त्रिपुरा चुनाव में आदित्यनाथ के आह्वान पर मतदाताओं ने कम्युनिस्ट दुर्ग को भेद दिया
- बागबासा में ढहा कम्युनिस्ट दुर्ग, योगी के प्रचार से खिला कमल
- 2013 व 18 में सीपीआई (एम) की बिजिता नाथ चुनी गईं थीं विधायक, ‘यूपी के बाबा’ ने नहीं लगने दी हैट्रिक
- योगी आदित्यनाथ के बलबूते सदन पहुंचे भाजपा के जादब लाल नाथ, 1461 वोटों से मिली जीत
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
लखनऊ : त्रिपुरा चुनाव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली जनसभा बागबासा में की थी। इस सीट पर योगी आदित्यनाथ के आह्वान पर मतदाताओं ने कम्युनिस्ट दुर्ग को भेद दिया। लिहाजा दो बार से जीत रहीं सीपीआई (एम) की बिजिता नाथ चुनाव हार गईं और योगी आदित्यनाथ की अपील पर मतदाताओं ने जादब लाल देबनाथ को विधानसभा भेज दिया। इसके पहले गुजरात चुनाव में भी योगी आदित्यनाथ ने वांकानेर सीट से चुनाव प्रचार शुरू किया था। तीन बार से हार रही यह सीट इस बार भाजपा के खाते में आ गई।
बागबासा में भाजपा को 18905 वोट मिले
बागबासा विधानसभा सीट पर 4 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। भाजपा ने यहां से जादब लाल देबनाथ, कांग्रेस-कम्युनिस्ट ने बिजिता नाथ, टिपरा मोथा से कल्पना सिन्हा और तृणमूल कांग्रेस से बिमल नाथ मैदान में उतरे थे। योगी आदित्यनाथ की बदौलत जादब लाल सदन पहुंचने में कामयाब हुए। जादब लाल 1461 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे। उन्होंने बिजिता नाथ को शिकस्त दी। यहाँ कुल 39878 वोट पड़े, जिसमें जादब लाल को 18905 वोट (47.41 फीसदी), जबकि बिजिता नाथ को 17444 वोट मिले। भाजपा को पोस्टल बैलेट से भी सर्वाधिक 319 वोट प्राप्त हुए।
योगी के आगे कांग्रेस-कम्युनिस्ट का गठबंधन फेल
योगी आदित्यनाथ से बागबासा सीट पर प्रचार का आगाज करना भाजपा के लिए त्रिपुरा में खाद का काम किया। इस सीट पर 2013 व 2018 में सीपीआई (एम) से बिजिता नाथ ने जीत दर्ज की थी। 2013 में बिजिता नाथ ने कांग्रेस के ज्योतिर्मय नाथ को पराजित किया था। 2018 में बिजिता नाथ फिर से यहां जीतने में सफल रहीं। इस बार 2023 में कांग्रेस और कम्युनिस्ट ने गठबंधन कर लिया। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने जादब लाल देबनाथ को मैदान में उतारा। देबनाथ इस सीट से जीतने में सफल रहे औऱ योगी के आह्वान पर मतदाताओं ने गठबंधन को घर बैठा दिया।