नेपाल में चीन निर्मित एयरपोर्ट पर कदम नहीं रखेंगे प्रधानमंत्री मोदी

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

काठमांडू : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेपाल की एक दिन की यात्रा के लिए लुंबिनी के पास चीन निर्मित भैरवा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे का इस्तेमाल नहीं करेंगे बल्कि वह विमान से भारत के कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरेंगे और वहां से भारतीय वायुसेना के हैलीकॉप्टर से लुंबिनी पहुंचेंगे। लुंबिनी में चार हैलीपैड बनाए गए हैं। भैरवा के गौतम बुद्ध अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे का उद्घाटन उसी दिन सुबह नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देऊबा करेंगे।

कुवैत से जजीरा एयरलाइन का एयरबस ए-320 विमान सुबह करीब 7 बजे नेपाल के इस दूसरे अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर लैंड करेगा। लुंबिनी पहुंचने पर देऊबा अंतर्राष्ट्रीय विपश्यना केन्द्र एवं सभा मंडप का उद्घाटन करेंगे। वे पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे और दोनों प्रधानमंत्री लुंबिनी विकास ट्रस्ट के एक विशेष कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। दोनों नेता लुंबिनी क्षेत्र में भारतीय सहायता से बनने वाले एक विहार की आधारशिला भी रखेंगे। नेपाल में पीएम मोदी का लुंबिनी में हैलीकॉप्टर से आने को लेकर कुछ हलकों में विवाद शुरू हो गया है।

प्रधानमंत्री मोदी की नेपाल यात्रा के दौरान भारत से शीर्ष स्तर पर पंचेश्वर बहुउद्देश्यीय परियोजना के साथ ही निवेश नहीं मिलने के कारण छह दशकों से लंबित 1200 मेगावाट की सेती पनबिजली परियोजना के विकास का भी अनुरोध किया जाएगा। पीएम मोदी बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर 16 मई को नेपाल की संक्षिप्त यात्रा पर आएंगे। नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देऊबा ने मंगलवार को अपने गृहनगर दधेलधुरा में संवाददाताओं को यह जानकारी दी।

नेपाली प्रधानमंत्री ने बताया कि वह स्वयं पीएम मोदी के साथ पश्चिमी सेती पनबिजली परियोजना के विकास का मुद्दा उठाएंगे और अनुरोध करेंगे कि भारत इस परियोजना का विकास करे। पश्चिमी सेती पनबिजली परियोजना मूलत: 750 मेगावाट क्षमता की थी और इसे सेती नदी पर बनाए जाने का प्रस्ताव था लेकिन छह दशकों तक लटकी रहने के बाद सरकार ने इसकी डिजाइन दोबारा बनाई और पश्चिमी सेती और सेती दो भागों में इस परियोजना को बांटा जिससे इसकी क्षमता 1200 मेगावाट हो गई है। इस परियोजना के जलाशय मानसून सीजन में भरे जाएंगे और बरसात खत्म होने के बाद सर्दियों में पीक ऑवर में रोज़ाना बिजली बनाई जाएगी। देऊबा ने कहा कि इसके साथ ही उनकी सरकार ने पंचेश्वर बहुउद्देश्यीय परियोजना के विकास को लेकर भी भारत के साथ बातचीत शुरू करने का निर्णय लिया है।

नेपाली प्रधानमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के विकास के लिए किसी भरोसेमंद कंपनी के साथ निर्णायक सौदा करना होगा। हमें ऊर्जा सुरक्षा के लिए इस प्रकार की भंडारण वाली परियोजनाओं की जरूरत है जिनसे हमें सर्दियों में बिजली मिल सके। इसी प्रकार से पंचेश्वर बहुउद्देश्यीय परियोजना भारत एवं नेपाल के बीच 1996 में हुई महाकाली संधि का प्रमुख हिस्सा है लेकिन विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) और पंचेश्वर विकास प्राधिकरण के गठन को लेकर कुछ मतभेदों के कारण यह परियोजना भी लंबित है।
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.
Back to top button