स्कूल शिक्षा को भारतीय मूल्यों, संस्कृति आधारित शिक्षा से जोड़ने के लिये किये गये प्रभावी प्रयास

स्कूल शिक्षा को भारतीय मूल्यों, संस्कृति आधारित शिक्षा से जोड़ने के लिये किये गये प्रभावी प्रयास

एक वर्ष की रही है उल्लेखनीय उपलब्धियाँ

भोपाल

प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है, जिसका उद्देश्य भारत के सतत् विकास के लिये आवश्यक शैक्षिक सुधारों को साकार करना प्रमुख रहा है। इसी उद्देश्य को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का स्कूल शिक्षा में प्रभावी रूप से क्रियान्वयन कर रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय परम्परा और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाये रखते हुए, आधुनिक, वैश्विक लक्ष्यों के अनुरूप शिक्षा प्रणाली में समग्र परिवर्तन को प्रस्तावित करती हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति कहती है कि शैक्षिक प्रणाली का उद्देश्य अच्छे इंसानों का विकास करना है, जो तर्कसंगत विचार और कार्य करने में सक्षम हो, जिसमें करूणा और सहानुभूति, साहस और लचीलापन, वैज्ञानिक चिंतन, रचनात्मक कल्पना शक्ति, नैतिक मूल्य और आधार हो। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह का मानना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता को ध्यान में रखते हुए समावेशी शिक्षा के दृष्टिकोण को बढ़ावा देती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 स्थानीय और वैश्विक आवश्यकताओं के बीच संतुलन भी बनाती है।

प्रदेश में उठाये गये उल्लेखनीय कदम

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिये स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में विभागीय अधिकारियों, शिक्षाविदों, शासकीय-अशासकीय विद्यालयों के 43 सदस्यीय टॉस्क फोर्स का गठन प्रदेश में किया जा चुका है। टॉस्क फोर्स के गठन के बाद नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा एवं सुझाव के लिये टॉस्क फोर्स की 3 बैठकों का आयोजन भी किया जा चुका है। इसके साथ ही निरन्तर समीक्षा के लिये 13 समितियों का गठन भी किया जा चुका है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार प्रदेश के सभी शासकीय व अशासकीय विद्यालयों में जुलाई 2024 में गुरूपूर्णिमा के महत्व एवं पारम्परिक गुरू-शिष्य संस्कृति पर प्रार्थना सभा में बातचीत एवं शिक्षकों और विद्यार्थियों द्वारा गुरू संस्मरण का आयोजन भी किया गया है।

प्रदेश की शालाओं में जन्माष्टमी पर्व पर आयोजन अगस्त 2024 में किया गया। आयोजन में श्रीकृष्ण की शिक्षा एवं मित्रता के प्रसंग तथा जीवन दर्शन पर आधारित विभिन्न विषयों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं व्याख्यान आयोजित किये गये। लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयन्ती के आयोजन को देखते हुए भाषा भारती कक्षा-7 पाठ 18 सुरभि संस्कृत कक्षा 8 में लोकमाता के जीवन पर केन्द्रित पाठ्यक्रम को शामिल किया गया। स्कूलों में बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण देने के लिये निरन्तर कैम्प भी आयोजित किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश के सभी शासकीय विद्यालयों में 26 से 29 नवम्बर 2024 के मध्य श्रीमद् भागवत गीता आधारित मूल्य शिक्षा क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। 11 दिसम्बर 2024 को गीता जयन्ती के अवसर पर विद्यालयों में गीताकर्म पर आधारित व्याख्यान एवं स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। स्कूलों में मकर संक्रांति पर्व, संस्कृत भाषा के विकास के लिये महाकवि कालिदास के व्यक्तित्व और कृतित्व पर श्लोक पाठ और नृत्य-नाटिका आयोजित की गई। प्रदेश में स्थानीय जनजातीय भाषा गोंडी, भीली, सहरिया, बारेली, निमाड़ी, बुंदेली और बघेली में तैयार की गई त्रिभाषा पुस्तकें 21 जिलों के 89 जनजातीय विकासखंडों में उपलब्ध कराई गई।

बजट का समुचित उपयोग

स्कूल शिक्षा विभाग ने वित्तीय वर्ष-2024-25 में प्रावधान किये गये कुल बजट का 95 प्रतिशत हिस्सा स्कूल शिक्षा के सुधार में दिया। प्रदेश में 10वीं बोर्ड परीक्षा में इस वर्ष 74 प्रतिशत परिणाम आया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक है। कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा का परिणाम इस वर्ष 74 प्रतिशत रहा, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 10 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। बोर्ड की कक्षा 10 और 12 में 53 प्रतिशत विद्यार्थियों ने प्रथम श्रेणी प्राप्त की है। प्रदेश में बोर्ड जीरो पेपर लीक के साथ सम्पन्न हुई।

योजनाओं का क्रियान्वयन

प्रदेश में स्कूल शिक्षा की लोक कल्याण योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक योजना में शासकीय विद्यालय में पढ़ाई कर रहे 82 लाख विद्यार्थियों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक वितरित की गई। छात्रवृत्ति योजना में कक्षा एक से 12वीं में अध्ययनरत एससी, एसटी, ओबीसी और बीपीएल के 66 लाख छात्रों को सिंगल क्लिक के माध्यम से 332 करोड़ रूपये की राशि अंतरित की गई। नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना में कक्षा 6 एवं 9 के 4 लाख 75 हजार विद्यार्थियों को नि:शुल्क साइकिल वितरित की गई। प्रतिभाशाली छात्र प्रोत्साहन योजना में कक्षा 12 में 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले 89 हजार 801 विद्यार्थियों को डीबीटी के माध्यम से 224 करोड़ 25 लाख रूपये की राशि ट्रांसफर की गई। सांदीपनि विद्यालय योजना में पहले चरण में 276 सांदीपनि विद्यालय प्रारंभ किये जा चुके हैं। इन विद्यालयों में 2 लाख 62 हजार 613 विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। विनोवा सांदीपनि रतलाम विद्यालय में नवाचार की श्रेणी में वर्ल्ड बेस्ट स्कूल में प्रथम स्थान प्राप्त किया। केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में मध्यप्रदेश में 787 पीएमविद्यालय संचालित किये जा रहे हैं।

मॉडल स्कूलों का संचालन

प्रदेश में 145 मॉडल स्कूलों में से 143 मॉडल स्कूल स्वयं के भवन निर्मित हो चुके हैं। प्रदेश में मॉडल स्कूलों में 50 हजार विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। इसी के साथ प्रत्येक जिला मुख्यालय एवं विकासखंड मुख्यालय पर स्थापित चयनित एक शासकीय विद्यालय को उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में विकसित किया गया है। प्रदेश में 43 जिला मुख्यालयों एवं 96 विकासखंड स्तर पर उत्कृष्ट विद्यालय संचालित हैं। शिक्षकों को प्रशिक्षण और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिये शैक्षिक संवाद का आयोजन किया जा रहा है।

व्यावसायिक शिक्षा

नई शिक्षा नीति के अनुरूप प्रदेश के 2383 विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा संचालित की जा रही है, जिसमें 4 लाख विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जिन्हें 12 ट्रेड्स में शिक्षा दी जा रही है। विद्यालयों में कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये भी 465 विद्यालयों में कृषि ट्रेड्स संचालित किये जा रहे हैं। स्किल कैरियर काउंसलिंग के माध्यम से करीब डेढ़ लाख विद्यार्थियों को कैरियर संबंधी सलाह दी गई। डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये एक लाख 84 हजार प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को टैबलेट प्रदान किये गये।

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button