मंदिर-मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे ओवैसी, आज होगी सुनवाई, शीर्ष अदालत से की बड़ी मांग

नई दिल्ली
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। याचिका में ओवैसी ने देश में पूजा स्थल कानून लागू करने की मांग की है। ओवैसी ने अधिवक्ता फुजैल अहमद अय्यूबी के माध्यम से 17 दिसंबर को याचिका दाखिल की।

कानून को सख्ती से लागू करने की मांग
ओवैसी ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार को कानून को प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की है। ओवैसी के वकील ने हवाला दिया कि कई अदालतों ने हिंदू वादियों की याचिकाओं पर मस्जिदों का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था। उधर, मुस्लिम पक्ष की दलीलों में सांप्रदायिक सौहार्द और मस्जिदों की मौजूदा स्थिति को बनाए रखने के लिए 1991 के पूजा स्थल कानून को लागू करने की मांग की गई है।

हिंदू पक्ष ने कानून की संवैधानिक वैधता को दी चुनौती
हिंदू पक्ष का दावा है कि आक्रमणकारियों के हमले से पहले इन स्थानों पर मंदिर थे। कई याचिकाओं में पूजा स्थल कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई। इसके खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने शीर्ष अदालत का रुख किया है। समिति ने मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद, दिल्ली के कुतुब मीनार के पास कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद, मध्य प्रदेश में कमाल मौला मस्जिद समेत अन्य दरगाहों से जुड़े दावों को सूचीबद्ध किया है। समिति का कहना है कि कानून को चुनौती देने वाली याचिकाएं इन धार्मिक स्थलों के खिलाफ मुकदमों को सुविधाजनक बनाने के शरारती इरादे से दाखिल की गई।

नए मुकदमे पर शीर्ष अदालत की रोक
12 दिसंबर को मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कई याचिकाओं पर सुनवाई की और सभी अदालतों को नए मुकदमों पर विचार करने और धार्मिक स्थलों विशेषकर मस्जिदों और दरगाहों पर पुनः अधिकार के लिए लंबित मामलों में अंतरिम या अंतिम आदेश पारित करने पर रोक लगा दी थी। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा था कि चूंकि मामला इस अदालत में विचाराधीन है। इसलिए हम यह समझते हैं कि कोई नया मुकदमा दर्ज न किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्षों द्वारा दायर लगभग 18 मुकदमों की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। इनमें वाराणसी में ज्ञानवापी, मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद और संभल में शाही जामा मस्जिद समेत 10 मस्जिदों के सर्वेक्षण की मांग की गई थी।

अश्विनी उपाध्याय ने भी दाखिल की याचिका
विशेष पीठ में न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन भी शामिल थे। पीठ ने छह याचिकाओं पर सुनवाई की। इसमें एक याचिका वकील अश्विनी उपाध्याय की है। उन्होंने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती दी है। उनका तर्क है कि कानून के प्रावधान किसी व्यक्ति या धार्मिक समूह के पूजा स्थल को पुनः प्राप्त करने के लिए न्यायिक उपचार के अधिकार को छीन लेते हैं।

क्या है पूजा स्थल अधिनियम?
पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 किसी भी धार्मिक स्थल के स्वरूप में बदलाव से रोकता है। कानून के तहत कोई भी पूजा स्थल ठीक वैसा ही रहेगा जैसा जैसा वह 15 अगस्त 1947 को था।

भाजपा सरकार पर साधा निशाना
असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोला। उन्होंने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुवैत के नेताओं को संभल में मस्जिद के पास वक्फ की जमीन पर बनाई जा रही पुलिस चौकी दिखा सकते हैं। ओवैसी ने आरोप लगाया कि संभल में जामा मस्जिद के पास पुलिस चौकी का निर्माण वक्फ की जमीन पर किया जा रहा है। हालांकि जिला मजिस्ट्रेट ने इस आरोप को खारिज कर दिया।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News news desk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *