Ghibli Style फोटो के वजह से चैटजीपीटी डाउन, सैम आल्टमैन की मुसीबतें बड़ी

नई दिल्ली
Ghibli style आपको चारों तरफ देखने को मिल रहा है. हर कोई अपनी फोटो को घिबली स्टाइल में बनाकर अपलोड कर रहा है. दिन दिन में ये ट्रेंड काफी पॉपलुर हो गया है. लेकिन इसकी वजह से ओपनएआई कंपनी के मालिक सैम आल्टमैन का सुकून छीन लिया है. एआई प्लेटफॉर्म ChatGPT दुनिया भर में डाउन हो गया है. कई यूजर्स इसे एक्सेस नहीं कर पा रहे हैं. यूजर्स ने स्टूडियो घिबली स्टाइल एनिमेटेड फोटो बनाने के लिए चैटबॉट का काफी इस्तेमाल कर लिया है. चैटजीपीटी पर एक बाढ़ सी आ गई है जिसकी वजह से चैटजीपीटी GPUs पर असर पड़ रहा है.

डाउनडिटेक्टर की रिपोर्ट के मुताबिक, यूजर्स को चैटजीपीटी पर Ghibli इमेज बनाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. 229 लोगों ने शिकायत दर्ज की हैं. जिनमें से करीब 59 प्रतिशत कंप्लेंट्स चैटजीपीटी के लिए थी. ज्यादातर यूजर्स चैटजीपीटी को एक्सेस नहीं कर पा रहे हैं.

Sam Altman ने यूजर्स से की अपील
OpenAI के सीईओ Sam Altman ने X पर एक पोस्ट के जरिए यूजर्स से इस फीचर का इस्तेमाल कम करने की अपील की है. Altman ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि क्या आप लोग इमेज जेनरेट करना थोड़ा कम कर सकते हैं? ये बहुत ज्यादा हो गया है. हमारी टीम को नींद की ज़रूरत है. उन्होंने ये भी कहा कि उनकी टीम के लिए ये सिचुएशन कठिन हो गई है और उन्हें कुछ राहत की जरूरत है.

चैटजीपीटी पर लगेगी लिमिट?
आल्टमैन ने चैटजीपीटी पर दिन में तीन फोटो जेनरेट करने की लिमिट की बात कही है. इसके जवाब ने एक यूजर ने सुझाव दिया कि मॉडल पर लिमिट लगान से यूजर्स निराश हो सकते हैं. Altman ने जवाब इसके जवाब में कहा कि, हम मॉडल की कैपेसिटी को कम करने के बजाय, इसका उल्टा करेंगे, लेकिन फिर भी थोड़ा शांत हो जाइए.

चैटजीपीटी रिकवर
ग्लोबल आउटेज के बाद चैटजीपीटी रिकवर हो गया है. लेकिन कुछ टाइम के लिए प्लेटफॉर्म की कैपेसिटी को कम कर दिया गया है. इमेज जेनरेशन पर लिमिट सेट कर दी गई है. सैम आल्टमैन के मुताबिक, चैटजीपीटी पर काम करने वाली टीम दुनिया की सबसे बेहतरीन टीम है. जो दो- ढ़ाई साल पहले से दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइट बनाने की राह पर काम कर रही है.

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button