हमास leader के बेटे ने इजरायली एक्शन को बताया सही, कहा- ‘1400 सालों से यहूदियों का सफाया कर रहे मुसलमान अब

बेरुत

इजरायली सेना हमास के बाद अब लेबनान में हिजबुल्लाह आतंकियों पर मौत बन कर बरस रही है. लेबनान पर इजरायल की तरफ से लगातार हिजबुल्लाह आतंकियों को निशाना बनाकर बमबारी की जा रही है. इस बमबारी में अब तक टॉप कमांडर नसरल्लाह के अलावा हिजबुल्लाह के कई बड़े नेता मारे जा चुके हैं. इन हमलों में अबतक सैकड़ों नागरिकों की भी मौत हो चुकी है, जिसकी वजह से कई सारे देश इजरायल की आलोचना कर रहे हैं. लेकिन इन सब से उलट  मोसाब हसन यूसुफ ने इजयरायल के द्वारा किए जा रहे हमलों को सही बताया है. मोसाब हसन आतंकी संगठन हमास का को-फाउंडर रहा शेख हसन यूसुफ का बेटा है.

'इजरायल का एक्शन पूरी तरह जायज'

मोसाब ने एक टीवी डिबेट में हिस्सा लेते हुए कहा कि, फिलिस्तीन में इजरायल सबसे वैध जातीय समूह है, जिसके पास उस भूमि से अपने संबंधों के मजबूत सबूत हैं. मुसलमान पिछले 1,400 सालों से उस जमीन से यहूदी लोगों का सफाया करने की कोशिश कर रहे हैं. मोसाब ने आगे कहा कि इजरायल को अपना बचाव करने का पूरा अधिकार है. हिजबुल्लाह और हमास के खिलाफ इजरायल का एक्शन पूरी तरह से जायज है.

हसन नसरल्लाह मौत पर मोसाब ने कहा कि ये उसकी सजा है. वहीं मोसाब ने आगे कहा कि मैं फिलिस्तीन संघर्ष का गवाह रहा हूं. मोसाब ने बताया कि कैसे फिलिस्तीन में राजनीतिक और वित्तीय लाभ के लिए बच्चों की बलि दी जाती है. दुनिया भर में इजरायल की आलोचना पर मोसाब ने पूछा कि इजरायल में खून बह रहा था, तब किसी ने हिजबुल्लाह के एक्शन का विरोध क्यों नहीं किया?.

अपने ही पिता के खिलाफ की जासूसी

आपको जानकर हैरानी होगी कि इजरायल का इतनी मजबूती के साथ पक्ष रखने वाला मोसाब एक समय पर फिलिस्तीनी मिलिटेंट था. लेकिन 1997 में वो इजरायल चला गया और इजरायली खुफिया एजेंसी शिन बेट के लिए जासूसी करने लगा. हमास आतंकियों के द्वारा इजरायल के अंदर घूस कर हमला किया और कई सारे लोगों को बंधक बना लिया गया. उस वक्त मोसाब ने इजरायल से सभी हमास नेताओं के खात्मे की अपील की थी. मोसाब ने कहा था कि अगर सभी बंधक रिहा नहीं किए जाते हैं तो इजरायल को सभी हमास नेताओं को खत्म कर देना चाहिए. इन नेताओं में मोसाब के पिता का नाम भी शामिल था.

फिलहाल लेबनान में इजरायल की सेना ने जमीनी हमला शुरू कर दिया है. इजरायल की सेना की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक सोमवार-मंगलवार की रात में आईडीएफ लेबनान के अंदर घुस गई है. आईडीएफ हिजबुल्लाह के ठिकानों के खिलाफ सीमित, स्थानीय और लक्षित जमीनी हमले कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘मैं मौजूदा घटनाक्रम पर अधिक टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं. मैंने संघर्ष को दिया है. मैं फिलिस्तीन संघर्ष का गवाह रहा हूं. मैंने अपना आधा जीवन तथाकथित फिलिस्तीनी समाज में जिया है और आधा जीवन यहूदी समुदाय के साथ बिताया है. फिलिस्तीन की संस्कृति मौत की संस्कृति है, जो राजनीतिक और वित्तीय लाभ के लिए बच्चों की बलि देती है. जब इजरायल के साउथ में खून बह रहा था, तब किसी ने हिजबुल्लाह के एक्शन का विरोध क्यों नहीं किया? जब खेल के मैदान में 12 बच्चे मरे थे, तब हसन नसरल्लाह को किसी ने क्यों नहीं रोका? नसरल्लाह पूरी तरह से गलत था और उसे उसके किए की सजा मिली.

दरअसल, मोसाब हसन यूसुफ एक पूर्व फिलिस्तीनी मिलिटेंट थे. 1997 में उन्होंने इसराइल जाने का फैसला किया. इसके बाद 2007 में अमेरिका जाने तक वे इजरायली खुफिया एजेंसी शिन बेट के लिए जासूसी करते रहे. उनके पिता शेख हसन यूसुफ हमास के संस्थापकों में से एक थे. पिछले साल उन्होंने इजरायल से सभी हमास नेताओं के खात्मे की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि अगर सभी बंधक रिहा नहीं किए जाते हैं तो इजरायल को सभी हमास नेताओं को खत्म कर देना चाहिए. इसमें उनके पिता भी शामिल हैं. यानी मोसाब ने इजरायल से अपने पिता के खात्मे की भी अपील की थी.

India Edge News Desk

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