस्तेमाल संबंधित प्राधिकारी की अनुमति के बिना न किया जाए।
कुमार ने पत्र में कहा, ”लाउडस्पीकर या सार्वजनिक संबोधन प्रणाली का इस्तेमाल करने वालों को 15 दिन के अंदर संबंधित प्राधिकारी से अनुमति लेनी होगी। जिनके लिये अनुमति नहीं दी जाएगी, उन्हें स्वेच्छा से या फिर संबंधित प्राधिकारी द्वारा हटा दिया जाएगा।” उन्होंने यह निर्देश भी दिया कि लाउडस्पीकर या सार्वजनिक संबोधन प्रणाली के इस्तेमाल से संबंधित आवेदन पर निर्णय लेने के लिए विभिन्न स्तरों पर एक समिति का गठन किया जाए।
नोट में कहा गया है कि “यह दिशानिर्देश उन सभी परिसरों पर लागू होते हैं जो लाउडस्पीकर और सार्वजनिक संबोधन प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं। सभी संबंधित प्राधिकारियों को तत्काल प्रभाव से इन्हें लागू करने के लिए आवश्यक सरकारी आदेश या निर्देश जारी किए जाएंगे।” मंत्री ने कहा कि यह दिशा-निर्देश मंदिरों, मस्जिदों, गिरजाघरों या किसी भी विवाह समारोह पर लागू होते हैं। इन पाबंदियों का पालन करना होगा। यदि कोई स्थानीय निवासी शिकायत करता है, तो कार्रवाई की जाएगी। श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुतालिक ने सरकार के आदेश का स्वागत किया।
(जी.एन.एस)