अगर विप्रो के शेयर में 10,000 रूपये लगाते तो आज आप बन जाते 900 करोड़ के मालिक

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली : अगर आप 10 साल तक इंतजार नहीं कर सकते तो आप शेयर बाजार में 10 मिनट के लिए भी न रुकें। यह शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले हर निवेशक पर लागू होता है। अगर आपका पैसा अच्छे स्टॉक में लगा है तो इंतजार का फल इतना मीठा होगा कि आप उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते। आप हजारपति से करोड़पति या अरबपति भी बन सकते हैं। इसका सबसे अच्छा उदाहरण विप्रो के शेयर हैं। साल 1980 में विप्रो स्टॉक में जिसने भी केवल 10 हजार रुपये का निवेश किया होगा, उसका यह 10 हजार आज कंपनी द्वारा दिए गए सभी बोनस शेयर और Split के हिसाब से आज करीब 900 करोड़ हो गए होते। वह भी तब जब इसमें कंपनी द्वारा समय-समय पर दिया गया डिविडेंड शामिल नहीं है।

अगर कोई निवेशक 42 साल पहले यानी 1980 में केवल 10000 रुपये विप्रो के शेयरों में लगाया होता और आज तक इस स्टॉक में बना रहता तो आज की डेट में अरबपति होता। 1980 में विप्रो के शेयर की कीमत लगभग 100 रुपये थी, लेकिन अब 468 रुपये है। कंपनी शेयर Split करती गई और साथ में बोनस भी देती रही। इसका असर ये हुआ कि 1980 में जिसने 100 शेयर लिए थे, उसके पास बिना एक भी पैसा लगाए 25536000 शेयर होंगे। हालांकि शायद ही कोई निवेशक होगा, जो एक स्टॉक में इतने साल टिका रहा हो।

फाइनेंशियल सलाहकार शैलेष मणि त्रिपाठी कहते हैं कि शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले अधिकतर निवेशकों में धैर्य की कमी होती है। अगर पैसा डेढ़ गुना भी बढ़ा तो मुनाफा वूसली कर लेते हैं और घटा तो बेचकर स्टॉक से निकल लेते हैं। विप्रो ही नहीं आप Eicher, Symphony, Natco Pharma or Ajanta Pharma या फिर किसी और अच्छे स्टॉक में इतना समय दिए होते तो करोड़पति होते। 1980 में विप्रो के शेयरों में 10,000 रुपये लगाने वाले निवेशक को विप्रो कंपनी के 100 शेयर मिले। बोनस शेयर और Split के बाद 100 शेयर बढ़कर 25536000 शेयर हो गए। अब विप्रो के शेयर की कीमत 468 रुपये है। यानी अब उस 10000 रुपये की कीमत 468×25536000 = 8,99,19,36,000 हो गई है।
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.
Back to top button