दिल्ली में कोल्डरिफ सिरप पर बैन, बच्चों की सेहत को लेकर सरकार ने लिया सख्त कदम

नई दिल्ली

कई बच्चों की जान लेने वाली कफ सिरप Coldrif के खिलाफ लगातार एक्शन लिया जा रहा है. दवा की बिक्री पर रोक लगाने वाले राज्यों या केंद्र शासित प्रदेश में दिल्ली का नाम भी शामिल हो गया है. दिल्ली सरकार ने अपने आदेश के जरिए Colddrif सिरप की बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन पर रोक लगा दी. इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने खुदरा और थोक दवा विक्रेताओं को तत्काल प्रभाव से Colddrif कफ सिरप की बिक्री और खरीद रोक लगा दिया. वहीं मणिपुर ने ‘अत्यधिक विषाक्त’ रसायन वाले दो कफ सिरप ब्रांड पर अपने यहां रोक लगा दी.

दिल्ली सरकार के औषधि नियंत्रण विभाग ने अपने सार्वजनिक नोटिस में कोल्डरिफ कफ सिरप (Coldrif Syrup) को “मानक गुणवत्ता से कम” (Not of Standard Quality) घोषित किया है. यह सिरप स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पाया गया है क्योंकि इसमें डाइथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) 46.28% पाया गया है, जो शरीर के लिए बहुत ही विषैला होता है.

सिरप का इस्तेमाल नहीं करने की अपील

जिस दवा Coldrif Syrup (Paracetamol, Phenylephrine Hydrochloride, Chlorpheniramine Maleate Syrup) की बिक्री पर रोक लगाई गई है, वो मई 2025 में मैन्यूफैक्चर हुआ था और उसकी एक्सपायरी डेट अप्रैल 2027 थी. इस दवा की निर्माता कंपनी तमिलनाडु की कांचीपुरम जिले की कंपनी श्रीसेन फार्मा कंपनी (Sresan Pharmaceutical Manufacturer) है. आदेश के अनुसार, सभी दवा विक्रेताओं, वितरकों और थोक व्यापारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे इस कफ सिरप की खरीद, बिक्री और ड्रिस्ट्रीब्यूशन तुरंत रोक दें. आम लोगों से भी अपील की गई है कि वे इस सिरप का इस्तेमाल न करें.

कंपनी का मालिक 10 दिन की रिमांड पर

इस बीच मध्य प्रदेश में 20 से ज्यादा बच्चों की मौत की जिम्मेदार कोल्ड्रिफ बनाने वाली श्रीसेन फार्मा कंपनी के मालिक रंगनाथन गोविंदन को कल शुक्रवार को छिंदवाड़ा की एक कोर्ट ने 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख जितेंद्र जाट ने बताया कि रंगनाथन को 2 दिन पहले गुरुवार को तमिलनाडु से हिरासत में लिया गया था. फिर उन्हें चेन्नई की एक कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर लिए जाने के बाद परासिया शहर में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गौतम गुर्जर के समक्ष पेश किया गया. कोर्ट ने रंगनाथन को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया.

वहीं छिंदवाड़ा के अतिरिक्त जिलाधिकारी धीरेंद्र सिंह नेत्री का कहना है कि अब तक दूषित कोल्ड्रिफ सिरप की वजह से 22 बच्चों की मौत हो चुकी है. अधिकारियों के अनुसार, छिंदवाड़ा और कई अन्य जिलों के बच्चों की मौत संदिग्ध रूप से किडनी खराब होने की वजह से हुई है, जिसका संबंध खराब कोल्ड्रिफ कफ सिरप लेने से है. राज्य के कुछ बच्चों का नागपुर में इलाज चल रहा है. उनका कहना है कि जिस फैक्टरी में कफ सिरप बनाया जा रहा था, उसे सील कर दिया गया है.

बंगाल ने भी लगाई अपने यहां रोक

दूसरी ओर, मणिपुर सरकार ने कल शुक्रवार को कफ सिरप के 2 ब्रांड पर रोक लगा दिया, जिनमें ‘अत्यधिक विषाक्त रसायन’ मिले हैं. राज्य के औषधि नियंत्रण विभाग ने मणिपुर में इन दोनों उत्पादों की बिक्री और सेवन पर रोक लगा दिया है तथा सभी खुदरा विक्रेताओं, वितरकों और दुकानदारों से कहा गया है कि वे प्रभावित बैचों को तुरंत दुकानों से हटा लें और इस संबंध में अनुपालन रिपोर्ट भी दें.

मणिपुर की तरह बंगाल केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन (बीसीडीए) ने भी अपने यहां सभी खुदरा और थोक दवा विक्रेताओं को तत्काल प्रभाव से कफ सिरप की बिक्री और खरीद रोकने का निर्देश दिया है. साथ ही इस इस सिरप का स्टॉक नहीं करने की चेतावनी भी दी. इससे पहले भी कई राज्य इस पर रोक लगा चुके हैं.

 

India Edge News Desk

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