अब पंजाब में नशे के ख़ात्मे के लिए किसी भी कीमत पर कोई ढील बर्दाश्त नहीं की जायेगी

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

चंडीगढ़ : पंजाब में नशे की बीमारी पर नकले डालने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य के समूह एस.एस.पीज़/पुलिस कमीशनरों को ड्रग माफिया चला रही बड़ी मछलियों को काबू करने के लिए सांझा कार्यवाही शुरु करने के लिए नशा विरोधी टास्क फोर्स (एस.टी.एफ.) के साथ तालमेल करके काम करने के हुक्म दिए।

पंजाब भवन में डिप्टी कमीशनरों और ज़िला पुलिस मुखियों की उच्च स्तरीय मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि राज्य के किसी भी हिस्से से नशे की सप्लाई की कोई भी घटना उनके ध्यान में आती है तो इसके लिए सीधे तौर पर सम्बन्धित एस.एस.पी. या पुलिस कमीशनर की जवाबदेही तय होगी। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को यह भी कहा कि यदि किसी व्यक्ति की तरफ से नशे की तस्करी संबंधी कोई शिकायत दर्ज करवाई जाती है तो उस पर तुरंत कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि नशे के ख़ात्मे के लिए किसी भी कीमत पर कोई ढील बर्दाश्त नहीं की जायेगी क्योंकि नशे का शिकार हो चुके नौजवानों को बचाने के लिए इसकी सप्लाई लाईन को तोड़ना होगा।

राज्य भर में नशा तस्करों के विरुद्ध शिकंजा कसने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्धारित समय के दौरान ख़ास कर व्यापारिक वसूली के मामलों में चालान पेश न होने के कारण ज़मानत हो जाने की सूरत में सख़्त कार्यवाही की जायेगी।

नशा तस्करों के साथ घी-खिचड़ी होने वाले लोगों के प्रति कोई लिहाज़ न बरतते हुये मुख्यमंत्री ने नशा तस्करों को संरक्षण देने वाले कसूरवार पुलिस अधिकारियों को सजा देने के लिए कारगर विधि तैयार करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
मुख्यमंत्री ने डी.जी.पी. को बरामदगी के दौरान ज़ब्त किये गए नशे की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में प्रसारित न करने के लिए सभी ज़िला पुलिस मुखियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश दिए हैं क्योंकि यह प्रक्रिया भोले-भाले लोगों को जल्दी पैसा कमाने के लिए आकर्षित करती है। हालाँकि, उन्होंने कहा कि ज़ब्त की गई मात्रा, बरामदगी वाली जगह और मुलजिमों के विवरणों सम्बन्धी बाकी जानकारी सार्वजनिक की जा सकती है।

भगवंत मान ने स्वास्थ्य और पुलिस विभागों को मामूली अपराधियों के प्रति सुधारवादी पहुँच अपनाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए नजदीकी से तालमेल के साथ काम करने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि नशे में ग्रसित लोगों को उनकी रिहायश से 5 से 6 किलोमीटर के दायरे में इलाज के लिए सुविधाजनक पहुँच प्राप्त करने के लिए ओ.ओ.ए.टी. क्लिनिकों की संख्या मौजूदा 208 से बढ़ा कर तुरंत 500 की जा रही है। उन्होंने नशे की बीमारी को त्याग चुके नौजवानों की सेवाएं लेने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया, जिसके अंतर्गत वह नशे के आदी लोगों के साथ नशा छोड़ने संबंधी अपने जीवन के तजुर्बों को सांझा करेंगे जो उनको नशे से दूर रहने के लिए मददगार साबित होगा।

उन्होंने डी.जी.पी. को जांच प्रणाली भी मज़बूत करने के लिए कहा जिससे ड्रग माफिया में शामिल दोषियों को जल्द से जल्द मिसाली सजा दी जा सके। उन्होंने कहा कि यह कदम दूसरों को भविष्य में नशे की बिक्री में शामिल होने से तौबा करने में सहायक होगा। मुख्यमंत्री ने डी.जी.पी. को ड्रग माफिया में शामिल लोगों की जायदादें ज़ब्त करने की प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिए भी कहा। इस सम्बन्धी ढीली रफ़्तार पर चिंता ज़ाहिर करते हुये भगवंत मान ने डी.जी.पी. को हरेक महीने ज़ब्त की जायदादों की प्रगति की निजी तौर पर निगरानी करने और उस अनुसार उनको अवगत करवाते रहने के लिए कहा।

नशे की रोकथाम के कदमों के तौर पर भगवंत मान ने डिप्टी कमीशनरों /ज़िला पुलिस मुखियों के इलावा एस.डी.एमज़ और डी.एस.पीज़. की तरफ से अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में ख़ास कर अधिक प्रभावित गाँवों के निरंतर दौरे किये जाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। इसी तरह गाँवों और वार्डों में खेल के बुनियादी ढांचों के कायाकल्प करने के साथ-साथ खेल गतिविधियों, टूर्नामैंटों और युवा मेले करवाने के लिए प्रयास तेज करने के लिए विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए जिससे नौजवानों की ऊर्जा को रचनात्मकता की तरफ़ लगाया जा सके जिससे वह नशे से दूर रह सकें। लोगों में भरोसे की भावना पैदा करने के लिए हरेक जिले में नशा मुक्त गाँव ऐलाना जाना चाहिए।

पंजाबी गायकों की तरफ से फैलाए जा रहे बंदूक सभ्याचार और गैंगस्टरवाद के रुझान की निंदा करते हुये भगवंत मान ने उनको अपने गीतों के द्वारा समाज में हिंसा, नफ़रत और दुश्मनी को भड़काने से गुरेज़ करने की अपील की। उन्होंने गायकों को न्योता दिया कि वह ऐसे गीतों के द्वारा समाज विरोधी गतिविधियों को तुल देने की बजाय पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत के मूल्यों पर चलते हुये भाईचारक सांझ, शांति और सदभावना की जड़ों को और मज़बूत करने के लिए योगदान डालें।

भगवंत मान ने इन गायकों को कहा कि वह पंजाब की अमीर सांस्कृतिक विरासत को प्रफुल्लित करने के लिए रचनात्मक भूमिका निभाएं जिस संबंधी इसको विश्व भर में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि यह हमारा फ़र्ज़ बनता है कि ऐसे गायकों को अपने गीतों के द्वारा हिंसा फैलाने की इजाज़त न दी जाये जो अक्सर नौजवानों ख़ास कर जल्दी प्रभावित होने वाले बच्चों को बिगाड़ते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम पहले तो उनको ऐसे रुझान को आगे न बढ़ाने की अपील करते हैं, नहीं तो सरकार उनके विरुद्ध सख़्त कार्यवाही करेगी।

इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमीशनरों को धान की सीधी बुवाई (डी.ऐस.आर.) की तकनीक को उत्साहित करने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता मुहिम शुरू करने के लिए कहा जिससे भूजल के तेज़ी से गिरते स्तर को बचाया जा सके और इसके इलावा किसानों को गर्मी ऋतु की मूँगी और बासमती की बुवाई करने के लिए उत्साहित किया जाये जिससे फ़सलीय विभिन्नता को बढ़ावा मिलेगा।

राज्य भर के लोगों को निर्विघ्न और पारदर्शी शासन यकीनी बनाने के लिए अपनी सरकार की निवेकली पहलकदमी को सांझा करते हुये भगवंत मान ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय के विस्तार के तौर पर हर विधान सभा हलके में जल्द ही एक समर्पित कार्यालय स्थापित किया जायेगा जिससे लोगों के उन कामों को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके जिनको तुरंत अंतर-विभागीय दख़ल की ज़रूरत होती है। यह ’आपकी सरकार आपके द्वार’ प्रोग्राम लोगों को उनके उलझे हुए कई मुद्दों को उनकी संतुष्टि के मुताबिक तुरंत हल करने में मदद करेगा।

मीटिंग में मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए. वेणू प्रसाद, अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि सरवजीत सिंह, प्रमुख सचिव गृह अनुराग वर्मा, प्रमुख सचिव बिजली तेजवीर सिंह, डी.जी.पी. वी.के. भावरा, सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अजोए शर्मा, नशा संबंधी विशेष टास्क फोर्स के प्रमुख हरप्रीत सिद्धू और पी.एस.पी.सी.एल. के चेयरमैन -कम -मैनेजिंग डायरैक्टर बलदेव सिंह सरां उपस्थित थे।

India Edge News Desk

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