लोकतंत्र में भारत का अटूट विश्वास, संतुष्टि के मामले में दुनिया में दूसरा स्थान

नई दिल्ली 
भारतीय लोगों का अपनी लोकतांत्रिक प्रणाली के मामले में भरोसा लगातार बढ़ रहा है। भारत ने हाल ही में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भी उल्लेखनीय प्रगति की है, जो भारतीय नागरिकों की अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था में बढ़ते विश्वास के अनुरूप है। इस सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय लोग दुनिया में अपने लोकतंत्र से संतुष्टि के मामले में दूसरे नंबर पर हैं। प्यू रिसर्च सेंटर के हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, भारत अपने लोकतंत्र से संतुष्टि के मामले में दुनिया भर में दूसरे स्थान पर है, जो स्वीडन (75 प्रतिशत) के ठीक पीछे 74 प्रतिशत के साथ खड़ा है। यह उपलब्धि 23 देशों के सर्वेक्षण में हासिल की गई है, जहां औसतन 58 प्रतिशत लोग अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था से असंतुष्ट हैं।

यह आंकड़ा भारत की प्रगति और जनता के विश्वास को दर्शाता है जो देश को एक मजबूत लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में स्थापित करता है। इस सर्वे के अनुसार 15 देशों में आधे से अधिक लोग अपने देश की लोकतांत्रिक प्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं। 2017 से लगातार किए जा रहे प्यू रिसर्च के सर्वेक्षणों में यह स्पष्ट हुआ है कि उच्च आय वाले देशों जैसे कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, इटली, जापान, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका में लोकतंत्र के प्रति असंतोष 64 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जबकि संतुष्टि महज 35 प्रतिशत है।

इसके विपरीत, भारत में 74 प्रतिशत लोग अपने लोकतंत्र के कामकाज से खुश हैं, जो यह दर्शाता है कि देश की जनता अपनी सरकार और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में विश्वास रखती है। यह विश्वास आर्थिक प्रगति और सामाजिक स्थिरता से भी जुड़ा है, क्योंकि सर्वेक्षण बताते हैं कि जहां अर्थव्यवस्था मजबूत है, वहां लोकतंत्र के प्रति संतुष्टि भी अधिक है। भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। कई चीजें इस बात को प्रभावित कर सकती हैं कि लोग अपने लोकतंत्र के काम करने के तरीके से कितने संतुष्ट हैं, लेकिन आर्थिक धारणाएं एक महत्वपूर्ण कारक हैं। जिन देशों में जनता का एक बड़ा हिस्सा कहता है कि अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है, वहां आम तौर पर ऐसे लोग भी होते हैं जो अपने लोकतंत्र से संतुष्ट होते हैं।

सर्वेक्षण में यह भी उभरकर सामने आया है कि कोविड-19 महामारी के बाद कई देशों में लोकतंत्र के प्रति संतुष्टि में गिरावट आई है, लेकिन भारत में यह स्तर बरकरार रहा। 2017 में जहां दुनिया के बड़े देशों में 49 प्रतिशत लोग अपनी लोकतांत्रिक प्रणाली से संतुष्ट थे, वहीं आज 74 प्रतिशत का आंकड़ा भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली में सुधार और जनता की भागीदारी को दर्शाता है। यह संतुष्टि देश के युवाओं, जो आबादी का बड़ा हिस्सा हैं, और आर्थिक विकास में उनकी भूमिका से भी प्रेरित है। इस मामले में इंडोनेशिया (66 प्रतिशत) और ऑस्ट्रेलिया (61 प्रतिशत) जैसे देशों के साथ तुलना में, भारत का प्रदर्शन उल्लेखनीय है, जबकि ग्रीस (19 प्रतिशत) और जापान (24 प्रतिशत) जैसे देश लोकतंत्र के प्रति असंतोष से जूझ रहे हैं।

हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि लोग लोकतांत्रिक मूल्यों से दूर हो रहे हैं। शोध बताता है कि दुनिया भर के लोग लोकतंत्र को अच्छा मानते हैं। हालांकि, कई लोग राजनीतिक अभिजात वर्ग से निराश हैं या उन्हें लगता है कि सरकार में उनके विचारों का सही प्रतिनिधित्व नहीं किया जाता है। वहीं, दुनिया में अपने लोकतंत्र से सर्वाधिक संतुष्ट लोगों में स्वीडन और भारत के बाद इंडोनेशिया (66 प्रतिशत), ऑस्ट्रेलिया (61 प्रतिशत) और जर्मनी (61 प्रतिशत) के नाम आते है। एशिया-प्रशांत के पांच देशों (ऑस्ट्रेलिया, भारत, इंडोनेशिया, जापान और दक्षिण कोरिया) में भी लोगों की राय काफी अलग-अलग है। भारत इस क्षेत्र में भी टॉप पर है।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button