फ्लोटिंग सीमा चौकियों से जवानों को निगरानी करने में मिलेगी सहायता : अमित शाह
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
कोलकाता : केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल पहुंचे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सरकार सीमाओं की रक्षा के लिए मजबूती से डटे सीमा सुरक्षा बल के जवानों को हर मुमकिन सुविधा देने के लिए संकल्पबद्ध है। पश्चिम बंगाल के दौरे पर गये शाह ने गुरूवार को भारत-बांग्लादेश सीमा की हरिदासपुर चौकी पर ‘सीमा प्रहरी सम्मेलन’ को संबोधित किया। इससे पहले उन्होंने सुंदरबन के दुर्गम क्षेत्र की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनवाई गयी नर्मदा, सतलुज तथा कावेरी फ्लोटिंग सीमा चौकियों का उद्घाटन किया।
‘‘इन फ्लोटिंग सीमा चौकियों से हमारे सीमा सुरक्षा बल के जवानों को सीमा की निगरानी व सुरक्षा करने में बहुत सहायता मिलेगी।” शाह ने उद्घाटन के पश्चात नर्मदा, सतलुज और कावेरी फ्लोटिंग सीमा चौकियों का भ्रमण कर जवानों की सुविधाओं का निरीक्षण भी किया। उन्होंने कहा कि सरकार सुंदरबन के इस अत्यंत चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में पूरी सजगता से देश की रक्षा करने वाले सीमा सुरक्षा बल के जवानों को हर मुमकिन सुविधा देने के लिए संकल्पबद्ध है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने फ्लोटिंग सीमा चौकियों पर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बोट एम्बुलेंस का भी शुभारंभ किया। किसी भी आपातकालीन स्थिति में ये बोट एम्बुलेंस बहुत सहायक सिद्ध होगी।
बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा कि अस्थायी बीओपी अंतरराष्ट्रीय सीमा की चौकसी को मजबूत करेगी तथा बाद में इस तरह के और भी बीओपी स्थापित किये जायेंगे। इससे पहले हिंगलगंज में बीएसएफ की 85वीं बटालियन के हेलिपैड पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, केंद्रीय गृहराज्य मंत्री निशीत प्रामाणिक, नंदीग्राम विधायक शुभेंदु अधिकारी और राज्य के कुछ अन्य नेताओं ने श्री शाह का स्वागत किया। पिछले वर्ष मार्च-अप्रैल में विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए बंगाल के दौरे पर आने के 13 महीने बाद शाह का राज्य का यह पहला दौरा है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि शाह का इस राज्य का दौरा भाजपा की अपनी संगठनात्मक मशीनरी को मजबूत करने के उद्देश्य से हो रहा है, जो 2021 के विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद से आंतरिक कलह और दलबदल से त्रस्त है। कुछ आधिकारिक कार्यक्रमों के अलावा शाह के राज्य में भाजपा संगठन को बढ़ावा देने के लिए संगठनात्मक बैठकें करने की भी उम्मीद है। गत विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस को हराने और 200 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा को जहां 294 सदस्यीय विधानसभा में से केवल 77 सीटों से संतोष करना पड़ा था वहीं तृणमूल को 213 सीटें मिली थी।
(जी.एन.एस)