ब्रिटेन में कट्टरपंथी अंजेम चौधरी को आतंकवाद के मामले में उम्रकैद की सजा

लंदन
 ब्रिटिश अदालत ने कट्टरपंथी इस्लामवादी प्रचारक अंजेम चौधरी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पिछले हफ्ते, अदालत ने 57 वर्षीय चौधरी को एक आतंकवादी समूह का संचालन करने के लिए दोषी ठहराया था। वह लंबे समय से आतंकवाद को बढ़ावा देने और पश्चिम में आतंकवादियों की एक नई पीढ़ी की भर्ती करने के लिए खुफिया एजेंसियों की निगरानी में था। वूलविच क्राउन कोर्ट ने मंगलवार को अंजेम चौधरी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उसे कम से कम 28 साल सलाखों के पीछे रहना होगा और शायद वह कभी जिंदा जेल से बाहर न आ पाए क्योंकि वह 85 साल का होने के बाद ही पैरोल के लिए पात्र होगा।

पहले भी सजा पा चुका है अंजेम चौधरी

इससे पहले, अंजेम चौधरी को आतंकवाद के लिए 2016 में साढ़े पांच साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन 2018 में लगभग आधी सजा काटने के बाद उसे रिहा कर दिया गया था। चौधरी के सह-आरोपी 29 साल के खालिद हुसैन को भी प्रतिबंधित संगठन का सदस्य होने का दोषी ठहराया गया था। अदालत ने उसे पांच साल जेल की सजा सुनाई।

ब्रिटेन के कुख्यात उपदेशक अंजेम चौधरी कौन हैं?

अंजेम चौधरी यूनाइटेड किंगडम में सबसे कुख्यात कट्टरपंथी इस्लामवादी उपदेशक हैं। भले ही वे 1990 के दशक से ही इस्लामवादी गतिविधियों में सक्रिय रहे हों, लेकिन चौधरी ने पहली बार 9/11 के हमलों के बाद तब सुर्खियाँ बटोरीं, जब उन्होंने आतंकवादियों की प्रशंसा की। उन्होंने ब्रिटिश सम्राट के महल बकिंघम पैलेस को मस्जिद में बदलने के इरादे की भी घोषणा की थी। अंजेम चौधरी का जन्म भले ही ब्रिटेन में हुआ है, लेकिन उसके माता-पिता 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तानी पंजाब से ब्रिटेन आ गए थे।

अल-मुहाजिरौन का नेता है अंजेम चौधरी

अंजेम चौधरी अल-मुहाजिरौन का नेता था, जो एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है, जिसकी स्थापना उन्होंने 1996 में की थी। वह लगभग 30 वर्षों तक इसके संचालन के केंद्र में रहा। स्काई न्यूज के अनुसार, उन्होंने इसे इस्लाम4यूके और मुस्लिम अगेंस्ट क्रूसेड्स जैसे नामों से चलाया। चौधरी 2014 में अल-मुहाजिरोन का सर्वेसर्वा नियुक्त हुआ था, जब पिछले नेता और साथी कट्टरपंथी इस्लामवादी उपदेशक उमर बकरी मोहम्मद को 2014 में लेबनान में जेल में डाल दिया गया था। बकरी मोहम्मद ने 7/7 बम विस्फोटों को "शानदार चार" कहा था।

लंदन बम विस्फोटों से संबंध

7/7 बम विस्फोट 7 जुलाई, 2005 को लंदन में हुए चार आत्मघाती बम विस्फोटों को संदर्भित करता है, जिसमें ब्रिटिश पुलिस के अनुसार कम से कम 52 लोग मारे गए और 770 से अधिक घायल हो गए। हमलावरों ने लंदन की भूमिगत ट्रेनों और बसों पर हमला किया था। चौधरी को दोषी ठहराने और सजा सुनाने वाले जज मार्क वॉल ने कहा कि चौधरी के समूह अल-मुहाजिरोन का इरादा शरिया कानून, इस्लामी कानून को हिंसक तरीकों से दुनिया के ज़्यादा से ज़्यादा हिस्सों में फैलाने का था।

अंजेम चौधरी 21 आतंकी घटनाओं से जुड़ा

स्काई न्यूज के अनुसार, अंजेम चौधरी और अल-मुहाजिरौन में उसके सहयोगी कम से कम 21 अलग-अलग आतंकी साजिशों से जुड़े हैं। चौधरी और अल-मुहाजिरौन को मध्य पूर्व में ISIS जैसे अन्य आतंकी समूहों में शामिल होने के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए भी दोषी ठहराया गया है। 2023 में, इंग्लैंड के बर्मिंघम के दो भाइयों में से एक, जिन्हें अफगानिस्तान में ISIS में शामिल होने की योजना बनाने के लिए जेल भेजा गया था, उसने भी कहा कि उसे अंजेम चौधरी ने प्रेरित किया था। उनके एक सहयोगी अबू रुमैसाह अल-ब्रिटानी था, जो एक धर्मांतरित मुस्लिम था, जिनका पहले नाम सिद्धार्थ धर था। अबू रुमैसाह ISIS का सदस्य था और अपनी क्रूरता के लिए कुख्यात था और उसे 'जिहादी सिद' कहा जाता था।

जिहाद का करता था प्रचार

स्काई न्यूज के अनुसार, चौधरी खुद वूलविच हत्यारे माइकल एडेबोलाजो, लंदन ब्रिज के आतंकवादी खुरम बट और फिशमॉन्गर्स हॉल के हमलावर उस्मान खान का सहयोगी था। 2022 में चौधरी ने एक ऑनलाइन व्याख्यान में कहा कि जिहाद मुसलमानों का दायित्व है। स्काई न्यूज के अनुसार चौधरी ने अनुयायियों को "धर्मयुद्ध करने वालों से लड़ने" के लिए भी प्रोत्साहित किया और पिछले साल उनसे कहा कि "इसमें कोई संदेह नहीं है कि जिहाद हम पर दायित्व है"। चौधरी ने एक अन्य व्याख्यान में कहा, "क्या आतंकवाद दीन [आस्था] का हिस्सा है? हां, इससे भी अधिक – लोगों को भयभीत करना भी दीन का हिस्सा है।"

चौधरी को कैसे दोषी ठहराया गया

2018 में रिहा होने के बाद चौधरी ने आतंकवादी विचारधाराओं को फैलाने और आतंकवादियों की भर्ती करने के लिए ऑनलाइन व्याख्यान देना शुरू कर दिया। ब्रिटिश, अमेरिकी और कनाडाई सुरक्षा सेवाओं के एक अंडरकवर ऑपरेशन ने उनके ऑनलाइन संचालन में घुसपैठ की। फैसले के अनुसार, चौधरी ने लगभग 30 व्याख्यान दिए और अपने आतंकवादी समूह अल-मुहाजिरून के कोडनेम 'इस्लामिक थिंकर्स सोसाइटी' के सदस्यों को टकरावपूर्ण सड़क उपदेश और हिंसा के कृत्यों के लिए प्रोत्साहित किया। अपने फ़ैसले में जज वॉल ने कहा कि अल-मुहाजिरून जैसे संगठन "वैचारिक कारणों के समर्थन में हिंसा को सामान्य बनाते हैं।"

2024 में अल-मुहाजिरोन का चीफ बना अंजेम
अंजेम चौधरी शुरुआती दिनों से ही अल-मुहाजिरोन के प्रमुख सदस्यों में से रहा है। संगठन पर दर्जनों आतंकी घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है। इससे जुड़े आतंकियों ने ब्रिटेन के अलावा बाकी देशों में भी आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया था।

अंजेम चौधरी साल 2014 में अल-मुहाजिरोन का चीफ बना था। दरअसल इस संगठन के चीफ रहे उमर बकरी मोहम्मद को लेबनाम में जेल भेज दिया गया था जिसके बाद उसने संगठन की कमान संभाली थी।

अंजेम को आतंकवाद के लिए 2016 में सीरिया में इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों की मदद करने के लिए साढ़े पांच साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन आधी सजा काटने के बाद उसे 2018 में रिहा कर दिया गया था। जेल से बाहर निकलने के बाद अंजेम ने व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर फॉलोअर्स को तकरीर देना शुरू किया।

जिहाद की बातें करता था, एजेंसियों ने पकड़ा
पाकिस्तानी मूल के अंजेम अपनी तकरीरों में फॉलोअर्स से जिहाद की बातें करता था और उन्हें हिंसा के लिए उकसाता था। इसी दौरान उसकी तकरीर को अमेरिका और कनाडा की एजेंसियों ने ट्रैक करना शुरू किया। 2022 में चौधरी ने एक ऑनलाइन व्याख्यान में कहा था कि जिहाद मुसलमानों का दायित्व है।

उसे अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा की एजेंसियों ने मिलकर अंडरकवर जांच के बाद कनाडा के हीथ्रो एयरपोर्ट पर पकड़ा गया था। तब उस पर आरोप लगा था कि वह अमेरिका और कनाडा में झूठे नाम से जिहाद के लिए लोगों की भर्ती करा रहा है।

9/11 हमले की तारीफ की थी, शाही महल को मस्जिद बनाना चाहता था
अंजेम ने पहली बार 9/11 के हमलों के बाद सुर्खियां बटोरी थीं। तब उसने इसे ‘इतिहास का सबसे बड़ा दिन’ कहा था और आतंकियों की तारीफ की थी। उसने ये भी कहा था कि वो ब्रिटिश राजमहल बकिंघम पैलेस को मस्जिद में बदलना चाहता है।

अंजेम चौधरी का जन्म 16 जनवरी 1967 को लंदन में हुआ था। उसके माता-पिता 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तानी के पंजाब से ब्रिटेन आ गए थे। अंजेम ने कानून की पढ़ाई करने के साथ ही मेडिसिन की पढ़ाई की। वह आगे जाकर एक वकील बना। 90 के दशक में वह कट्टरपंथी विचारधारा वाले लोगों से जुड़ा और बकरी मोहम्मद के साथ अल-मुहाजिरोन की स्थापना की।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button