ग्वालियर-चंबल में जोरदार बारिश, 17 जिलों में अलर्ट:मानसूनी बारिश से पूरा एमपी तरबतर; भोपाल, इंदौर-जबलपुर भी भीगेंगे

भोपाल
अलग-अलग स्थानों पर सक्रिय चार मौसम प्रणालियों के असर से प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा हो रही है। शनिवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सीधी में 48, रतलाम में 33, सतना में 23, रीवा में 16, खजुराहो में 12, मंडला में पांच, दमोह में चार, उज्जैन एवं नौगांव में तीन-तीन, नर्मदापुरम, पचमढ़ी, उमरिया एवं मलाजखंड में दो-दो, छिंदवाड़ा, धार, गुना एवं इंदौर में एक-एक मिलीमीटर वर्षा हुई। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक गुना में 66.7, शिवपुरी में 45, टीकमगढ़ में 42, उमरिया में 26.7, धार में 26, सिवनी में 21.6, नरसिंहपुर में 21, सागर में 17, मलाजखंड में 14.6, मंडला में 14.5, पचमढ़ी में 14.2, बैतूल में 12.4, सीधी में 11.4, छिंदवाड़ा में 11.2 मिलीमीटर वर्षा हुई।

24 घंटे में 8 इंच पानी गिरने की संभावना मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी और पन्ना में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। 24 घंटे में 8 इंच तक पानी गिर सकता है। भिंड, दतिया, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, सतना, रीवा, मऊगंज में भारी बारिश का अलर्ट है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर समेत प्रदेश के अन्य जिलों में आंधी और बारिश का दौर जारी रहेगा।

इन सिस्टम की वजह से ऐसा मौसम प्रदेश के ऊपर से एक लो प्रेशर एरिया (कम दबाव का क्षेत्र) गुजर रहा है। वहीं, पश्चिमी हिस्से से टर्फ की एक्टिविटी है। ये दोनों ही सिस्टम स्ट्रॉन्ग है। इस वजह से पूर्वी और उत्तरी हिस्से में अति भारी या भारी बारिश का अलर्ट है। इसके अलावा एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन और टर्फ भी सक्रिय है, जो पूरे प्रदेश में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश करा रहे हैं।
5 दिन में पूरा प्रदेश कवर बता दें कि इस बार देश में मानसून 8 दिन पहले ही आ गया था। वहीं, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में यह तय समय से पहले पहुंच गया। ऐसे में अनुमान था कि मध्यप्रदेश में यह जून के पहले सप्ताह में ही आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछले 15 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा रहा। इस वजह से एमपी में इसकी एंट्री नहीं हो पाई। 13-14 जून को मानसून आगे बढ़ा। बावजूद यह प्रदेश में 1 दिन लेट हो गया।

हालांकि, 3 दिन में ही मानसून ने प्रदेश के 53 जिलों को कवर कर लिया। वहीं, एक के ठहराव के बाद शुक्रवार को बाकी बचे 2 जिले- भिंड और मऊगंज में भी मानसून एंटर हो गया। इस तरह 5 दिन में ही मानसून ने पूरे प्रदेश को कवर कर लिया। एमपी में मानसून के प्रवेश की सामान्य तारीख 15 जून ही है। पिछले साल यह 21 जून को एंटर हुआ था।

    वर्तमान में दक्षिण-पश्चिमी बिहार एवं उसके आसपास कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है।

इससे हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात भी संबद्ध हो, जो दक्षिण की तरफ झुका हुआ है।

यह उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है।
उत्तर-पूर्व राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है।
पाकिस्तान के मध्य से लेकर असम तक एक द्रोणिका बनी हुई है।
जो उत्तरी मध्य प्रदेश से होकर जा रही है।
बांग्लादेश से लेकर गुजरात तक एक द्रोणिका बनी हुई है।
जो मध्य प्रदेश से होकर जा रही है।
भी तीन-चार दिन तक प्रदेश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में अच्छी वर्षा होने की संभावना है।
शेष क्षेत्रों में हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा होगी।

गुप्त गोदावरी गुफा का गेट किया बंद

विंध्य के रीवा और सतना में शनिवार को भी जोरदार वर्षा हुई। सतना में सुबह जोरदार वर्षा से शहर में एक घंटे तक आवागमन बंद रहा। चित्रकूट में गुप्त गोदावरी गुफा में पहाड़ी से पानी का बहाव तेज होने के कारण गेट बंद कर दिया गया। धार्मिक नगरी चित्रकूट में वर्षा से सड़कों पर पानी भर गया है।
गुना में दो सगे भाइयों समेत तीन बहे, एक की मौत

लगातार वर्षा से नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। ऐसे में चढ़ती नदी पार करने में हादसे भी होने लगे हैं। गुना जिले में ऐसे ही दो हादसों में बीती रात फतेहगढ़ थानाक्षेत्र की कोहन और बरसाती नदी में तीन लोग बह गए। इनमें एक की मौत हो गई। दो अन्य की तलाश की जा रही है।

इंदौर में पिछले साल हुई थी 4 इंच बारिश जून में इंदौर में दिन के टेम्प्रेचर में खासी गिरावट होती है। पिछले 5 साल यानी- 2020, 2021, 2022, 2023 और 2024 में जून में कम गर्मी पड़ी। पारा 39.6 से 41.1 डिग्री के बीच रहा है। पिछले साल 40.6 डिग्री तक पारा पहुंचा था। इस महीने कोटे की 20 प्रतिशत तक बारिश हो जाती है। पिछले साल करीब 4 इंच पानी गिरा था।

बारिश के ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें तो साल 1980 में यहां जून महीने में 17 इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक 5 इंच बारिश का रिकॉर्ड 23 जून 2003 को बना था। 3 जून 1991 में इंदौर में दिन का पारा 45.8 डिग्री तक पहुंच चुका है। वहीं, 12 जून 1958 को न्यूनतम तापमान 18.9 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button