ऑटोमोबाइल में क्रांति का नया केंद्र बन कर उभर रहा है मध्यप्रदेश

भोपाल
भारत में औद्योगिक भविष्य की रूपरेखा अब मध्यप्रदेश से तय हो रही है। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य न केवल आदर्श निवेश स्थल बन कर उभर रहा है बल्कि ऑटोमोबाइल और ईवी इंडस्ट्री के एडवांस इरा की नई परिभाषा लिख रहा है। डेट्रॉयट जिस तरह 20वीं सदी में ऑटोमोबाइल क्रांति का केंद्र बना था, उसी तरह 21वीं सदी में मध्यप्रदेश ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में भारत का फ्यूचर हब बनकर उभर रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS-2025) इस बदलाव का एक ऐतिहासिक मंच बनेगा, जहां दुनिया की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल और ईवी कंपनियां मध्यप्रदेश के औद्योगिक भविष्य को आकार देने के लिए आगे आएंगी। यह सिर्फ निवेश आकर्षित करने का अवसर नहीं, बल्कि भारत में ऑटोमोबाइल टेक्नोलॉजी और ई-मोबिलिटी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का मंच है।

भारत में ऑटोमोबाइल क्रांति की चर्चा अब पारंपरिक हब्स तक सीमित नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश की उद्योग अनुकूल नीतियों और विश्वस्तरीय लॉजिस्टिक्स नेटवर्क तक पहुंच चुकी है। राज्य सरकार की व्यवसाय समर्थक नीतियां, तेज़ अनुमोदन प्रक्रिया और उत्कृष्ट बुनियादी ढांचे ने निवेशकों को यह विश्वास दिलाया है कि मध्यप्रदेश ही अगला ऑटोमोबाइल सुपर हब बनने की दिशा में अग्रसर है। यहां पहले से ही 30 से अधिक ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्यूफेक्चरर्स, 200 से ज्यादा ऑटो कंपोनेंट निर्माता और 1 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां कार्यरत हैं। देश में बसों और ट्रैक्टरों का दूसरा सबसे बड़ा और कामर्शियल वाहनों का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक होने के बावजूद, राज्य अब सिर्फ उत्पादक केंद्र नहीं, बल्कि एक इनोवेशन हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

भारत को एक वैश्विक ऑटोमोबाइल रिसर्च और टेस्टिंग सेंटर बनाने के विजन के तहत मध्यप्रदेश इसकी स्पीड लैब बनने की ओर अग्रसर है। एशिया का सबसे लंबा हाई-स्पीड परीक्षण ट्रैक, 14 टेस्ट ट्रैक और 5 ऑटो-विशिष्ट प्रयोगशालाओं के साथ राज्य दुनिया के अग्रणी ऑटोमोबाइल निर्माताओं के लिए एक वैश्विक परीक्षण केंद्र बन रहा है। यह केवल वाहनों के निर्माण का नहीं, बल्कि स्मार्ट और सस्टेनेबल मोबिलिटी सॉल्यूशंस विकसित करने का केंद्र बनेगा। ईवी बैटरी टेस्टिंग, हाइड्रोजन फ्यूल इनोवेशन और ऑटोमेटेड ड्राइविंग सिस्टम के लिए मध्यप्रदेश अब भारत के प्रमुख अनुसंधान केंद्रों में गिना जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सिर्फ पारंपरिक ऑटोमोबाइल उद्योग को नहीं, बल्कि ईवी और क्लीन मोबिलिटी टेक्नोलॉजी को भी वैश्विक स्तर पर बढ़ावा दे रहा है। सरकार विशेष वित्तीय प्रोत्साहन, कर लाभ, तेजी से अनुमोदन प्रक्रिया और ईवी स्टार्ट-अप्स के लिए अनुकूल इको सिस्टम तैयार कर रही है। मध्यप्रदेश न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण, बल्कि बैटरी निर्माण, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और सस्टेनेबल ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग को लेकर नए मानक स्थापित कर रहा है।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 सिर्फ एक इन्वेस्टमेंट समिट नहीं, बल्कि एक वायदा है, भारत में ऑटोमोबाइल और ईवी सेक्टर को मध्यप्रदेश की धरती से नई ऊंचाई तक पहुंचाने का। इस मंच से अग्रणी कंपनियां अपने नए विनिर्माण संयंत्रों और निवेश योजनाओं की घोषणाएं करेंगी। मध्यप्रदेश सरकार ऑटोमोबाइल और ईवी कंपनियों के साथ उद्योग-विशेष समझौते करेगी। क्लीन और स्मार्ट मोबिलिटी के लिए वैश्विक विशेषज्ञों के साथ साझेदारी होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश "मेक इन इंडिया" के साथ "मेक इन एमपी" के नए अध्याय को परिभाषित कर रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के मंच से दुनिया देखेगी कि भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग का भविष्य अब मध्यप्रदेश की गति से तय होगा।

 

India Edge News Desk

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