पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक मामला : आरोपी शिव बहादुर वाराणसी से गिरफ्तार
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में उत्तर प्रदेश के एक नेता की भी कथित तौर पर संलिप्तता जुड़ती जा रही है। वाराणसी से गिरफ्तार आरोपी शिव बहादुर के नेता से संपर्क के चलते और अपने ही फोन से अंतिम कॉल नेता के नंबर पर करने के चलते मामले में बड़े खुलासे होने की संभावना बढ़ गई है। हालांकि अभी तक पेपर लीक कहां से हुआ है, यह पहेली बनी हुई है। फिलहाल प्रिंटिंग प्रैस से ही पेपर लीक होने की संभावना जताई जा रही है लेकिन पुख्ता तौर पर कोई भी सबूत नहीं मिल रहा है।
एसआईटी द्वारा गिरफ्तार किए गए शिव बहादुर और अखिलेश यादव दोनों ही मामले में जुड़े हुए थे। शिव बहादुर अपने के लिए अखिलेश को ड्राइवर के तौर पर इस्तेमाल करता था। वहीं, अखिलेश यादव विद्यार्थी नेता है और अभी भी पढ़ाई कर रहा है। मामले के सामने आने के बाद आरोपी शिव बहादुर ने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया था और एक युवती के नाम से जारी नंबर से फोन कर रहा था। संभावित आरोपी के नंबर पर बार-बार एक नंबर पर फोन आने के चलते टीम ने दबिश देते हुए आरोपी को गाड़ी में जाते हुए गिरफ्तार किया।
शिव बहादुर के लिए अखिलेश लेन-देन का पूरा काम करता था। अखिलेश पर विद्यार्थी नेता होने के दौरान बाइक चोरी के मामले दर्ज हैं। वहीं, शिव बहादुर पर भी धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। देशभर में पेपर लीक करने के मामलों से इनके तार जुड़े हुए हैं। शिव बहादुर पंजाब में टीजीटी और जेबीटी स्कैम से भी जुड़ा हुआ है। इस स्कैम में भी करोड़ों रुपए इन्होंने डकारे थे। वहीं, शिव बहादुर दिल्ली और तेलंगाना में भी जेल में रह चुका है। आरोपियों ने सोलन में पेपर लीक किया था। आरोपियों ने 25 मार्च को ही पेपर लीक कर दिया था और पैसे देने वाले अभ्यर्थियों को यह पेपर चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली में रटाया था। वहीं, सभी जिलों में आरोपियों से जुड़े हुए लोगों को टारगेट दिया गया था। इसी टारगेट के आधार पर जिला कांगड़ा में ही 80 से 85 अभ्यॢथयों तक इस पेपर को पहुंचाया गया था।
पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में वाराणसी से गिरफ्तार किए गए 2 आरोपियों को वीरवार को न्यायालय में पेश किया गया जहां से दोनों आरोपियों को 5 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। आरोपी शिव बहादुर (44) निवासी धीरज अपार्टमैंट फ्लैट नंबर-13 अर्दली बाजार वाराणसी (उत्तर प्रदेश) और अखिलेश यादव (22) निवासी गांव खुलासपुर डाकघर चोचकपुर थाना करंडा तहसील सदर गाजीपुर जिला गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) को वीरवार को न्यायालय में पेश किया गया था। इन आरोपियों को 23 मई को दोबारा न्यायालय में पेश किया जाएगा। प्रदेश पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले की जांच का जिम्मा जल्द ही सीबीआई संभाल लेगी। राज्य सरकार इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश कर चुकी है। ऐसे में अब सीबीआई निदेशालय जांच भ्रष्टाचार रोधी केंद्रीय इकाई को सौंप सकता है। हालांकि इसका फैसला निदेशालय करेगा।
(जी.एन.एस)