महंगाई दर में लगातार हो रहे इजाफे के कारण मूडीज ने भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटाकर 8.8 फीसदी कर दिया
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली : कोरोना का प्रकोप झेलने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था में तेज सुधार देखने को मिल रहा है, अमेरिका समेत दुनियाभर के देशों ने इसे दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी करार दिया है। लेकिन देश में बढ़ती महंगाई इस सुधार में रोढ़ा बनती नजर आ रही है। इस महंगाई दर में लगातार हो रहे इजाफे के कारण कई रेटिंग एजेंसियों ने ग्रोथ अनुमान को संशोधित करते हुए घटाया है। अब इस सूची में मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस भी शामिल हो गई है। एजेंसी ने भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटाकर 8.8 फीसदी कर दिया है।
गुरुवार को जारी अपनी रिपोर्ट में मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने देश में बढ़ती महंगाई को बेहद चिंताजनक करार दिया है। विशेषज्ञों ने साल 2022 के लिए भारतीय जीडीपी ग्रोथ को अनुमान घटाते हुए पूर्व में जताए गए 9.1 फीसदी से 8.8 फीसदी कर दिया है। हालांकि, एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार जारी है, लेकिन महंगाई में लगातार हो रहा इजाफा इस सुधार को प्रभावित कर रहा है। यहां बता दें कि मूडीज सर्विस से पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), बर्ल्ड बैंक, आईएमएफ, एडीबी और यूबीएस ने भी बीते दिनों रिपोर्ट जारी कर अपने पूर्वअनुमानों में कटौती की थी।
मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अर्थव्यस्था में जो संकेत दिखाई दे रहे हैं उनसे पता चलता है कि दिसंबर तिमाही में इकोनॉमी में जो सुधार देखने को मिला था, वह इस साल के पहले चार महीनों में भी जारी रहेगा। हालांकि, कच्चे तेल समेत अन्य क्षेत्रों में बढ़ता खर्च परेशानी का सबब बना हुआ है। इन चीजों पर बढ़ती महंगाई का प्रभाव जीडीपी ग्रोथ पर पड़ने की संभावना है। यहां बता दें कि ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक जून में होने वाली एमपीसी की बैठक में एक बार फिर नीतिगत दरों में इजाफा कर सकता है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी संकेत दिया है कि महंगाई को काबू में करने के लिए बढ़ोतरी की जा सकती है। इस संभावना से मांग में गिरावट आने का अनुमान है। इन कारणों से ग्रोथ रेट में कटौती की गई है।
(जी.एन.एस)