भारतीय इतिहास में मुगलों व अंग्रेजों के उजले पक्ष को खूब बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया : चंद्रप्रकाश द्विवेदी
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
अहमदाबाद : सम्राट पृथ्वीराज फिल्म के निर्देशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने कहा सोमनाथ मंदिर ध्वंस होने और फिर खड़ा होने का साक्षात उदाहरण है। भारतीय संस्कृति को फिर से पुनर्स्थापित करना जरूरी है। वहीं, बालीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने शिकायत भरे लहजे में कहा कि सम्राट पृथ्वीराज चौहान जैसी शख्सियत के बारे में इतिहास में बहुत कम पढ़ाया गया। सम्राट पृथ्वीराज फिल्म के प्रमोशन के लिए गुजरात के अहमदाबाद पहुंचे चंद्रप्रकाश द्विवेदी व अक्षय कुमार ने बताया कि भारतीय इतिहास में मुगलों व अंग्रेजों के उजले पक्ष को खूब बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया लेकिन उनके अत्याचार, उनके उत्पीड़न, हिंदू धर्म विरोधी कृत्यों को छिपाने का प्रयास किया गया।
द्विवेदी के मुताबिक, मुगल शासकों की ओर से धर्म परिवर्तन, महिलाओं व बच्चों के साथ दुर्व्यवहार का इतिहास में कहीं जिक्र नहीं किया गया। सोमनाथ मंदिर पर बार-बार हमला कर विध्वंस किया गया, लेकिन आज वह कवि व साहित्यकार कन्यालाल मुंशी व लौह पुरुष सरदार पटेल के कारण फिर से खड़ा हो गया। द्विवेदी ने कहा कि भारतीय इतिहास व संस्कृति को फिर से पुनर्स्थापित करने की जरूरत है और वह इस कार्य को करते रहेंगे, भले इसके लिए दूसरा जन्म ही क्यों ना लेना पड़े। दिवेदी कहते हैं कि भारतीय इतिहास हमारे अपने ही प्रतापी राजा महाराजाओं के बारे में बहुत कम पढ़ाया जाता है। बच्चों व युवा पीढ़ी को अपने इतिहास संस्कृति व धर्म के विषय में सब कुछ पढ़ाया जाना चाहिए। हमारे इतिहास में मुगलों व अंग्रेजों के बारे में बढ़ा-चढ़ा कर बातें पेश की गई हैं, उससे हमें अपने इतिहास व गौरव का क्षरण महसूस होता है। द्विवेदी ने बताया कि उनकी फिल्म में सोमनाथ के बारे में भी उल्लेख किया गया है और अक्षय के साथ वे खुद सोमनाथ मंदिर भी जाने वाले हैं। सोमनाथ मंदिर ध्वंस तथा फिर से खड़ा होने का जीता जागता प्रमाण है।
अभिनेता अक्षय कुमार ने शिकायत भरे लहजे में कहा कि उन्हें बचपन में पृथ्वीराज चौहान के बारे में बहुत थोड़ा पढ़ाया गया। हमारे इतिहास में अपने ही महाराजा व महापुरुषों के बारे में कम पढ़ाया जाता है, जबकि अंग्रेजों और मुगलों को खूब पढ़ाया जाता है, उनकी अच्छाइयों को अधिक जगह दी गई है। अंग्रेजों व मुगलों के स्याह पक्ष को इतिहास में नहीं दिखाया गया। अक्षय का कहना है कि जब वे द्विवेदी से मिले और फिल्म की स्क्रिप्ट पढ़ी तो उन्हें इस महान शख्सियत के बारे में इतना सब कुछ जानने को मिला। उनका मानना है कि सम्राट पृथ्वीराज चौहान जैसे महान योद्धाओं के बारे में अपनी युवा पीढ़ी व समाज को जरूर अवगत कराना चाहिए।
अक्षय ने लोगों से अपील भी की है कि वे अपने बच्चों के साथ इस फिल्म को जरूर देखने जाएं। द्विवेदी ने बताया कि लोग फिल्म में अक्षय ने जो मूंछें लगाई हैं, उसको लेकर भी आलोचना कर रहे हैं, जैसे फिल्म उद्योग में किसी ने पहली बार नकली मूछें लगाकर शूटिंग की हो। अक्षय ने फिल्म की शूटिंग के लिए तुरंत हां कर दी थी। द्विवेदी को भी सम्राट पृथ्वीराज के रूप में अक्षय जैसे चर्चित चेहरे की तलाश थी, अक्षय मार्शल आर्ट के जानकार हैं, घुड़सवारी करना जानते हैं। किसी फिल्म निर्देशक के लिए इससे बेहतर और क्या मिल सकता है। मार्शल आर्ट भी अपने आप में एक युद्ध कौशल है। अक्षय की कद काठी को लेकर भी टीका टिप्पणी होती है, लेकिन अक्षय सम्राट पृथ्वीराज फिल्म के लिए सबसे फिट चेहरा थे।
(जी.एन.एस)