झमाझम बारिश ने बदल दिया दिल्ली का नजारा
पिंकी सिंघल
बीते बुधवार को दिल्ली में हुई झमाझम बारिश ने दिल्ली का नजारा ही बदल दिया ।इतना लुभावना और सुहावना मौसम देखने का सौभाग्य दिल्ली वालों को देकर प्रकृति ने चिलचिलाती धूप से हम सबको बहुत बड़ी राहत दी है ।इसके लिए दिल्लीवासी पिछले काफी दिनों से राह देख रहे थे। बुधवार को मध्याह्न से ही मौसम ने अपना मिजाज बदल लिया था और आसमान में सतरंगी फिजाएं महकने लगी थी। 45 डिग्री तापमान को झेल रहे दिल्लीवासियों के हाल बेहाल हो रहे थे ,टप टप बहता पसीना उन्हें काफी दिनों से परेशान कर रहा था, अंतत: आज इस चिलचिलाती और चढ़े पारे वाली गर्मी से आमजन को राहत तो अवश्य मिली है।
बुधवार दोपहर लगभग 2:00 बजे से ही दिल्ली का मौसम बहुत ही खुशनुमा हो गया था जिसका पूरा लुत्फ दिल्ली वासियों ने उठाया ।जोरदार बारिश होने के साथ-साथ आज दिल्ली और एनसीआर में भारी संख्या में ओले भी पड़े जिसे दिल्ली और उसके आस पास के पड़ोसी राज्य के वासियों ने अपने कैमरों में कैद कर सोशल मीडिया पर शेयर भी किया। पूरे दिल्ली आज झमाझम बारिश में नहाई और धुल कर शीशे की तरह साफ हो गई ।पिछले कई दिनों से धूल धूसरित हवाओं ने मौसम का मिजाज काफी गर्म कर रखा था जिससे आम जनता बहुत ही परेशान और बेहाल नजर आ रही थी। आखिर दिल्ली वालों की ऊपर वाले ने सुनी और कल शिमला में भारी हिमपात के बाद आज दिल्ली को भी गर्मी से छुटकारा मिला ।अस्थाई ही सही परंतु आज दिल्ली का तापमान काफी गिरा है जिससे कुछ समय के लिए दिल्ली वासियों को पिछले कई दिनों से पड़ रही तेज गर्मी से राहत अवश्य मिलेगी।
एक लंबे अरसे के बाद दिल्ली में बिना मानसून के इस प्रकार की जोरदार वर्षा और साथ में ओले गिरते देखा गया है जो कि अति सुखद प्रतीत हुआ । अभी दिन की वर्षा का आनंद ले कर ही चुके थे कि दिल्ली वासियों को एक ही दिन में दूसरी बार शाम में फिर से जोरदार बारिश का मजा लेने का मौका या यूं कहें सौभाग्य प्राप्त हुआ।वजह चाहे जो भी रही हो परंतु आज दिल्ली और एनसीआर के लोगों ने भारी वर्षा और ओलावृष्टि का जमकर आनंद लिया और एक दूसरे को हैप्पी रेंस की बधाई और शुभकामनाएं तक दी जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि गर्मी किस कदर लोगों को परेशान कर रही थी।
खैर अब दिल्ली का मौसम बदल गया है और लोग घरों से बाहर निकलने और आउटिंग का मजा उठा रहे हैं। कुछ देर के लिए ही सही परंतु प्रकृति ने अपने बच्चों की दशा को समझा और एक बार फिर अपनी ममता की बौछारें हम सब पर बरसा दी।