अमृत धारा डीपीआरसी भवन में समय सीमा की बैठक सम्पन्न

अमृत धारा डीपीआरसी भवन में समय सीमा की बैठक सम्पन्न

कलेक्टर ने शिविरों के आयोजन के लिए जिला अधिकारियों को दिए जरूरी दिशा-निर्देश

एमसीबी
एमसीबी जिले के कलेक्टर डी. राहुल वेंकट की अध्यक्षता में जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल अमृतधारा जलप्रपात के पास स्थित डीपीआरसी( जिला पंचायत संसाधन केन्द्र) भवन में समय-सीमा की बैठक का आयोजन किया गया। पर्यटन स्थल को विकसित करने के उद्देश्य से यहा बैठक का आयोजन किया गया था।

कलेक्टर ने बैठक में सुशासन तिहार के माध्यम से प्राप्त आवेदनों की समीक्षा करते हुये मनेन्द्रगढ़, भरतपुर और खड़गवां के एसडीएम एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस विभाग को संयुक्त दौरा कर सभी हेलीपैड और ग्राउंड की जानकारी एकत्रित करने के निर्देश दिये। संबंधित जनपद के सीईओ वहां के नोडल अधिकारी होंगे। इसके साथ ही हेलीपैड और ग्राउंड के आसपास की पांच-छह पंचायतों की जानकारी प्रस्तुत करने को कहा। कलेक्टर ने सुशासन तिहार के तीसरे चरण के लिए जिले में की जा रही तैयारियों की भी समीक्षा की। सुशासन तिहार के तीसरे चरण में पांच मई से जिले में समाधान शिविरों का आयोजन शुरू हो जाएगा। जिले में इसके लिए ग्राम पंचायतों का क्लस्टर बनाकर समाधान शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में उपस्थित लोगों को उनके आवेदनों पर की गई कार्रवाई, मांगों की पूर्ति और समस्याओं पर किए गए निराकरण की जानकारी विभागवार, ग्राम पंचायतवार दी जाएगी।

कलेक्टर ने इन शिविरों के आयोजन के लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी आज की समय सीमा की बैठक में दिए। कलेक्टर जिले के छः राजस्व निरीक्षक मण्डल भरतपुर एवं कुवांरपुर, कोटाडोल एवं घाघरा, केल्हारी एवं पेण्ड्री, नागपुर, मनेंद्रगढ़ ग्रामीण एवं मनेंद्रगढ़ शहरी, चिरमिरी एवं उधनापुर तथा खड़गवां, रतनपुर व देवडांड के लंबित प्रकरणों को जल्द से जल्द निराकरण करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने राजस्व निरीक्षक मण्डलों में नामांतरण, बटंवारा, किसान किताब (ऋण पुस्तिका) हेतु आवश्यकता अनुसार आबंटन मंगाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने राजस्व सर्कलों में पटवारी कार्यालय सह आवास हेतु सूची बनाने के निर्देश दिये है। कलेक्टर ऑफिस, आयुष, वीआईपी क्वार्टर, एसडीएम बिल्डिंग केल्हारी, कोटाडोल तहसील कार्यालय में नए शौचालय निर्माण, खड़गवां में आयुष के लिए एक हेक्टेयर भूमि आवंटन और आमाखेरवा में 220 बेड के हॉस्पिटल निर्माण को लेकर चर्चा की गई। सीएससी खड़गवां, भूमि पूजन, डंगौरा मेंटल हॉस्पिटल, शिक्षा विभाग के अतिरिक्त कक्षों, कृषि, क्रेड़ा और स्वास्थ्य विभाग के लिए भूमि आवंटन पर भी चर्चा हुई। सर्किट हाउस, रिकॉर्ड रूम और जिला पंचायत भवन के लिए भूमि आवंटन पर भी चर्चा की गई। गर्ल्स कॉलेज, नवोदय विद्यालय और खेल मैदान को लेकर विचार-विमर्श किया गया। मनेन्द्रगढ़ में मंगल सामुदायिक भवन और पार्किंग के लिए भूमि चिन्हांकन करने के निर्देश दिए गए। लाईवलीहुड कॉलेज, नागपुर-चिरमिरी रेलवे लाइन, जिला पंचायत कार्यालय, वन विभाग, कोटाडोल हाउसिंग बोर्ड और सड़क निर्माण से संबंधित लंबित कार्यों को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने जिले में पीडीएस भवन हेतु आवश्यकतानुसार विधानवार सूची बनाने के निर्देश खाद्य विभाग को दिये हैं।
 
अमृतधारा के बारे में

          भारत में छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में अमृत धारा झरना है। जिसे अमृृतधारा जलप्रपात भी कहा जाता है, छत्तीसगढ़ राज्य के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी) जिले में स्थित है. यह हसदेव नदी पर है, और मनेन्द्रगढ़ से लगभग 26 किलोमीटर और चिरमिरी से लगभग 50 किलोमीटर दूर है. यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। 90.0 फीट (27.4 मीटर) की ऊंचाई से गिरता है। झरना लगभग 10.0-15.0 फीट (3.0-4.6 मीटर) चौड़ा है। यह हसदेव नदी एक जल प्रपात है। निकटतम शहर- मनेन्द्रगढ़ (लगभग 26 किलोमीटर) और चिरमिरी (लगभग 50 किलोमीटर) यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र में कई प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं, जैसे कि पक्षी, हिरण, और बंदर। यह क्षेत्र पांचवी अनुसूची के अंतर्गत है, जहाँ पंडो, गोंड़, बैगा, चेरवा आदि जनजातियां निवासरत हैं।

अमृतधारा महोत्सवः-

      प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर अमृतधारा महोत्सव का आयोजन जिला प्रशासन के द्वारा किया जाता है जिसमें लगभग 10,000 की संख्या में लोग शामिल होते हैं। इस अवसर पर भव्य एवं गौरवशाली कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जिसमे विभिन्न मनोरंजक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ साथ पारंपरिक खेलकूद एवं अन्य गतिविधियां आयोजित की जाती है। इस महोत्सव में जिले के स्थानीय निवासियों के साथ-साथ सम्माननीय जनप्रतिनिधिगण, स्थानीय व् राष्ट्रिय कलाकार आदि शामिल होते हैं।

उद्देश्यः-

     आदिवासी कला एवं संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्धन,स्थानीय लोक-कला को राज्य एवं राष्ट्रीय पटल पर लाना, पारंपरिक खेलकूद जैसे कबड्डी, फुगड़ी, गेड़ी इत्यादि को बढ़ावा देना, जिससे स्थानीय निवासियों को स्व-रोजगार के अवसर मिलेंगे और उनके आय में वृद्धि होगी तथा ईको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।

       इस बैठक में जिला पंचायत सीईओ अंकिता सोम शर्मा, अपर कलेक्टर अनिल कुमार सिदार, संयुक्त कलेक्टर सी.एस.पैकरा, एसडीएम लिंगराज सिदार, विजयेन्द्र सारथी, प्रितेश राजपूत, सर्व तहसीलदार, जनपद सीईओ, नगर पंचायत सीएमओ, जिले के अधिकारी एवं कर्मचारी बैठक में उपस्थित रहे।

India Edge News Desk

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