मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 11 लाख परिवारों को डिजिटली सौंपी घरौनी

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 11 लाख परिवारों को डिजिटली और 10 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) सौंपी । इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि अगस्त 22 तक प्रदेश के सभी एक लाख दस हजार से अधिक राजस्व गांवों का सर्वे पूरा कर लिया जाएगा और अक्टूबर 2023 तक हर ग्रामीण परिवार को घरौनी उपलब्ध करा दिया जाएगा। आज जालौन प्रदेश का पहला जनपद बन गया है जहाँ शत प्रतिशत लोगों को घरौनी तैयार हो चुकी है।

मुख्यमंत्री योगी, लोक भवन सभागार में आयोजित समारोह में स्वामित्व योजना के तहत डिजिटली और भौतिक रूप घरौनी प्रमाण पत्र सौंपने के बाद संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम सब प्रधानमंत्री मोदी जी के आभारी हैं जिनके प्रयास अप्रैल 2029 से यह कार्यक्रम शुरू हुआ । यह महज एक कार्यक्रम नहीं तकनीक है जो ग्रामीणों को उनकी पुश्तैनी आवासीय जमीन का मालिकाना हक देने वाला अभियान भी है। आज उत्तर प्रदेश के 34 लाख परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। घर का मालिकाना हक मिलने के बाद अब यह लोग कोई व्यवसाय करने के लिए बैंक से लोन भी ले सकते हैं।

उन्होंने कहा कि गांधी जी ने ग्राम स्वराज का सपना देखा था, प्रधानमंत्री मोदी जी ने आत्मनिर्भर ग्राम का कार्य शुरू किया। आज 34 लाख से अधिक परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र का वितरण संपन्न हुआ है। यह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास की महत्वपूर्ण घटना है। संयोग ही है आज इस देश ने आपातकाल के खिलाफ आवाज उठायी थी । 1975 को आज के दिन जब चोरी छिपे जबरन इस देश पर आपातकाल थोपा गया था। और उसके बाद देखते ही देखते लोकतंत्र को बचाने के लिए आंदोलन खड़ा हुआ था। लोकतंत्र की आज इस दृष्टि से भी विजय है कि 23 लाख परिवारों को घरौनी वितरण का कार्य संपन्न हो चुका है। 11 लाख परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र वितरण के लिए आज हर तहसील मुख्यालय पर आयोजन किया जा रहा है। ऐसे लोग वर्षों से अपनी जमीन पर रह रहे थे, लेकिन छोटी छोटी बातों पर अक्सर विवाद होता था। घर गिरने पर अपना मकान बनाने से कहीं दबंग तो कहीं माफिया रोकता था । कहीं लेखपाल रोकता था, वसूली होती थी। आबादी की जमीन से दबंग गरीब को उजाड़ देते थे।

तकनीकी से तैयार घरौनी प्रमाण पत्र के बाद इस पर विराम लग गया है। तकनीकी से आवासीय भूमि की पैमाइश होती है। द्रोण से सर्वे होता है। गाँव की खुली बैठक में सहमति और असहमति के कमेंट लिये जाते हैं। सबका समाधान होने के बाद घरौनी तैयार की जाती है। अब तक 34 लाख लोगों को इसका लाभ मिल चुका है। आज जालौन प्रदेश का पहला जिला बन गया है जहाँ के सौ फीसद ग्रामीणों को घरौनी मिल चुका होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आवासीय प्रमाण पत्र के अभाव में एक फीट, दो फीट जमीन अथवा नाली को लेकर विवाद होते थे। कहीं आबादी की जमीन पर पशु बांधने पर विवाद शुरू हो जाता था। न्यायालय में न्याय के लिए पीढ़ी दर पीढ़ी बीत जाती थी। इस पर पैसा और समय दोनों बर्बाद होता था। डबल इंजन की सरकार ने इन सभी समस्याओं से मुक्त कर दिया है। देश में 2.5 करोड़ लोगों को घरौनी का वितरण हो चुका है। प्रदेश सरकार इसे अभियान के रूप ले रही है। घरौनी से बैंक लोन लेने की क्षमता प्राप्त होगी और वह व्यवसाय भी कर सकेंगे । उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने वृहद योजना तैयार की है। 2017 में सत्ता में आते ही हमने भू माफिया और राजनीतिक संरक्षण में गरीबों की जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ एंटी भू माफिया फोर्स गठित किया था। 64 हजार हेक्टेयर भूमि मुक्त करायी । मुसहर, चेरो, वनटांगिया, सहरिया, चेरो, कोल , जिनकी कोई आवाज़ नही सुनी जाती थी, उन्हें जमीन का टुकड़ा दिया, मकान दिया। आज कोई ग्रामीण अभाव की जिंदगी नही जी रहा है। सबको राशन कार्ड, फ्री में राशन, रसोई गैस, विद्युत कनेक्शन और अब हर घर को नल से पेयजल देने जा रहे हैं। एक संवेदनशील सरकार इसी तरह कार्य करती है । इसी तरह हर निराश्रित बुजुर्ग, महिला, दिव्यांग और कुष्ठ रोगी को पेंशन दे रहे हैं। इन लोगों को 2017 से पहले 300 रुपये पेंशन मिलती थी, जिसे बढाकर एक हज़ार रुपये प्रति माह किया है।

भूमि विवाद को दूर करने को चुनौती के रूप में ले राजस्व परिषद
भूमि विवाद को कानून व्यवस्था की आधी जड़ बताते हुए सीएम योगी ने कहा कि जनता दर्शन में प्रायः सर्वाधिक मामले भूमि विवाद और पुलिस से जुड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि भूमि विवाद को खत्म करने के लिए चुनौती के रूप में ले और लैंड रिकॉर्ड को प्राथमिकता पर लेते हुए युद्ध स्तर पर कार्य करे । छह साल बाद खतौनी में नाम दर्ज करने की बजाय जमीन बेंचते ही खतौनी में नाम जोड़ा जाए । क्योंकि कई बार एक ही जमीन को एक व्यक्ति बार बार बेचता है। इससे विवाद बढता है, लिहाजा इसे हर हाल में रोकना पड़ेगा। इसे समय सीमा के अंदर करना ही होगा। राजस्व परिषद और रजिस्ट्री विभाग को को यह देखना होगा कि बेंचने वाले की जमीन है या नही। गलत करने वाले को पुलिस को सौंपे । यह व्यवस्था जोड़ी जाए तो आधी समस्या और विवाद का समाधान हो जाएगा। राजस्व विभाग और पुलिस विभाग को धोखाधड़ी से मुक्त करना होगा। वरासत के लंबित मामलों को देखते हुए सीएम योगी ने कहा कि इसके लिए लोगों को बार -बार चक्कर लगाना पड़ता है। ऐसे में वरासत दर्ज करने की एक समय सीमा निश्चित होनी चाहिए और लंबित मामले में जवाबदेही तय होनी चाहिए । इसी तरह पैमाइश की समस्या का समाधान करने के लिए समय निर्धारित होना चाहिए। समय से पैमाइश समस्या का समाधान होने से अपराध में कमी आएगी और प्रदेश का विकास होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने आधुनिक तकनीकी से घरौनी का एक बड़ा कार्यक्रम शुरू किया है। इससे संपत्ति का विवाद खत्म होगा और व्यकि को मालिकाना हक मिलने से लोन आदि की सुविधा मिलेगी। आबादी का प्रारंभिक डाटा तैयार होने से योजनाओं का बेहतरीन क्रियान्वयन हो सकेगा। साथ ही गांव की वित्तीय सुदृढ़ता भी मजबूत होगी और गांव विकास के पथ पर अग्रसर होगा।

प्रदेश की तरह ही हर जिले की जीडीपी तैयार करें
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जीडीपी की तरह हर जनपद का भी जीडीपी बनना चाहिए, ताकि आत्मनिर्भर भारत, आत्मनिर्भर प्रदेश की तरह जनपद भी आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने कहा कि यह आत्मनिर्भर गांव की आधारशिला का यह अभियान है, जो जागरूकता के साथ हर व्यक्ति को जोड़कर लाभ पहुंचाने का कार्य करेगा।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.
Back to top button