प्रेग्नेंसी में क्रेविंग्स सामान्य, लेकिन समझदारी से करें मैनेज: क्या खाएं, क्या नहीं

प्रेग्नेंसी के दौरान फूड क्रेविंग्स बेहद आम हैं और ज्यादातर महिलाओं में पहली तिमाही के अंत से दूसरी तिमाही में यह बढ़ जाती हैं; मीठा, नमकीन, खट्टा और मसालेदार चीजों की चाह सामान्य है, लेकिन पोषण संतुलन बनाए रखना जरूरी होता है। गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव, स्वाद और गंध की संवेदनशीलता, मॉर्निंग सिकनेस और पोषक तत्वों की कमी क्रेविंग को बढ़ाते हैं, इसलिए हेल्दी विकल्प चुनना मां और शिशु दोनों के लिए सुरक्षित रहता है।

क्रेविंग्स क्यों होती हैं
गर्भावस्था में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर बदलने से स्वाद और गंध की समझ प्रभावित होती है, जिससे कुछ चीजें अधिक आकर्षक लगती हैं और कुछ से अरुचि हो जाती है।

शरीर को अतिरिक्त पोषक तत्वों (आयरन, कैल्शियम, ओमेगा-3, विटामिन C) की जरूरत पड़ती है; कमी होने पर शरीर संकेत के रूप में खास खाद्य पदार्थों की चाह पैदा कर सकता है।

मॉर्निंग सिकनेस, थकान और मूड स्विंग जैसी स्थितियां भी त्वरित ऊर्जा और “कंफर्ट फूड” की इच्छा बढ़ा सकती हैं।

क्या खाएं: स्मार्ट स्वैप्स
मीठा खाने की क्रेविंग: डार्क चॉकलेट की छोटी मात्रा, खजूर, दही के साथ फलों की स्मूदी, घर की बनी सेब-ओट क्रम्बल जैसे विकल्प लें।

नमकीन/क्रंची: भुने चने, मखाने, भुने बादाम-काजू, होल-ग्रेन क्रैकर्स के साथ हुमस या दही डिप चुनें।

खट्टा: नींबू पानी, मौसमी/संतरा, कच्चे आम की हल्की चटनी, घर का प्रोबायोटिक दही; बाजारू अत्यधिक नमक वाले अचार और पैक्ड चटनी सीमित रखें।

मसालेदार: घर का हल्का मसाला, तला-भुना और बहुत तीखा कम करें; दिल और पाचन पर बोझ घटेगा।

कार्ब क्रेविंग: मल्टीग्रेन रोटी, ब्राउन राइस, ओट्स, सूजी-दलिया उपमा, सब्जियों से भरपूर मिलेट खिचड़ी जैसे कॉम्प्लेक्स कार्ब चुनें।

जिन चीजों से बचें या सीमित करें
कोल्ड डेली मीट, अधपका मांस/अंडा/मछली, अनपास्चराइज्ड डेयरी और प्रीमेड डेली सलाद में संक्रमण का जोखिम रहता है; इन्हें अवॉयड करें।

सोडा, हाई-शुगर ड्रिंक्स, डीप-फ्राइड स्नैक्स और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स वजन बढ़ने, एसिडिटी और ब्लड शुगर स्पाइक बढ़ा सकते हैं।

कैफीन सीमित रखें; दैनिक अनुशंसित सीमा के भीतर रहें और देर शाम कैफीन से बचें ताकि नींद प्रभावित न हो।

नॉन-फूड क्रेविंग (मिट्टी, चाक, डिटर्जेंट आदि) को पिका कहा जाता है—यह खतरनाक है; ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

दिनभर की सरल आदतें
ब्रेकफास्ट जरूरी: प्रोटीन + फाइबर (अंडा/दही/पनीर + फल/ओट्स/मिलेट) से दिन की शुरुआत करें, इससे मीठी और जंक क्रेविंग घटती हैं।

छोटी-छोटी फ्रीक्वेंट मील्स: 2-3 घंटे में हल्का और संतुलित खाएं, ब्लड शुगर स्थिर रहेगी और उल्टी/मिचली कम होगी।

हाइड्रेशन: पानी, नारियल पानी, सूप, छाछ/लस्सी (कम नमक-शक्कर) लें; डिहाइड्रेशन क्रेविंग्स बढ़ा सकता है।

स्मार्ट प्रेप: कटे फल, भुने नट्स, दही, हुमस, सलाद बॉक्स जैसे हेल्दी स्नैक पहले से तैयार रखें ताकि अचानक क्रेविंग पर बेहतर विकल्प हाथ में हों।

जरूरी पोषक तत्वों पर फोकस
आयरन: पालक, सरसों के साग, मेथी, चना/राजमा, गुड़-किशमिश; विटामिन C के साथ लें ताकि अवशोषण बेहतर हो।

कैल्शियम: दूध, दही, पनीर, तिल; अगर डेयरी नहीं लेते तो कैल्शियम-फोर्टिफाइड विकल्प देखें।

ओमेगा-3: सालमन/श्रिम्प जैसी लो-मर्करी मछली; मछली न लेने पर अखरोट, अलसी, चिया और ओमेगा-3 एग्स helpful हैं।

प्रोटीन: दालें, पनीर, अंडे, दुबला मांस/चिकन, टोफू; हर मील में प्रोटीन का हिस्सा रखें।

कब लें डॉक्टर की सलाह
लगातार उल्टी/भोजन से अरुचि के कारण वजन घट रहा हो, पानी नहीं ठहर रहा हो या कमजोरी-चक्कर आ रहे हों।

नॉन-फूड आइटम्स की क्रेविंग हो, फूड पॉइजनिंग जैसे लक्षण दिखें, या गेस्ट्रिक/एसिडिटी अत्यधिक बढ़ जाए।

मधुमेह, थायराइड, हाई बीपी जैसी स्थितियां हों—डायटीशियन/गायनो के साथ पर्सनलाइज्ड प्लान बनाएं।

त्वरित 7 हेल्दी टिप्स
घर की स्मूदी से फल-सब्जियां बढ़ाएं।

“कुकीज की क्रेविंग” पर पहले फल/नट्स लें; फिर भी मन न माने तो छोटी सर्विंग।

ब्रेकफास्ट कभी न छोड़ें।

रोज 2-3 डेयरी सर्विंग्स या समकक्ष कैल्शियम लें।

लो-मर्करी मछली सप्ताह में 1-2 बार; नहीं खाते तो प्लांट ओमेगा-3 लें।

आयरन-समृद्ध भोजन के साथ विटामिन C जोड़ें।

रात में भारी, तला-भुना और बहुत मसालेदार भोजन कम करें; नींद बेहतर होगी।

डिस्क्लेमर: हर गर्भावस्था अलग होती है; कोई भी विशेष आहार परिवर्तन, सप्लीमेंट, या प्रतिबंध शुरू करने से पहले प्रसूति-विशेषज्ञ/डायटीशियन की सलाह लेना सुरक्षित रहता है।

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News news desk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *