इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना ने बदली कई महिलाओं की जिंदगी
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
जयपुर। एक सशक्त समाज की परिकल्पना महिला सशक्तीकरण के बिना अधूरी है। राज्य सरकार की महिला विकास की मुहिम महिला कल्याण से शुरु होकर अब महिला सशक्तीकरण तक पहुंच रही है। वित्तीय आत्मनिर्भरता को लक्ष्य कर महिला अधिकारिता विभाग द्वारा इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना संचालित की जा रही है। इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत राजस्थान की स्वरोजगार की इच्छुक महिलाओं, स्वयं सहायता समूहों एवं फर्मों को सब्सिडी आधारित ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। महिलाएं जो अपने व्यवसाय के लिए ऋण लेना चाहती हैं, उन्हें 25 से 30 प्रतिशत ऋण अनुदान दिया जाता है तथा वे ऋण के लिए http://sso.rajasthan.gov.in के माध्यम से अपना पंजीकरण करा सकती हैं।
योजना की सफलता तथा लोकप्रियता का उदाहरण टोंक निवासी गिजाला बानो है। रहमत सिलाई सेन्टर नामक प्रशिक्षण केन्द्र चलाने वाली गिजाला बानो ने अपने व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र को आगे बढ़ाने के लिए ऑनलाइन ऋण आवेदन किया। गिजाला ने प्रारंभ में जयपुर में सिलाई का व्यावसायिक प्रशिक्षण लिया था। उस अनुभव से लाभ उठाकर गिजाला ने अपने गृह जिले टोंक में रहमत सिलाई सेंटर की स्थापना की। इस सेंटर के माध्यम से गिजाला बानो रोज लगभग 10-15 लड़कियों को 2 पारियों में सिलाई का 3 माह का व्यावसायिक प्रशिक्षण देती है।
गिजाला बानो को बड़ौदा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शाखा, टोंक के माध्यम से 95 हजार रुपये का ऋण मार्च माह में प्रदान किया गया। गिजाला बानो परिवार में एकल महिला है तथा परिवार की जीविका निर्वाह करने का दायित्व इन्हीं पर है। अतः इन्हें विभाग द्वारा ऋण राशि में 30 प्रतिशत का अनुदान प्रदान किया गया। आज गिजाला बानो अपने परिवार का भली प्रकार से भरण-पोषण कर रही है तथा 15 से 20 हजार रुपये की आमदनी प्रतिमाह अर्जित कर रही है।
इसी तरह वार्ड नं. 40, टोंक निवासी लाभार्थी असरार जहान अफरीदी को इस योजना से अपने व्यवसाय को विस्तार देने में मदद मिली। अपने पहले से स्थापित व्यावसायिक प्रतिष्ठान ‘टोनी फैन्सी स्टोर’ के विस्तार के लिए असरार ने ऋण हेतु आवेदन किया। इस व्यावसायिक प्रतिष्ठान में असरार जहान अफरीदी महिलाओं से संबंधित सामान की बिक्री करती है। असरार को कैनरा बैंक, शाखा टोंक द्वारा 80 हजार रुपये की ऋण राशि स्वीकृत की गई, जो कि लाभार्थी के खाते में डिजिटली ट्रांसफर की गई। विभागीय योजनानुसार 25 प्रतिशत ऋण अनुदान की पात्र लाभार्थी असरार बताती हैं कि इस वित्तीय सहायता से उन्हें 15 से 20 हजार की नियमित मासिक आय अर्जित हो रही है तथा वे अपने परिवार का कुशलतापूर्वक भरण-पोषण कर रही हैं।
गिजाला एवं असरार के अलावा अन्य जरूरतमंद महिलाएं भी इस योजना से अपने व्यवसाय को शुरू करने, विस्तार देने एवं जीवन को सुखद बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। गिजाला एवं असरार कहती हैं कि इस योजना ने उन्हें आगे बढ़ने का मौका दिया है। वे इसके लिए राज्य सरकार का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करती हैं।