पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिनों ने मांगा अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
बछरावां,रायबरेली । पति की लंबी उम्र एवं पुत्रों को यशस्वी होने के लिए महिलाओं द्वारा वट वृक्ष की पूजा कर अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान मांगा गया। हिंदू पंचांग के अनुसार जेष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को किए जाने वाले इस व्रत के बारे में पौराणिक ग्रंथों में सावित्री एवं सत्यवान की कथा का प्रचलन है। कहां गया है कि अश्वपति राजा की पुत्री सावित्री द्वारा यह जानने के बाद भी की सत्यवान की अल्प आयु कम है, उसने विवाह किया था। अपने पति के जीवन को बचाने के लिए सावित्री ने वट वृक्ष के नीचे बैठकर घोर तपस्या की थी। और यमराज से पुत्रवती होने का वरदान प्राप्त कर लिया था। मजबूरन अपने प्रदान की लज्जा रखने के लिए यमराज को सत्यवान के प्राण छोड़ने पड़े थे। तब से हिंदू धर्म में वट वृक्ष की पूजन का विधान बन गया।इस व्रत के अंतर्गत महिलाओं द्वारा बगैर कुछ खाए अथवा पानी पिए वट वृक्ष के सामने दीपक जलाकर पकवान तथा फल अर्पित करने के बाद कच्चे धागों से वट वृक्ष को लपेटने की प्रथा चली आ रही है। कच्चे धागे का बंधन इस बात का प्रतीप माना जाता है कि उनके और उनके पति के बीच अटूट प्रेम और जन्म जन्मांतर का बंधन बना रहेगा।इस व्रत को मनाने की शहरी क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक महिलाओं की भारी भीड़ रही। जगह जगह महिलाओं द्वारा पूजा अर्चन किया गया।वैसे भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पर्यावरण को सही रखने में वटवृक्ष की विशेष भूमिका होती है।