हर समस्या का समाधान है महावीर दर्शन

चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को भगवान महावीर का जन्म कल्याण है। उनके सिद्धांत बताते हैं कि वर्तमान के वर्तन (व्यवहार) को किस प्रकार से रखा जाए ताकि जीवन में शांति, मरण में समाधि, परलोक में सद्गति तथा परम्पर से परमगति पाई जा सके। मानवीय गुणों की उपेक्षा के इस समय में महावीर के कल्याण का दिन हमसे अपने जातीय भेद भुलाकर सत्य से साक्षात का संदेश देता है।

भगवान महावीर ने अहिंसा की जितनी सूक्ष्म व्याख्या की है वैसी अन्यत्र दुर्लभ है। उन्होंने मानव को मानव के प्रति ही प्रेम और मित्रता से रहने का संदेश नहीं दिया अपितु मिट्टी, पानी, अग्नि, वायु, वनस्पति से लेकर

कीड़े-मकोड़े, पशु-पक्षी आदि के प्रति भी मित्रता और अहिंसक विचार के साथ रहने का उपदेश दिया है। उनकी इस शिक्षा में पर्यावरण के साथ बने रहने की सीख भी है। आज जिस हिंसात्मक वातावरण और आपाधापी के बीच बच्चे बढ़ हो रहे हैं उसके कारण उनमें संयम का अभाव है। यह पीढ़ी लक्ष्य से भटक रही है। ऐसे वातावरण में बड़े हो रहे बच्चों से अपेक्षा रखना कि वे नैतिक राह पर चलेंगे ठीक नहीं। सभी कारणों से हमें समग्रता में महावीर की शिक्षाओं की बहुत जरूरत है ताकि हम इस धरा को सुंदर बना सकें।

 

India Edge News Desk

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