केवल चौदह महीने में करीब 13 लाख लोगों ने प्राप्त किया ई-संजीवनी से स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

पटना : बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि केवल चौदह महीने में प्रदेश के करीब 13 लाख लोगों ने ई-संजीवनी पोटर्ल के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ प्राप्त किया है। मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में ई-संजीवनी की भूमिका महत्वपूर्ण साबित हो रही है। इसके जरिए सुदूर बैठे मरीजों को नि:शुल्क ऑनलाइन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही है। इसका नतीजा है कि महज 14 महीने यानी 30 अप्रैल 2022 तक राज्य के सभी 38 जिलों में 12 लाख 89 हजार 602 लोगों ने ई-संजीवनी के माध्यम से टेलीमेडिसीन के द्वारा चिकित्सकीय परामर्श लिया और अपना उपचार कराया। बीते वर्ष फरवरी से ई-संजीवनी की शुरुआत हुई थी।

मंत्री ने कहा कि ई-संजीवनी की सुविधा दो तरीके से आम लोगों को दी जा रही है। इसमें ई-संजीवनी इन के तहत आमजन अपनी समस्या किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध एएनएम या सीएचओ के माध्यम से हब में उपलब्ध चिकित्सक से परामर्श एवं उपचार कराते हैं। वहीं, ई-संजीवनी ओपीडी के तहत चिकित्सक से रागी सीधे जुड़ते हैं। पांडेय ने बताया कि ई-संजीवनी इन के अंतर्गत कुल एक हजार 636 चिकित्सक एवं 14 हजार 104 स्पोक्स जुड़े हैं। इनकी सहायता से कुल 12 लाख 40 हजार 807 लोगों ने नि:शुल्क परामर्श प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि ई-संजीवनी ओपीडी में 47 चिकित्सक शामिल हैं, जिनकी सहायता से 48 हजार 795 लोगों ने उपचार कराया है।

मंगल पांडेय ने बताया कि कि पूरे राज्य में सारण जिला में 82 हजार 887 लोगों ने ई-संजीवनी इन से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया है, जो सबसे अधिक है। मुंगेर में 76 हजार 292, मुजफ्फरपुर में 71 हजार 521 और भागलपुर में 68 हजार 961 और समस्तीपुर में 62 हजार 124 आमजनों ने स्वास्थ्य सेवाएं ली हैं। इसके अलावा शेष अन्य जिलों में भी ई-संजीवनी पोटर्ल के प्रति आमजनों का झुकाव बेहतर देखने को मिला है। लोगों में इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ने से इसे और भी सुद्दढ़ किया जाएगा ताकि राज्य के सभी ऐसे सुदूरवर्ती गांव के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती रहे।
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.
Back to top button