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शमी का नाम लेते ही मां अंजुम आरा हो जाती हैं भावुक, कहा- भारत की मुट्ठी में विश्व कप की ट्रॉफी

क्रिकेटर मोहम्मद शमी की मां अंजुम आरा ने बताया कि एशिया कप शुरू होने से तीन दिन पहले ही उन्होंने शमी को गांव से विदा किया था। उस समय गांव के युवा वहां मौजूद थे, उन्होंने शमी से कहा था कि भाई इस बार वर्ल्डकप भी है

इंडिया न्यूज़ : क्रिकेटर मोहम्मद शमी की मां अंजुम आरा इन दिनों बेटे की कामयाबी को लेकर बेहद खुश हैं। एक ओर शमी वर्ल्ड कप में विकेटों की झड़ी लगा रहे हैं तो दूसरी ओर छोटे बेटे मोहम्मद कैफ का बंगाल की रणजी ट्रॉफी के लिए टीम में चयन हो गया है। हालांकि अंजुम आरा गांव के हर उस लड़के को अपना बेटा मानती हैं जो क्रिकेट की पिच पर कमाल दिखाना चाहता है।

गांव का हर बच्चा मेरे लिए मेरे सिम्मी

उनका कहना है कि गांव का हर बच्चा मेरे लिए मेरे सिम्मी (शमी) जैसा है। सब क्रिकेटर तो नहीं हो सकते, लेकिन मैं चाहती हूं कि ये सभी किसी न किसी क्षेत्र में गांव का नाम रोशन करें। जिस गांव का उन्होंने जिक्र किया है, उसका नाम है सहसपुर अलीनगर। अमरोहा से मुरादाबाद आते समय थाना डिडौली की जिवाई चौकी के पास फ्लाईओवर के बाईं ओर अंदर की तरफ दो किलोमीटर चलने पर गांव सहसपुर अलीनगर पड़ता है। वहीं गांव जहां की मिट्टी ने भारतीय क्रिकेट टीम को मोहम्मद शमी जैसा सितारा दिया है।

इस गांव में अंदर चौराहे से बाईं ओर 24 कदम चलने पर शमी का घर है। वहीं पर उनकी मां अंजुम आरा शमी के पैतृक आवास में रहती हैं। मां ने बताया कि एशिया कप शुरू होने से तीन दिन पहले ही उन्होंने शमी को गांव के फार्म हाउस से विदा किया था। उस समय गांव के युवा वहां मौजूद थे, उन्होंने शमी से कहा था कि भाई इस बार वर्ल्डकप भी है। अल्लाह आपको खूब शोहरत से नवाजें। शायद उन युवाओं की दुआओं का ही असर है कि सिम्मी अच्छे खेल का प्रदर्शन कर रहा है।

बचपन में ही आसपास के गांवों तक पहुंच गया था शमी का नाम

सहसपुर अलीनगर निवासी मोहम्मद जैद बताते हैं मैं उस समय छह-सात वर्ष का था। गांव में क्रिकेट टूर्नामेंट चल रहा था। सिम्मी भाई की गेंद में इतनी रफ्तार और उछाल थी कि कीपर को विकेट से बहुत दूर खड़े होना पड़ता था। उस टूर्नामेंट में हर गेंदबाज को लंबे लंबे छक्के खाने पड़े थे, लेकिन सिम्मी भाई की वजह से हमारे गांव की टीम मैच जीत गई थी। उन्होंने तीन विकेट लिए थे। तब से उनका नाम आसपास के गांवों में हो गया। खिलाड़ी चर्चा करते थे कि इसके ओवर में आराम से खेलना है, बाकी गेंदबाजों को देखेंगे।

पुरानी पिच से दो किलोमीटर दूर बन गया नया मैदान

सहसपुर अलीनगर की पुरानी पिच जहां शमी ने अपने बचपन में गांव की टीम को टूर्नामेंट जिताए हैं। वहां अब कोई नहीं खेलता। उस पिच के आसपास कब्रिस्तान, खेत व झाड़ झंकाड़ हैं। गांव के युवाओं में इस पिच की चर्चा एक बार फिर जीवित हो गई है। हालांकि नया मैदान पुरानी पिच से दो किलोमीटर दूर है।

जहां अब युवा खिलाड़ी आंखों में सिम्मी (शमी) बनने का सपना लिए अभ्यास करते हैं। मोहम्मद अनस, अरबाज, रहमान, फरदीन आदि युवाओं ने बताया कि सिम्मी भाई आते हैं तो हमें फार्म हाउस पर बुला लेते हैं। वे गेंदबाजी करते हैं और हमें शॉट खेलने के लिए कहते हैं।

Saba Khan

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