प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव की उपस्थिति में किया मिशन लाइफ का शुभारंभ

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के एकता नगर में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निकट संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की उपस्थिति में मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) का शुभारंभ किया। सीओपी 26 में प्रधानमंत्री द्वारा पहली बार प्रस्तावित मिशन लाइफ को भारत के नेतृत्व वाले वैश्विक जन आंदोलन के रूप में देखा गया है। इससे पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक कार्रवाई की प्रेरणा मिलेगी।

प्रधानमंत्री और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने लाइफ के प्रतीक चिन्ह और टैगलाइन का अनावरण किया, तथा इस कार्यक्रम में मिशन दस्तावेज़ जारी किए। इस अवसर पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी उपस्थित थे।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एकता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रचलित धारणा की ओर इशारा करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन को सिर्फ नीति से जुड़ा मुद्दा मान लिया गया है। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जलवायु परिवर्तन सिर्फ सरकारी दायित्व भर नहीं है और इसमें व्यक्ति, परिवारों और समुदायों के योगदान की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि मिशन लाइफ़ जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई को लोकतांत्रिक बनाता है। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में हर कोई अपने सामर्थ्य के अनुसार योगदान दे सकता है।

प्रधानमंत्री ने विस्तार से बताते हुए कहा कि मिशन लाइफ पी-3 मॉडल, यानी प्रो प्लेनेट पीपल की भावना को बढ़ाता है। यह मॉडल ‘लाइफ स्टाइल ऑफ द प्लेनेट, फॉर द प्लेनेट एंड बाय द प्लेनेट’ के मूल सिद्धांतों पर काम करता है।

श्री मोदी ने ‘रिड्यूस, रियूज और रिसाइकल’ और सर्कुलर इकोनॉमी की अवधारणा पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने उल्लेख किया कि यह हजारों वर्षों से भारतीय जीवन शैली का हिस्सा रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी भारत और संयुक्त राष्ट्र ने एक साथ काम किया है और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के नए तरीके खोजे गए हैं। उन्होंने कहा, “भारत ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था, जिसे संयुक्त राष्ट्र का समर्थन प्राप्त था। आज यह दुनिया भर के लाखों लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित कर रहा है।” अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 में मनाया जाएगा और यह एक वैश्विक वार्तालाप बन जाएगा। उन्होंने आगे कहा, “मिशन लाइफ तभी सफल हो सकता है जब यह दुनिया के हर कोने तक पहुंचे। हमें इस मंत्र को याद रखना है- प्रकृति रक्षित रक्षिता- यानी जो प्रकृति की रक्षा करते हैं, प्रकृति उनकी रक्षा करती है।” प्रधानमंत्री ने अंत में कहा कि मुझे विश्वास है कि हम मिशन लाइफ का पालन करके एक बेहतर दुनिया का निर्माण करेंगे।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि हमारे ग्रह के लिए इस खतरनाक समय में हमें सभी के समर्थन की आवश्यकता है। श्री गुटेरेस ने कहा, “लाइफ पहल को आवश्यक और आशावादी सच्चाइयों को रेखांकित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। हम सभी, व्यक्ति और समुदाय, हमारे ग्रह और हमारे सामूहिक भविष्य की रक्षा के समाधान का हिस्सा बन सकते हैं और होना चाहिए। उन्होंने कहा, ”आखिरकार, अत्यधिक उपभोग ही पृथ्वी के तीन संकटों- जलवायु परिवर्तन, जैव-विविधता का नुकसान और प्रदूषण का मूल कारण है।” उन्होंने कहा, “भारत ने पर्यावरण की दृष्टि से अच्छी नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए जो प्रतिबद्धता व्यक्त की है, उससे मैं बेहद उत्साहित हूं और मैं इस एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।”

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन की प्रधानमंत्री मैरी ट्रस, गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ, मेडागास्कर के राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना, नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, जॉर्जिया के प्रधानमंत्री इराकली गैरीबाशविली और एस्टोनिया के प्रधानमंत्री काजा कैलास और अन्य लोगों ने अभियान को समर्थन दिया है।

इस आयोजन में 500 से अधिक लोगों ने भाग लिया जिसमें विदेशों में 116 भारतीय मिशन प्रमुख, भारत में संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख, केंद्रीय विदेश मंत्री, गुजरात के मुख्यमंत्री, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, विकास भागीदार और अन्य लोग शामिल थे।

गुजरात सरकार के सहयोग से नीति आयोग एवं पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मिशन लाइफ के वैश्विक शुभारंभ का आयोजन किया।

नीति आयोग पहले वर्ष में मिशन लाइफ को क्यूरेट और इनक्यूबेट करेगा, और बाद में इसे वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा लागू किया जाएगा। मिशन का 5 वर्ष का कार्यक्रम है।

लाइफ के बारे में

लाइफ की अवधारणा को प्रधानमंत्री द्वारा 1 नवंबर 2021 को ग्लासगो में सीओपी-26 में पेश किया गया था। 5 जून 2022 को विश्व पर्यावरण दिवस पर भारत ने शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और स्टार्ट-अप को आमंत्रित करते हुए, लाइफ ग्लोबल मूवमेंट शुरू करके लाइफ की परिकल्पना को आगे बढ़ाया। दुनिया भर में विशिष्ट और वैज्ञानिक तरीकों के बारे में सोचने के लिए जिससे पर्यावरण संकट को दूर करने के लिए सामूहिक कार्रवाई की पूरी क्षमता का उपयोग किया जा सके। इस अभियान को वैश्विक नेताओं का रिकॉर्ड समर्थन मिला।

मिशन लाइफ, मिशन-मोड, वैज्ञानिक और मापने योग्य कार्यक्रम के माध्यम से लाइफ के विचारों और आदर्शों को कार्यान्वित करेगा तथा जलवायु परिवर्तन पर बातचीत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगा।

मिशन लाइफ़ को 2022 से 2027 की अवधि में कम से कम एक अरब भारतीयों और अन्य वैश्विक नागरिकों को पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक कार्रवाई करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। वर्ष 2028 तक भारत के भीतर, सभी गांवों और शहरी स्थानीय निकायों का कम से कम 80 प्रतिशत निकायों को पर्यावरण के अनुकूल बनाने का लक्ष्य है।

India Edge News Desk

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