राजस्थान-अजमेर में भामाशाह राठी परिवार ने बनवाया 2.64 करोड़ का संस्कृत स्कूल, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने किया लोकार्पण

जयपुर।

विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी एवं शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री श्री मदन दिलावर ने अजमेर के पास खेड़ा श्रीनगर में मंगलवार को भामाशाह श्री गोपाल राठी परिवार द्वारा 2.64 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित चंदनमल रामनारायणी राठी राजकीय प्रवेशिका संस्कृत विद्यालय के भवन का लोकार्पण किया।

राठी परिवार, स्कूली विद्यार्थी एवं ग्रामीणों की मांग पर शिक्षा मंत्री ने कार्यक्रम में ही स्कूल को 12 वीं तक करने, खेल मैदान के लिए भूमि आवंटित करने एवं स्कूल में 3 वर्ष की आयु तक के बच्चों को प्रवेश देने की घोषणा कर दी। यह संस्कृत स्कूल स्मार्ट क्लासरूम सहित सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस है।
खेड़ा श्रीनगर में मंगलवार को श्री चंदमल रामनारायणी राठी राजकीय संस्कृत प्रवेशिका विद्यालय का लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी के कहा कि संस्कृत सब भाषाओं की जननी है। इसी से विश्व की सभी भाषाएं निकली है। हम सभी को संस्कृत, संस्कृति एवं सनातन का सम्मान करना चाहिए। संस्कृत की उन्नति के लिए लगातार प्रयास किए जाने जरूरी हैं। संस्कृत संस्कृति की आत्मा हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत को आगे बढ़ाने के लिए इसे जीविका के साथ जोड़ा जाना अतिआवश्यक हैं। कॉलेजों और विश्वविद्यालयाें में संस्कृत शिक्षा, ज्योतिष, आयुर्वेद आदि के कोर्सेज शुरू किए जाने चाहिए। इसके लिए राज्य सरकार स्तर पर प्रयास किए जाएंगे। अजमेर में शीघ्र ही आयुर्वेद विश्वविद्यालय की शुरूआत होने वाली हैं। श्रीनगर संस्कृत स्कूल के बच्चों को अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद यहां नए विकल्प उपलब्ध हाेंगे। उन्होंने कहा कि हमने शिक्षा मंत्री के रूप में ऋृषि पाराशर, ऋृषि कणाद एवं अन्य महर्षियों के पाठ्यक्रम में जुड़वाए थे। यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहे ताकि संस्कृत और भारतीय वेदों के प्रति और अधिक जागरूकता बन सके। उन्होंने कहा कि संस्कृत का अध्यापन और अधिक गंभीरता से कराए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए विद्यार्थियों में भी रूचि जगानी होंगी। हजारों पांडुलिपियां ऎसी हैं जिनका अभी तक अध्ययन नहीं किया गया हैं। संस्कृत में लिखी गई इन पांडुलिपियों से हमें बड़ी उपलब्धियांं हो सकती हैं। शिक्षा मंत्री श्री मदन दिलावर ने कहा कि राजस्थान संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान लोक सेवा आयोग एवं कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से संस्कृत शिक्षा में करीब 4 हजार नई भर्तियां करने की तैयारी कर ली है। आने वाले समय में संस्कृत शिक्षा में एक भी पद रिक्त नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा में लिखे गए ग्रंथ अनेक आविष्कारों के आधार हैं। इस पर और अधिक शोध की जरूरत हैं। संस्कृत का ज्ञान प्राप्त करना, इसकी गहराई में जाना, शोध करना हमें और हमारे देश को और अधिक आगे ले जाएगा। राजस्थान सरकार का यह प्रयास है कि संस्कृत का प्रचलन अधिक से अधिक हो। दिलावर ने कहा कि संस्कृत को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प होकर काम कर रही है। राजस्थान के सभी संभाग मुख्यालयों पर वेद पाठशाएं खुलेगी। संस्कृत विद्यालयों के भवनों की मरम्मत के लिए राज्य सरकार ने 50 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। उन्होंने श्री चंदनमल रामनारायणी राठी प्रवेशिका विद्यालय को क्रमोन्नत कर वरिष्ठ उपाध्याय स्कूल बनाने की घोषणा की। उन्होंने उपखण्ड अधिकारी को निर्देश दिए कि स्कूल के खेल मैदान के लिए भूमि चिन्हित करें। साथ ही स्कूल में वाटिका श्रेणी में 3 वर्ष तक के बच्चों को भी प्रवेश मिलेगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह छोड़ें, गौ रक्षा एवं संवर्धन के लिए काम करें, प्राकृतिक खेती करें। इसी तरह प्लास्टिक के बर्तनों का उपयोग समाप्त करने के लिए गांवों में स्टील के बर्तनों का संग्रह बनाएं और सभी सामाजिक कार्यक्रमों में इन बर्तनों का उपयोग करें ताकि प्लास्टिक का उपयोग ना हो। उनके आग्रह पर राठी परिवार ने श्रीनगर के लिए 200 बर्तनों का सैट देने की घोषणा की। श्री दिलावर ने कहा कि प्लास्टिक के उपयोग के कारण कई बीमारियां होती हैं। इससे प्रति वर्ष 7.5 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती हैं। इस अवसर पर नसीराबाद विधायक श्री रामस्वरूप लांबा सहित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहें।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News news desk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *