फिर संकट में महुआ मोइत्रा: ममता बनर्जी के दरबार में होगी सख्त क्लास

कोलकाता
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा का विवाद पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। मोइत्रा एक बार फिर विवादों में घिरती दिख रही हैं। उनकी एक कथित विवादित टिप्पणी को लेकर अखिल भारतीय मतुआ महासंघ ने नाराज़गी जताई है। महासंघ की ओर से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर मामले में दखल देकर कार्रवाई की मांग की गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि सीएम ममता बनर्जी उनकी क्लास ले सकतीं हैं।

दरअसल, 31 अगस्त को नदिया ज़िले में एक सभा को संबोधित करते हुए महुआ मोइत्रा ने कहा था कि ‘साल भर तृणमूली और चुनाव के समय सनातनी बनने का खेल क्यों? हर एससी बूथ पर जहां एक सामान्य जाति की महिला को 1000 रुपये मिलते हैं, वहां एससी महिला को 1200 रुपये मिलते हैं। फिर भी एससी, नामशूद्र, मतुआ बूथों पर बीजेपी को 100 में से 85 वोट मिलते हैं। काम के वक्त ममता, सड़क के वक्त ममता, और जब लाभ लेने की बात आती है तो कंठमाला पहन कर सब आ जाते हैं। सच्चाई हमेशा कड़वी होती है। 

रिपोर्ट के मुताबिक, महासंघ की ओर से 3 सितंबर को भेजे गए इस पत्र में महासचिव सुकैश चंद्र चौधरी ने लिखा है कि महुआ मोइत्रा की टिप्पणी से मतुआ समुदाय आहत और क्रोधित है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि वह ‘एक अभिभावक की तरह कदम उठाकर समुदाय का दर्द कम करें। हालांकि पत्र के लेटरहेड पर महासंघ की अध्यक्ष और तृणमूल की राज्यसभा सांसद ममता बाला ठाकुर का नाम है, लेकिन उस पर हस्ताक्षर महासचिव चौधरी के हैं। 

ममता बाला ठाकुर ने इस मुद्दे पर कहा, ‘यह उनकी (महुआ की) व्यक्तिगत राय है। यह धार्मिक मुद्दा है, इसमें मैं बतौर सांसद क्यों बोलूं? संगठन ने निर्णय लिया है। जो कुछ कहा गया वह अपमानजनक है, और मैं इस पर ज़्यादा शब्द बर्बाद नहीं करना चाहती।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या वह महुआ मोइत्रा से इस विषय पर बात करेंगी तो उन्होंने पलटकर कहा, ‘क्यों करूं?’ मोइत्रा की इस टिप्पणी पर भाजपा ने भी कड़ा रुख अपनाया है। 

पार्टी नेता दिपंकर सरकार ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए कहा, उन्होंने एससी/एसटी महिलाओं और मतुआ समुदाय का अपमान किया है। न केवल आस्था पर टिप्पणी की, बल्कि महिलाओं का भी अपमान किया। अब उन्हें अदालत में पेश होकर सफाई देनी होगी। इधर, केंद्रीय मंत्री और मतुआ नेता शांतनु ठाकुर, जो ममता बाला ठाकुर के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माने जाते हैं, के लिए यह विवाद अपने घरेलू मतभेदों से राहत का मौका बन सकता है। शांतनु का अपने बड़े भाई और विधायक सुब्रत ठाकुर तथा मां छबी रानी ठाकुर के साथ धार्मिक प्रमाणपत्रों के मुद्दे पर टकराव जारी है।

 

India Edge News Desk

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