चीन और ASEAN ने किया FTA 3.0 समझौता, ट्रंप टैरिफ के असर को किया कम

नई दिल्ली

अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ के असर को कम करने के लिए तमाम देश अपने-अपने तरीके से प्रयास कर रहे हैं. इस बीच दुनिया के लिए टेंशन की सबसे बड़ी वजह US-China Tariff War बना दिखाई दिया. हालांकि, दुनिया की इन दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में तनाव घटने के संकेत भी मिले हैं और इसी हफ्ते के अंत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करने वाले हैं. लेकिन इससे पहले ही China ने एक बड़ी डील कर डाली है और उसने आसियान के साथ अपने मुक्त व्यापार समझौते पर साइन किए हैं. US Tariff के असर को कम करने के लिए ये डील कुआलालंपुर में हुई है. 

चीन-आसियान के बीच बड़ा कारोबार
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण पूर्व एशियाई ब्लॉक आसियान और चीन ने मंगलवार को अपने मुक्त व्यापार समझौते पर आगे बढ़ने के लिए हस्ताक्षर किए. इसमें डिजिटल, ग्रीन इकोनॉमी और अन्य नए उद्योगों पर फोकस किया जाएगा. आसियान के आंकड़ों के अनुसार, 11 सदस्यीय दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ चीन का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. बीते साल दोनों देशों के बीच कुल 771 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ.

चीन लगातार बढ़ा रहा व्यापारिक संबंध
अमेरिका के टैरिफ अटैक के बीच चीन लगातार आसियान के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को और बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, जो 3.8 ट्रिलियन डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद वाला क्षेत्र है. ऐसा इसलिए ताकि दुनिया भर के देशों पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा लगाए गए भारी आयात शुल्क का मुकाबला किया जा सके. गौरतलब है कि रेयर अर्थ मिनरल्स और अन्य महत्वपूर्ण खनिजों पर निर्यात प्रतिबंधों को लेकर प्रमुख शक्तियों की आलोचना के बावजूद चीन खुद को अधिक एक ओपन इकोनॉमी के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रहा है.

2022 में बात शुरू, अब हो गई डील
ASEAN के साथ चीन के FTA 3.0 पर मलेशिया में इस समूह के नेताओं के शिखर सम्मेलन में हस्ताक्षर किए गए. इसमें ट्रंप ने रविवार को एशिया की अपनी यात्रा की शुरुआत में भाग लिया था. रिपोर्ट के मुताबिक, इस उन्नत आसियान-चीन समझौते पर बातचीत नवंबर 2022 में शुरू हुई थी और इस साल मई में समाप्त हुई. ये वो समय था जबकि डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ के साथ आक्रामक रुख अपनाए नजर आए. इससे पहले दोनों के बीच पहला मुक्त व्यापार समझौता 2010 में लागू हुआ था.

क्यों खास हैं चीन-ASEAN? 
चीन और आसियान दोनों क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) का हिस्सा हैं, जो दुनिया का सबसे बड़ा व्यापारिक समूह है. दुनिया की लगभग एक-तिहाई आबादी और वैश्विक GDP के लगभग 30% को ये कवर करता है. मलेशिया ने सोमवार को कुआलालंपुर में आरसीईपी शिखर सम्मेलन की मेजबानी की, जो पिछले पांच सालों में पहली बार थी. चीन ने इससे पहले कहा था कि यह समझौता चीन और आसियान के बीच कृषि, डिजिटल अर्थव्यवस्था और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में बेहतर बाजार पहुंच की राह आसान बनाएगा. 

कुछ एनालिस्ट इस ब्लॉक को संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के विरुद्ध एक संभावित बफर के रूप में देखते हैं, लेकिन इसके सदस्यों के बीच प्रतिस्पर्धी हितों के कारण इसके प्रावधानों को कुछ अन्य क्षेत्रीय व्यापार समझौतों की तुलना में कमजोर माना जाता है.

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News news desk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *