शनि अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का संयोग, ना करें ये काम

 हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की अमावस्या तिथि इस बार 29 मार्च, शनिवार को आ रही है, जिसे शनि अमावस्या के रूप में मनाया जाएगा. जब अमावस्या तिथि शनिवार को पड़ती है, तो इसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है. इस दिन सूर्य ग्रहण और शनि का मीन राशि में गोचर भी हो रहा है, जिससे इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है. शास्त्रों के अनुसार, शनि अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान और पितरों का तर्पण करना अत्यंत शुभ माना जाता है. विशेष रूप से जिन जातकों की कुंडली में पितृ दोष है, उनके लिए यह दिन अत्यधिक फलदायी होता है.

ज्योतिष शास्त्र में शनि अमावस्या से जुड़ी कुछ विशेष सावधानियों का उल्लेख किया गया है. अगर इनका पालन नहीं किया गया, तो शनिदेव की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है, जिससे जीवन में कई कठिनाइयां आ सकती हैं. आइए जानते हैं कि इस शुभ दिन पर कौन-सी गलतियों से बचना चाहिए.

पूजा के बाद पीठ न दिखाएं

शनि अमावस्या के दिन शनिदेव के मंदिर जाकर विधिपूर्वक पूजा करें और शनि से संबंधित वस्तुओं का दान करें. लेकिन ध्यान रखें, मंदिर से लौटते समय शनिदेव को पीठ दिखाना अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से जीवन में बाधाएं आ सकती हैं और शनि दोष बढ़ सकता है.

पूजा के दौरान शनिदेव की आंखों में न देखें

शनि अमावस्या पर पूजा करते समय यह ध्यान रखें कि शनिदेव की आंखों में सीधा देखने से बचें. शास्त्रों के अनुसार, शनिदेव की दृष्टि वक्री होती है और यदि कोई उनकी आंखों में देखता है, तो उसे उनके वक्री दृष्टि का अशुभ प्रभाव झेलना पड़ता है. इसलिए पूजा करते समय आंखें नीचे रखें.

इन चीजों को घर न लाएं

शनि अमावस्या के दिन गरीब, जरूरतमंद और असहाय लोगों की सहायता करना बहुत पुण्यकारी होता है. लेकिन इस दिन गरीबों का अपमान भूलकर भी न करें, अन्यथा शनिदेव की कृपा प्राप्त नहीं होती. साथ ही, इस दिन लोहे, काले जूते या अन्य शनि से संबंधित वस्तुएं घर लाने से बचना चाहिए.

नाखून, बाल और दाढ़ी न काटें

शनि अमावस्या के दिन नाखून काटना, बाल कटवाना या दाढ़ी बनवाना वर्जित माना गया है. ऐसा करने से जीवन में विघ्न-बाधाएं आ सकती हैं. इसके अलावा, झूठ बोलना, क्रोध करना, कटु वचन कहना और तामसिक भोजन ग्रहण करना भी इस दिन टालना चाहिए.

स्त्री-पुरुष संबंध से बचें

गरुड़ पुराण के अनुसार, शनि अमावस्या के दिन यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए. ऐसा करने से उत्पन्न संतान को कई प्रकार के कष्ट उठाने पड़ सकते हैं. इसके अलावा, इस दिन सुबह देर तक सोने से बचें. बल्कि जल्दी उठकर काले तिल डालकर स्नान करें और सूर्यदेव को जल अर्पित करें.

इन स्थानों पर न जाएं

शनि अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण भी है, इसलिए इस दिन श्मशान, कब्रिस्तान, या सुनसान स्थानों पर जाने से बचना चाहिए. अमावस्या तिथि को नकारात्मक शक्तियां अधिक सक्रिय होती हैं, जिससे अनचाही समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. साथ ही, इस दिन माता-पिता और बुजुर्गों का सम्मान करें और घर में किसी भी प्रकार के विवाद से बचें. ऐसा न करने से पितर और शनिदेव अप्रसन्न हो सकते हैं.

शनि अमावस्या पर करें ये शुभ काम

पवित्र नदी में स्नान करें और पितरों का तर्पण करें.

शनिदेव को तिल, तेल, काले वस्त्र और उड़द दान करें.

गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करें.

हनुमान चालीसा और शनि चालीसा का पाठ करें.

सात्विक भोजन ग्रहण करें और संयम का पालन करें.

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News news desk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *