कोई चमत्कार नहीं हुआ, ऑस्ट्रेलिया ने जीता मैच

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली : तीन मार्च, तीसरा क्रिकेट टेस्ट, तीसरा दिन यानी ‘तीन’ का अंक ऑस्ट्रेलिया को भारत के खिलाफ रास वाकई रास आया। कोई चमत्कार नहीं हुआ, न ही चला भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा का जादू। न ही ऑस्ट्रेलिया शुरू के दो टेस्ट की तरह इंदौर के होल्कर स्टेडियम की स्पिन की मददगार पिच पर दूसरी पारी में लडख़ड़ाया। ऑस्ट्रेलिया ने इंदौर टेस्ट में पहली पारी में दूसरे दिन हालांकि अंतिम छह विकेट मात्र 11 रन के भीतर गंवा दिए थे। मौजूदा टेस्ट सीरीज में लगातार तीसरा टेस्ट ढाई और उससे भी कम समय में निपट गया। भारत द्वारा की गेंद की सिलाई उखडऩे की शिकायत के बाद 11 वें ओवर में तीसरे दिन गेंद बदल दी गई। बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज ट्रेविज हेड ने दूसरी पारी में संभल कर आगाज करने के बाद गेंद बदल जाने के साथ ही गियर बदल भारत के तुरुप के स्पिनर खासतौर पर रविचंद्रन अश्विन के खिलाफ जोरदार जवाबी हमला बोल उन्हें पस्त कर मात्र 53 गेंद में आतिशी अविजित 49 रन बना ऑस्ट्रेलिया को चार टेस्ट की बॉर्डर- गावसकर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन शुक्रवार को लंच से पहले नौ विकेट से जीत दिला दी।

ऑस्ट्रेलिया ने इस जीत के साथ अब जून में इंग्लैंड में खेले जाने वाले आईसीसी वल्र्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में स्थान बना लिया। भारत तीसरे टेस्ट की हार के बावजूद अभी भी सीरीज में 2-1 से आगे है। भारत को डब्ल्यूटीसी फाइनल में स्थान बनाने के लिए अब अहमदाबाद में 9 मार्च से शुरू होने वाला चौथा और आखिरी टेस्ट जीत सीरीज 3-1 से अपने नाम करनी होगी। यदि भारत अहमदाबाद में सीरीज का चौथा जीतने में नाकाम रहता तो वह अगर मगर में फंस जाएगा। तब भारत यदि दुआ करेगा कि न्यूजीलैंड मेहमान श्रीलंका से टेस्ट सीरीज 0-2 से न हारे।

भारत ने शुरू के दोनों टेस्ट जीत बॉर्डर-गावसकर पर भले ही अपना कब्जा बरकरार रखा लेकिन ऑस्ट्रेलिया की कोशिश अब उससे अहमदाबाद में चौथ और आखिरी टेस्ट भी जीत सीरीज दो-दो की बराबरी पर समाप्त कराने की होगी।

भारत की पहली पारी के 109 रन के जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 197 रन बना हासिल 88 रन की अहम बढ़त हासिल की। मैन ऑफ द मैच ऑस्ट्रेलिया के ऑफ स्पिनर नाथन लियोन (8/64) के गेंद से कमाल ने चेतेश्वर पुजारा(59) के अद्र्धशतक भारत की दूसरी पारी दूसरे दिन 163 रन पर समेट दी।

ऑस्ट्रेलिया ने तीसरे दिन जब अपनी दूसरी पारी शुरू की तो उसे जीत के लिए मात्र 76 रन बनाने का लक्ष्य मिला। भारत के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन ने अपनी ही दूसरी ही गेंद पर ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा(0) को विकेटकीपर श्रीकर भरत के हाथों कैच कराया। सलामी बल्लेबाज ट्रेविज हेड और मरनस लबुशेन शुरू मेसंभल कर खेले और ऑस्ट्रेलिया ने शुरू के दस ओवर में एक विकेट पर 13 रन बनाए थे। अगले यानी 11 वें ओवर में भारत के अनुरोध पर गेंद बदले जाने पर खासतौर पर हेड ने रंग बदला और खासतौर अगले खासतौर पर अगले पांच ओवर में अश्विन और जडेजा के खिलाफ कदमों का इस्तेमाल कर उनकी लय ही बिगाड़ ताबड़तोड़ 56 रन किसी भी चमत्कार की उम्मीद पानी फेर दिया। ऑस्ट्रेलिया ने गेंद बदले जाने के बाद अगले 8.5 ओवर में बिना कोई और विकेट गंवा 65 रन जोड़े। हेड(अविजित 49, 53 गेंद, एक छक्का, पांच चौके) और लबुशेन (अविजित 28, 58 गेंद पांच चौके) की दूसरी विकेट की 78 रन की असमाप्त भागीदारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने मात्र 18.5 ओवर एक विकेट खोकर जीत का लक्ष्य पा लिया।

भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने कहा, ‘ गेंद को बदलने को ज्यादा तवज्जो देने की जरूरत नहीं है। जब आप टेस्ट मैच हारते हैं तो पाते हैं कि बहुत सी चीजें ऐसी होती हैं जो आपके पक्ष नहीं जाती हैं। सच तो यह है कि हमने खासतौर पर पहली पारी में अच्छी बल्लेबाजी नहीं की। हम जानते हैं कि पहली पारी में अच्छा स्कोर खड़ा करना अहम है। जब ऑस्ट्रेलिया ने हमारे खिलाफ पहली पारी में 88 रन की बढ़त ले ली तो हमें दूसरी पारी में बल्ले से बेहतर प्रदर्शन कर बड़ा स्कोर खड़ा करने की जरूरत थी, पर हम ऐसा कर नहीं पाए। हम अब अगले टेस्ट के लिए खुद को संभालना है। हमें यह समक्षझना होगा कि हमें बतौर टीम बेहतर करने की जरूरत है। हमने ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों को एक ही जगह गेंदबाजी करने दी। आपको ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों, खासतौर पर नाथन लियोन द्वारा की बढिय़ा गेंदबाजी की तारीफ करनी होगी।’

India Edge News Desk

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