प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाल्यकाल की परिस्थितियों पर एक आदर्श फिल्म है चलो जीते हैं : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

प्रधानमंत्री मोदी के जीवन से सीख देती है 'चलो जीते हैं': मुख्यमंत्री डॉ. यादव का वक्तव्य

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की फिल्म चलो जीते हैं" की मुक्त कंठ से सराहना
24 सितंबर तक पूरे प्रदेश में फिल्म का प्रदर्शन होगा

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के बाल्यकाल की परिस्थितियों पर एक आदर्श फिल्म है, जो अतीत से वर्तमान में लाकर छोड़ती है। आधे घंटे की अवधि में फिल्म कथा सार को समेटना एक अद्भुत प्रयोग है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरुवार को सिनेपोलिस बंसल प्लाजा, भोपाल में "चलो जीते हैं" फिल्म का शो देखने के बाद मीडिया से चर्चा में यह बात कही। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुक्त कंठ ने फिल्म की सराहना की। इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री  विश्वास सारंग, पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मती कृष्णा गौर, विधायक  रामेश्वर शर्मा,  भगवानदास सबनानी, पूर्व मंत्री मती अर्चना चिटनिस तथा बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री  मोदी की जन्म वर्षगांठ के अवसर पर 18 से 24 सितंबर तक पूरे प्रदेश में फिल्म "चलो जीते हैं" का प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री  मोदी के बाल्यकाल और जीवन पर केंद्रित फिल्म के सेवा पखवाड़े के अंतर्गत संगठन द्वारा प्रदेश भर में प्रदर्शन की पहल सराहनीय है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने फिल्म देखने के बाद कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री  मोदी ने 17 सितंबर को मध्यप्रदेश के जनजाति बहुल धार जिले में अपना 75वां जन्मदिवस मनाया। राष्ट्र नायक  मोदी का गौरव पक्ष और शालीन पक्ष इस फिल्म में देखने को मिलता है। "चलो जीते हैं" फिल्म में  मोदी ने ध्येय वाक्य "चलो जीते हैं" को लेकर कठिनाइयों के बीच जीते हुए अपने जन्म और जीवन को सिद्ध किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कोयले की खदान से हीरा निकले तो खदान धन्य हो जाती है। प्रधानमंत्री  मोदी दुनिया के सबसे बड़े गणतंत्र का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने जीवन में अन्य परेशानियां झेलते हुए अपने साथी विद्यार्थी को भी सहारा दिया। वे किस तरह युक्ति निकालते हैं, आज यह दुनिया के सामने है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री  मोदी के दीर्घायु और शतायु होने की कामना की। प्रधानमंत्री  मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य तय किया है। वर्ष 2019 तक वे और भी शक्तिशाली बनकर पूरे विश्व को संदेश देंगे। भारत विश्व में सिरमौर बनेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज के समय में नई तकनीक और बड़े खर्चे से फिल्में बनती हैं, लेकिन इस शॉर्ट फिल्म में सीमित साधनों के उपयोग से अल्प अवधि में बिना मध्यांतर की फिल्म बनाकर फिल्म का मूल कथा पक्ष दृढ़ इच्छा शक्ति का फिल्मांकन बखूबी किया गया है। इस नाते फिल्म निर्माण में यह नया प्रयोग भी है। फिल्म अतीत का वर्तमान से तादात्म्य मिलाकर मोदी जी के पूरे जीवन पर प्रकाश डालती है। इसके लिए फिल्म निर्माता बधाई के पात्र हैं। इस शॉर्ट फिल्म को सभी नागरिकों को देखना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि "चलो जीते हैं" वर्ष 2018 में बनी एक शॉर्ट फिल्म है, जो प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के बचपन से प्रेरित है। यह फिल्म बॉलीवुड स्टार्स वाली कमर्शियल मूवी नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक लघु फिल्म है। फिल्म के निर्देशक  महावीर जैन, निर्माता  भूषण कुमार, महावीर जैन हैं। फिल्म की कहानी एक छोटे बालक की है जो अपने जीवन में "दूसरों की सेवा" और "देशभक्ति" को सबसे बड़ा धर्म मानता है। फिल्म में प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के बचपन से जुड़े आदर्श और संस्कारों को दर्शाया गया है।

फिल्म "चलो जीते हैं" में बड़े स्टार कलाकार नहीं हैं बल्कि ज्यादातर नए कलाकारों ने काम किया है। इस फिल्म में बालक नरेन्द्र (नन्हें मोदी) की मुख्य भूमिका में समर्थ शुकला, नरेन्द्र के मित्र के रूप में राहुल पटेल, बाल कलाकार आरोही राय और आदित्य शामिल हैं। यह फिल्म मुख्यत: बाल नरेन्द्र मोदी के विचारों और समाजसेवा की सोच पर केंद्रित है, इसलिए इसमें स्टार कॉस्ट से ज्यादा संदेश और प्रेरणा पर जोर दिया गया है। फिल्म 6 वर्ष बाद रिलीज हुई है।

 

India Edge News Desk

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