चिरंजीवी योजना : झुमकू जैसे कइयों को मिला है जीवनदान

आकांक्षा पालावत
मुख्यमंत्री श्री अशेाक गहलोत की महत्त्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना प्रदेशवासियों के लिए अपने नाम के अनुरूप सार्थक सिद्ध हो रही है। इस योजना ने प्रदेश के जनसाधारण तक हर वो जरूरी चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करवाई है जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। मुख्यमंत्री की निरोगी राजस्थान की परिकल्पना को यथार्थ स्वरूप प्रदान करने में इस योजना की अहम् भूमिका रही है।
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना ने बालेसर खंड के भांभूओ की ढाणी निवासी 15 वर्षीय झमकू को जन्मजात हृदय रोग से मुक्त कर न केवल उसे हीं, बल्कि उसके पूरे परिवार को खुशियों भरा वो तोहफा दिया है जिसे वे ताजिन्दगी भुला नहीं पाएंगे। उसके इस जन्मजात हृदय रोग के निःशुल्क ऑपरेशन की बात ने क्षेत्रवासियों के मन में भी मुख्यमंत्री जी की संवेदनशीलता और दूरदर्शिता के प्रति श्रद्धा के साथ नया विश्वास जगाया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बलवंत मंडा के अनुसार बालेसर क्षेत्र में आरबीएसके टीम-बी की डॉ. ज्योति शर्मा की टीम द्वारा भांभुओ की ढाणी स्थित राजकीय स्कूल में बच्चों की स्क्रीनिंग के दौरान लगभग दो वर्ष पहले झमकू को साँस लेने में दिक्कत के लक्षण पाए गए थे।
इस पर बालेसर बीसीएमओ डॉ. रईस खान मेहर के निर्देशन में झमकू के ईलाज के लिए उसके परिजनों को प्रेरित करते हुए जोधपुर मथुरादास माथुर अस्पताल के लिए रेफर किया गया, जहाँ पर डीईआईसी केंद्र के माध्यम से झमकू की सम्पूर्ण जांचें की गयी तथा उसे ऑपरेशन के लिए उपयुक्त माना गया, परंतु झमकू के परिजनों ने लड़की होने का हवाला देते हुए ऑपरेशन के लिए मना कर दिया।
डॉ. मंडा ने बताया कि झमकू की बीमारी और उससे उत्पन्न होने वाली भावी परेशानियों के मद्देनज़र बालेसर आरबीएसके टीम ने हार नहीं मानी। टीम ने लगभग दो वर्ष तक झमकू का नियमित फॉलोअप लिया और परिजनो को ऑपरेशन के लिए प्रेरित भी किया। बावजूद परिजन अड़े रहे। इस पर आरबीएसके टीम के साथ ही झमकू की स्कूल के अध्यापक श्री चौलसिंह चारण ने भी अपने सार्थक प्रयास किए। सभी के सम्मिलित प्रयास रंग लाए और अन्ततोगत्वा परिजन ऑपरेशन कराने के लिए राजी हो गए।
आरबीएसके जिला नोडल अधिकारी आरसीएचओ डॉ. कौशल दवे ने बताया कि परिजनों को टीम द्वारा मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि झमकू का ऑपरेशन और पूरा ईलाज निःशुल्क होगा। इसके बाद परिजन झमकू को लेकर जोधपुर आए, यहां के निजी मेडिपल्स अस्पताल में दो दिन पहले झमकू का सफल ऑपरेशन किया गया और शीघ्र ही अस्पताल से छुट्टी कर देने की बात कही।
डीईआइसी स्टाफ की डॉ. सोनिया मुण्डेल व डॉ. शबनम खान ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत जिले में पहली बार झमकू का ऑपरेशन मिनिमम इनवेसिव इंसीजन सर्जरी तकनीक के तहत छाती में चीरा नहीं लगाते हुए छाती के निचले हिस्से में छोटा सा छेद कर जन्मजात हृदय रोग (दिल में छेद) सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। झमकू अब पूरी तरह से स्वस्थ है।
ऑपरेशन के बाद झमकू के परिजनों ने मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी चिरंजीवी योजना के अंतर्गत डेढ़ से दो लाख तक का ऑपरेशन निःशुल्क होने पर आभार प्रकट किया।