राज ठाकरे डर गए थे, इसलिए स्थगित कर दी अयोध्या यात्रा : अबू आजमी
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
मुंबई : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अबू आजमी ने दावा किया है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने अपनी अयोध्या यात्रा इसलिए स्थगित कर दी क्योंकि वह डर गए थे। अब वह उत्तर प्रदेश के शहर में नहीं जाएंगे, क्योंकि उनमें हिम्मत नहीं है। महाराष्ट्र सपा प्रमुख अबू आजमी ने पुणे में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज ठाकरे की जल्द ही होने वाली सर्जरी के बारे में टिप्पणी अयोध्या यात्रा को टालने का एक बहाना था। ठाकरे की पार्टी ने पूर्व में महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के खिलाफ कथित रूप से हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था। अब उनके द्वारा बोई गई नफरत का जवाब नफरत के साथ दिया जा रहा है। विशेष रूप से, भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने ठाकरे की अयोध्या यात्रा का विरोध किया था, जो पहले 5 जून को निर्धारित थी। राज ठाकरे ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि उनकी अयोध्या यात्रा फिलहाल रोक दी गई है।
पुणे में एक रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने दावा किया कि उनकी प्रस्तावित अयोध्या यात्रा को लेकर चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को कानूनी जाल में फंसाने के लिए एक चाल थी। इसलिए उन्होंने अपनी यात्रा को स्थगित करने का फैसला किया। मनसे प्रमुख ने यह भी खुलासा किया कि वह पैर और कमर में दर्द से पीड़ित थे और एक जून को कूल्हे की हड्डी की सर्जरी होनी है।
राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए अबू आजमी ने कहा कि वह चिंतित हैं। उनकी राजनीति खत्म हो गई है। इसके साथ ही आजमी ने दावा किया कि कोई भी मनसे नेता अब उनको महत्व नहीं देता है। वह अब अयोध्या नहीं जाएंगे। क्योंकि उनमें हिम्मत नहीं है। उत्तर प्रदेश की भूमि हिंदुओं के लिए पवित्र है। आजमी ने ठाकरे से पूर्व में मनसे द्वारा विरोध के माध्यम से उत्तर भारतीयों की पिटाई और उन्हें अपमानित करने को लेकर सवाल भी पूछा।
मुंबई से विधायक और सपा नेता अबू आजमी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि भगवान राम नहीं चाहते कि राज ठाकरे अयोध्या जाएं। सर्जरी बहाना है। उनके पास हिम्मत नहीं है। वह डरे हुए हैं। नफरत बोओगे तो जवाब में नफरत मिलेगी।’ अबू आजमी ने कहा कि महाराष्ट्र भाजपा इकाई कथित तौर पर ठाकरे के साथ है। लेकिन उत्तर प्रदेश में उसके एक सांसद बृज भूषण शरण सिंह मनसे प्रमुख के अयोध्या दौरे का विरोध कर रहे हैं। भाजपा को ठाकरे के संबंध में अपनी नीति तय करनी चाहिए।
(जी.एन.एस)